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NFO Review: SBI MF की यह स्कीम पोर्टफोलियो का कम से कम 95% और अधिकतम 100% हिस्सा Nifty100 Low Volatility 30 Index में लगाएगी. (AI Generated Image)
SBI Mutual Fund NFO : देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) के एक नये फंड ऑफर (New Fund Offer) में सब्सक्रिप्शन बंद होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. एसबीआई निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड (SBI Nifty100 Low Volatility 30 Index Fund) के नाम से लॉन्च इस स्कीम के NFO में सब्सक्रिप्शन 22 जुलाई 2025 को बंद होने जा रहा है. यह एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है, जो निवेशकों को लो वॉलेटिलिटी यानी कम उथल-पुथल वाली 30 बड़ी कंपनियों में निवेश का मौका दे रहा है. अगर आप शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, लेकिन अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा उथल-पुथल पसंद नहीं करते, तो SBI म्यूचुअल फंड की इस नई स्कीम पर विचार कर सकते हैं.
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड की खास बातें
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड के NFO में सब्सक्रिप्शन 8 जुलाई 2025 से खुला हुआ है और 22 जुलाई 2025 को बंद होगा. NFO के दौरान इस स्कीम में मिनिमम इनवेस्टमेंट 5,000 रुपये है, जिसके बाद 1 रुपये के मल्टिपल में निवेश किया जा सकता है. आप चाहें तो इस स्कीम में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये भी पैसे लगा सकते हैं. एसआईपी के लिए यह स्कीम डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली, सिक्स मंथली या एनुअल इनवेस्टमेंट के ऑप्शन भी मुहैया करा रही है.
NFO में कैसे होगा स्टॉक्स का सेलेक्शन
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड का बेंचमार्क Nifty100 Low Volatility 30 Index है. इस इंडेक्स में Nifty100 इंडेक्स की उन 30 कंपनियों को शामिल किया गया है जिनमें पिछले एक साल के दौरान सबसे कम वॉलेटिलिटी यानी कम उतार-चढ़ाव आया है. इस इंडेक्स की खास बात यह है कि इसमें कंपनियों को उनकी वॉलेटिलिटी से उलटा वेटेज दिया जाता है. यानी जिस कंपनी के स्टॉक्स में वॉलेटिलिटी जितनी कम होती है, उसे उतना ही ज्यादा वेटेज दिया जाता है. इससे इंडेक्स में स्टेबिलिटी आती है और बाजार में गिरावट के समय झटके कम लगते हैं. SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम का पोर्टफोलियो इसी इंडेक्स को फॉलो करेगा, लिहाजा SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड से भी ज्यादा स्टेबल रिटर्न मिलने की उम्मीद की जा रही है.
स्कीम की निवेश रणनीति और रिस्क लेवल
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड के पोर्टफोलियो में Nifty100 Low Volatility 30 Index में शामिल स्टॉक्स का हिस्सा कम से कम 95% और मैक्सिमम 100% होगा. बाकी 0 से 5% निवेश सरकार द्वारा जारी बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स और लिक्विड म्यूचुअल फंड्स में किया जा सकता है. मैक्सिमम इनवेस्टमेंट इक्विटी में किए जाने की वजह से इस फंड को रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक रिस्क (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है.
NFO के फंड मैनेजर
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड के मैनेजर विरल छड़वा होंगे, जो दिसंबर 2020 से SBI म्यूचुअल फंड से जुड़े हैं और कई पैसिव फंड्स को मैनेज कर रहे हैं. SBI Mutual Fund देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है, जिसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM), जुलाई 2025 तक 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका था.
कम रिस्क में लॉन्ग टर्म ग्रोथ का दावा
SBI फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड के MD और CEO नंद किशोर ने नई स्कीम के लॉन्च के मौके पर कहा, "NIFTY100 Low Volatility 30 Index निवेशकों को Nifty100 की 30 सबसे कम वॉलेटिलिटी वाली कंपनियों में निवेश का मौका देता है. इस इंडेक्स ने लंबे समय में Nifty100 की तुलना में कम रिस्क के साथ अच्छे रिटर्न दिए हैं. यह फंड उन निवेशकों के लिए है जो अपने पोर्टफोलियो में स्टेबिलिटी के साथ लंबे समय में धीरे-धीरे वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं.” फंड हाउस का मानना है कि लो-वॉलेटिलिटी (Low-volatility) इनवेस्टमेंट की सोच निवेशकों को बाजार में अचानक आने वाली गिरावट के दौरान नुकसान से बचाती है. इस वजह से यह फंड समझदार निवेशकों को संतुलित रिटर्न हासिल करने का मौका दे सकता है.
क्या आपको करना चाहिए निवेश
SBI निफ्टी 100 लो वॉलेटिलिटी 30 इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए सही ऑप्शन हो सकता है, जो लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के लिए इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं और पैसिव इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी पर भरोसा करते हैं. चूंकि यह स्कीम एक ऐसे इंडेक्स को फॉलो करेगी, जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच स्टेबल रिटर्न देने के लिए डिजाइन किया गया है, इसलिए इसमें लॉन्ग टर्म में संतुलित रिटर्न मिलने की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले याद रखना चाहिए कि सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स की तरह इसमें भी मार्केट रिस्क जुड़ा हुआ है. इसलिए अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले लेने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें.)