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SCSS Interest : सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में जमा की अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये है, जबकि ब्याज 8.2% सालाना है. Photograph: (pixabay)
Senior Citizen Savings Scheme Account : सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) एक सरकारी स्कीम है, जिसे रिटायरमेंट बेनेफिट प्रोग्राम के रूप में देखा जाता है. वरिष्ठ नागरिक इस योजना में व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. इस योजना में निवेश करने पर टैक्स लाभ के साथ रेगुलर इनकम भी हासिल की जा सकती है.
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम के तहत अकाउंट पोस्ट ऑफिस (Post Office Savings) की किसी भी ब्रॉन्च पर खुलवाया जा सकता है. यह सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स स्कीम है. अगर आप भी अपने जमा पैसों पर सुरक्षा के साथ साथ हाई रिटर्न और रेगुलर इनकम का इंतजाम करना चाहते हैं तो अपने पैरेंट्स के नाम पर अकाउंट खोलकर फायदा उठा सकते हैं.
SCSS : हर साल 2,40,600 रुपये ब्याज
पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) में जमा की अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये है. इस स्कीम में मिलने वाला ब्याज 8.2 फीसदी सालाना है. वहीं इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है.
अधिकतम जमा: 30 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
मंथली ब्याज: 20,050 रुपये
तिमाही ब्याज: 60,150 रुपये
सालाना ब्याज: 2,40,600 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 12,03,000
मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट: 42,03,000 लाख रुपये (30,00,000 रुपये मूलधन + 12,03,000 रुपये ब्याज)
1 साल में जहां इस स्कीम के जरिए 2,40,600 रुपये ब्याज मिल रहा है, वहीं 5 साल यानी मैच्योरिटी पर 12,03,000 रुपये ब्याज बनेगा.
डिपॉजिट के नियम
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में कम से कम 1000 रुपये निवेश करने की सुविधा है. वहीं अधिकतम निवेश की लिमिट 30,00,000 रुपये है. जबकि अगर आप अपने स्पाउस के साथ अलग अलग 2 अकाउंट चाहते हैं तो दोनों अकाउंट में अलग अलग मिलाकर 60 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
इस स्कीम में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स लाभ भी मिलता है. पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स (Small Savings Scheme) पर सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है, इसलिए इसमें सुरक्षा और रिटर्न की कोई चिंता नहीं होती.
प्री-मैच्योर निकासी करने पर कितना नुकसान
SCSS खाते को 5 साल के लॉक-इन से पहले बंद करने पर पेनाल्टी लगती है. यह पेनाल्टी इस बात पर निर्भर है कि आपको खाता खोले हुए कितना वक्त हुआ है.
अगर खाते को एक साल से पहले बंद किया जाता है, तो जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाता. अगर ब्याज का भुगतान किया जा चुका है, तो उसे मूलधन से काट लिया जाएगा.
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अगर खाते को 1 साल के बाद लेकिन 2 साल से पहले बंद किया गया, तो भुगतान के समय खाते में जमा राशि से 1.5 फीसदी रकम काट ली जाती है.
अगर खाते को 2 साल के बाद लेकिन 5 साल से पहले बंद किया जाता है, तो प्रिंसिपल अमाउंट से 1 फीसदी रकम काट ली जाती है.
अगर आपका SCSS खाता एक एक्सटेंडेड अकाउंट है, तो खाते के एक्सटेंशन के एक साल बाद बंद करने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ेगी.