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SBI Mutual Fund के NFO में सब्सक्रिप्शन 8 सितंबर 2025 तक खुला है. (AI Generated Image)
SBI Mutual Fund New Fund Offer : एसबीआई म्यूचुअल फंड ने निवेशकों के लिए एक नया फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्च किया है, जिसमें एक साथ कई स्कीम्स में निवेश करने का मौका मिलेगा. इस नई स्कीम का नाम है एसबीआई डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव एफओएफ (SBI Dynamic Asset Allocation Active FoF). इसमें निवेशक न सिर्फ इक्विटी और डेट का कॉम्बिनेशन चुन सकते हैं, बल्कि बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से एसेट एलोकेशन भी बदलता रहेगा. यानी बदलते हालात में यह फंड खुद को एडजस्ट करेगा और निवेशकों को रिस्क और रिटर्न के बीच बेहतर संतुलन देने की कोशिश करेगा.
कब तक खुला रहेगा यह NFO
SBI म्यूचुअल फंड के इस न्यू फंड ऑफर (NFO) में सब्सक्रिप्शन 25 अगस्त 2025 को ही खुल चुका है और 8 सितंबर 2025 तक खुला रहेगा. इसके बाद यह स्कीम ओपन-एंडेड फंड की तरह काम करेगी, जहां निवेशक कभी भी खरीद-बिक्री कर सकते हैं. खास बात यह है कि यह FoF न सिर्फ SBI म्यूचुअल फंड बल्कि अन्य म्यूचुअल फंड हाउस की इक्विटी और डेट स्कीम्स में भी पैसा लगाएगा. इसका मकसद लंबे समय में पूंजी का ग्रोथ यानी कैपिटल एप्रीसिएशन करना है.
डायनैमिक एसेट एलोकेशन का फायदा
इस स्कीम की सबसे बड़ी खूबी है इसका डायनैमिक एसेट एलोकेशन. अगर बाजार तेजी में है तो यह फंड इक्विटी की हिस्सेदारी बढ़ा सकता है और अगर माहौल उतार-चढ़ाव वाला है तो डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश बढ़ाया जा सकता है. यानी यह NFO निवेशकों को मार्केट के मूड के हिसाब से बैलेंस्ड एक्सपोजर का मौका भी देगा.
स्कीम की गाइडलाइन के मुताबिक इसमें इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम्स में 35% से 100% तक निवेश हो सकता है, जबकि डेट ओरिएंटेड स्कीम्स में 0% से 65% तक का अलोकेशन रहेगा. वहीं, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिकतम 5% तक निवेश किया जा सकता है.
कौन संभाल रहा है फंड मैनेजमेंट
इस फंड के इक्विटी पोर्टफोलियो को निधि चावला और डेट हिस्से को अर्धेंदु भट्टाचार्य मैनेज करेंगे. दोनों ही अनुभवी फंड मैनेजर हैं और लंबे समय से SBI म्यूचुअल फंड में अलग-अलग स्कीम्स को मैनेज कर रहे हैं.
मिनिमम इनवेस्टमेंट और एग्जिट लोड
इस स्कीम में निवेश के लिए कम से कम 5,000 रुपये लगाने होंगे. उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में अतिरिक्त निवेश किया जा सकता है. निवेशक इसमें SIP के जरिए भी पैसा लगा सकते हैं, जिसकी सुविधा डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली, हाफ-इयरली और एनुअल आधार पर उपलब्ध होगी.
अगर आप 12 महीने से पहले यूनिट्स बेचते हैं तो 25% तक यूनिट्स पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा. लेकिन इससे ज्यादा यूनिट्स पर 1% एग्जिट लोड देना होगा. वहीं, 12 महीने के बाद यूनिट्स बेचने पर कोई चार्ज नहीं है.
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किन निवेशकों के लिए सही है यह स्कीम
कुल मिलाकर यह FoF इक्विटी और डेट स्ट्रैटजी को जोड़कर डाइवर्सिफिकेशन और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का मौका देता है. जो निवेशक ऐसा फंड खोज रहे हैं, जिसमें इक्विटी और डेट दोनों का बैलेंस बना रहे, उन्हें यह स्कीम एक ऑल-इन-वन डायवर्सिफाइड ऑप्शन मुहैया कराएगी. यानी यह फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर माना जा सकता है जो लंबी अवधि के लिए पूंजी बढ़ाना चाहते हैं और चाहते हैं कि उनके निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर न हो.
एक ही स्कीम में इक्विटी और डेट का कॉम्बिनेशन होने से यह FoF रिस्क मैनेजमेंट और डायवर्सिफिकेशन का मजबूत विकल्प देता है. यानी जिन निवेशकों को बैलेंस्ड और स्मार्ट अप्रोच चाहिए, उनके लिए यह NFO आकर्षक साबित हो सकता है. हालांकि स्कीम को रिस्कोमीटर पर हाई रिस्क (High Risk) की रेटिंग मिली है. यानी इसमें भी बाजार से जुड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे. इसलिए निवेश के बारे में फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर देख लें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइज से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)