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NFO Review: SBI MF के एनएफओ में सब्सक्रिप्शन खुला, ट्रेडिशनल इनवेस्टिंग से कैसे अलग है ये क्वांट फंड, आपको करना चाहिए निवेश?

SBI Mutual Fund NFO: एसबीआई क्वांट फंड के नाम से लॉन्च एनएफओ में सब्सक्रिप्शन आज यानी 4 दिसंबर से खुल गया है. ट्रेडिशनल इनवेस्टिंग से कैसे अलग है क्वांट-बेस्ड इनवेस्टमेंट थीम?

SBI Mutual Fund NFO: एसबीआई क्वांट फंड के नाम से लॉन्च एनएफओ में सब्सक्रिप्शन आज यानी 4 दिसंबर से खुल गया है. ट्रेडिशनल इनवेस्टिंग से कैसे अलग है क्वांट-बेस्ड इनवेस्टमेंट थीम?

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Viplav Rahi
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NFO Alert: SBI Quant Fund एक ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है, जिसके लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन क्वांट मॉडल के आधार पर किया जाएगा. (Image : Pixabay)

SBI Mutual Fund NFO: देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस में शामिल SBI म्यूचुअल फंड के नये फंड ऑफर (NFO) में सब्सक्रिप्शन आज यानी 4 दिसंबर से खुल गया है. एसबीआई क्वांट फंड (SBI Quant Fund) एक ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है, जो क्वांट-बेस्ड इनवेस्टमेंट थीम पर आधारित है. इस NFO में निवेश के लिए सब्सक्रिप्शन 18 दिसंबर तक खुला रहेगा. SBI क्वांट फंड का 80 से 100% हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्ट किया जाएगा. निवेशकों को लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ का लाभ देने के लिए पेश की गई इस स्कीम के लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन क्वांट मॉडल के आधार पर किया जाएगा.

क्वांट बेस्ड इनवेस्टमेंट का मतलब क्या है

क्वांट आधारित फंड्स निवेश के लिए एसेट्स का सेलेक्शन खास तरीके से करते हैं. इसमें निवेश के फैसले सिर्फ फंड मैनेजर की मर्जी और समझदारी पर निर्भर नहीं होते. इसके लिए आंकड़ों और कैलकुलेशन पर आधारित एक सेलेक्शन मॉडल की मदद ली जाती है. दरअसल, क्वांट फंड डेटा आधारित इनवेस्टमेंट सॉल्यूशन हैं. इनमें निवेश के फैसले इमोशनल बायस यानी पक्षपातपूर्ण भावनाओं या भविष्य के अनुमानों (predictions) पर आधारित होने की बजाय मैथमेटिकल मॉडल्स पर आधारित होते हैं. इनके मॉडल्स की मदद से ही फैक्टर ट्रेंड्स और निवेश की संभावनाओं की पहचान की जाती है और निवेश के लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन भी होता है. 

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 स्टॉक्स के विश्लेषण का खास तरीका  

खास बात ये है कि क्वांट बेस्ड मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिदम जैसी नई तकनीकी का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कि जाता है. इसे एक तरह से इसे एक्टिव फंड में स्टॉक्स सेलेक्शन के लिए पैसिव फंड्स जैसी तकनीक का इस्तेमाल भी कह सकते हैं. फंड मैनेजर जिस डेटा-आधारित मॉडल का इस्तेमाल करके शेयरों का चुनाव करते हैं, उसमें फंडामेंटल और टेक्निकल, दोनों तरह के फैक्टर्स को शामिल किया जाता है. क्वांट फंड्स की एक बड़ी खूबी स्टॉक्स के विश्लेषण का उनका तरीका है. जिसे फैक्टर इनवेस्टिंग भी कहा जाता है.

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ट्रेडिशनल पैसिव स्ट्रैटजी से कैसे अलग है फैक्टर इनवेस्टिंग?

इनवेस्टिंग स्ट्रैटजी का मतलब सिर्फ स्टॉक्स का चुनाव करना नहीं होता. इसका मतलब ये समझना है कि बेहतर रिटर्न कैसे जेनरेट किए जा सकते हैं. फैक्टर इनवेस्टिंग का फोकस वैल्यू, मोमेंटम और क्वॉलिटी जैसे उन खास फैक्टर्स पर रहता है, जिनसे बेहतर रिटर्न जेनरेट करने में मदद मिलती है. जबकि ट्रेडिशनल पैसिव इनवेस्टिंग का जोर अलग-अलग एसेट क्लास, रीजन्स या सेक्टर्स में फंड्स के ब्रॉड एलोकेशन पर रहता है. 

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क्या है SBI की खास मल्टी-फैक्टर स्ट्रैटजी 

SBI म्यूचुअल फंड का कहना है कि उनका क्वांट फंड SBI के खास मल्टी-फैक्टर मॉडल (SBI Multi-factor Model) को फॉलो करेगा. यह मल्टी फैक्टर स्ट्रैटजी मोमेंटम, क्वॉलिटी, वैल्यू और ग्रोथ को मिलाकर तैयार की जाएगी, ताकि एक ऐसा डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाया जा सके, जो मार्केट साइकल्स को ध्यान में रखकर चले. फंड हाउस को उम्मीद है कि मल्टीपल फैक्टर्स को ध्यान में रखकर तैयार की गई निवेश रणनीति के जरिये न सिर्फ बैलेंस्ड रिटर्न हासिल किए जा सकेंगे, बल्कि किसी भी एक फैक्टर में आने वाले बदलाव के असर को कम किया जा सकेगा. यह फंड बेस्ट परफॉर्मिंग फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए अपने एलोकेशन को डायनैमिक ढंग से एडजस्ट करता रहेगा. इससे वोलैटिलिटी यानी अस्थिरता और पक्षपातपूर्ण बर्ताव को कम करने में मदद मिलेगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिदम के इस्तेमाल की वजह से यह प्रॉसेस पूरी तरह से निष्पक्ष और ज्यादा सटीक होती है. यानी फंड मैनेजर की निजी भावनाओं का असर निवेश के फैसलों पर नहीं होता है. इससे निवेशकों को बेहतर रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है.

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SBI क्वांट फंड की निवेश रणनीति

SBI क्वांट फंड का उद्देश्य लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. इस फंड का 80% से 100% तक हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाएगा. इसके लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन क्वांट मॉडल के आधार पर ही होगा. स्कीम के कॉर्पस का अधिकतम 20% हिस्सा दूसरे एसेट्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में भी इनवेस्ट किया जा सकता है. इसके अलावा अधिकतम 10% तक निवेश REITs और InvITs जैसे एसेट्स में भी किया जा सकता है.फंड का बेंचमार्क BSE 200 TRI है.

SBI क्वांट फंड NFO की खास बातें

  • NFO में सब्सक्रिप्शन की तारीख: 4 दिसंबर 2024 से 18 दिसंबर 2024.
  • मिनिमम इनवेस्टमेंट: 5,000 रुपये
  • मिनिमम मंथली SIP : 1,000 रुपये
  • बेंचमार्क: BSE 200 TRI.
  • रिस्क लेवल: बहुत अधिक (Very High)
  • फंड मैनेजर: सुकन्या घोष और प्रदीप केसवन.
  • एग्जिट लोड: 6 महीने के भीतर 0.5%, 6 महीने के बाद कुछ नहीं.

किनके लिए सही है SBI क्वांट फंड में निवेश

SBI क्वांट फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है, जो क्वांट बेस्ड मॉडल पर आधारित निवेश में दिलचस्पी रखते हैं और लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं. निवेश का फैसला करने से पहले निवेशकों को यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि यह एक इक्विटी फंड है, जिस पर मार्केट के उतार-चढ़ावों का सीधा असर पड़ सकता है. यही वजह है कि इस फंड को वेरी हाई रिस्क लेवल में रखा गया है. लिहाजा, यह फंड उन्हीं निवेशकों के लिए है, जो इक्विटी में निवेश से जुड़ा रिस्क लेने की तैयारी और क्षमता रखते हैं. एसआईपी के जरिये निवेश करने पर मार्केट में उतार-चढ़ाव के असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. 


(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

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