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Future Value of Money : रिटायरमेंट प्लान बनाते समय महंगाई के असर को ध्यान में रखना जरूरी है. (AI Generated Image / ChatGPT)
Retirement Planning : आज की तेज रफ्तार जिंदगी में रिटायरमेंट की प्लानिंग हर किसी के लिए जरूरी है, खासकर उनके लिए जो अभी 20 या 30 की उम्र में हैं और अपनी फाइनेंशियल जर्नी की शुरुआत कर रहे हैं. कई लोग सोचते हैं कि अगर रिटायरमेंट तक 1 करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए, तो जिंदगी सैट हो जाएगी. बचपन से हम सबने सुना है कि "करोड़पति" बनना यानी ज़िंदगी में बहुत कुछ पा लेना. लेकिन हकीकत ये है कि पैसों के मामले में पुराने बेंचमार्क्स को पकड़ कर रखना आपकी आर्थिक सेहत के लिए भारी पड़ सकता है, खासकर तब जब महंगाई धीरे-धीरे आपके पैसों की ताकत को कम करती जा रही हो.
तो अगर आप आज से 30 साल बाद 1 करोड़ रुपये जमा करने की योजना बना रहे हैं, तो एक जरूरी सवाल खुद से पूछिए – क्या तब भी इसका उतना ही मोल रहेगा जितना आज है?
30 साल बाद 1 करोड़ की असली वैल्यू कितनी रह जाएगी?
मान लीजिए आप पूरे डिसिप्लिन के साथ निवेश करते हैं और रिटायरमेंट तक यानी करीब 60 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपये जमा कर लेते हैं. सुनने में बहुत बड़ी सफलता लगती है, है ना?
लेकिन ज़रा एक सच्चाई देखिए:
अगर हर साल औसतन 6% की दर से महंगाई बढ़ती रही, तो अगले 30 सालों में 1 करोड़ रुपये की असली कीमत घटकर सिर्फ 17.4 लाख रुपये रह जाएगी.
जी हां, जो रकम आज एक मिड साइज कार या 2-3 साल का किराया भर सकती है, वो 30 साल बाद आपकी पूरी रिटायरमेंट सेविंग होगी – अगर आप प्लानिंग में चूक कर गए तो.
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सबसे बड़ी गलती है ये सोचना कि 1 करोड़ काफी हैं
हममें से कई लोगों ने अपने पेरेंट्स या रिश्तेदारों को 1 करोड़ या उससे कम रकम में रिटायर होते देखा है और सोचा है कि यही काफी है. लेकिन ध्यान रहे – वो लोग आज रिटायर हो रहे हैं, आप तीन दशक बाद करेंगे.
आपकी जरूरतें, खर्च और ज़िंदगी का स्तर तीन गुना से ज्यादा महंगा हो जाएगा. ऐसे में पूरा हिसाब समझे बिना किसी अनुमानित रकम को लक्ष्य बना लेना एक भारी भूल साबित हो सकती है.
तो क्या करें? ये रहे कुछ स्मार्ट रिटायरमेंट प्लानिंग टिप्स
1. हर फाइनेंशियल गोल में महंगाई का ध्यान रखें
अगर आज आपको लगता है कि रिटायरमेंट के लिए 1 करोड़ काफी है, तो असल में आपको 3 से 4 करोड़ का टारगेट रखना चाहिए. अपने रिटायरमेंट कॉर्पस को हर साल कम से कम 6% महंगाई दर के हिसाब से अपडेट करें.
2. सिर्फ सेविंग नहीं, समझदारी से निवेश करें
फिक्स्ड डिपॉजिट या आरडी से रिटायरमेंट फंड नहीं बनेगा. आपको ऐसे निवेश चाहिए जो लंबे समय में 8% से 12% तक का रिटर्न दे सकें – जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, एनपीएस या ईटीएफ.
3. 'रियल रिटर्न' को समझें
अगर आपका निवेश सालाना 10% बढ़ रहा है लेकिन महंगाई 6% है, तो असल में आपकी कमाई सिर्फ 4% है. इस फर्क को समझना बहुत जरूरी है, नहीं तो पैसा दिखने में बड़ा लेकिन असल में छोटा रह जाएगा.
4. हर कुछ साल में रिव्यू करना न भूलें
ज़िंदगी बदलती है – नौकरी, परिवार, सेहत सबमें उतार-चढ़ाव आता है. इसलिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को हर 5-7 साल में जरूर रिव्यू करें और जरूरत के हिसाब से अपडेट करें.
सिर्फ 'करोड़' के आंकड़े पर मत जाइए
1 करोड़ रुपये का आंकड़ा सुनने में बड़ा लगता है, लेकिन 30 साल बाद ये शायद उतना काम का न रहे. रिटायरमेंट प्लानिंग का मकसद सिर्फ एक बड़ी दिखने वाली रकम तक पहुंचना नहीं है, बल्कि उस जिंदगी को बनाए रखना है जो आपने सोची है.
तो अगली बार जब आप सोचें कि "1 करोड़ काफी है", तो खुद से ये भी पूछें – "क्या इससे मैं 30 साल बाद वही ज़िंदगी जी पाऊंगा जो मैंने आज सोची है?"
रिटायरमेंट की तैयारी अभी से शुरू करें, सही निवेश करें और हर फैसले में महंगाई को ध्यान में रखें. क्योंकि असली सफलता वो है जो आपको आने वाले वक्त में भी चैन और सम्मान के साथ जीने दे.