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SCSS Interest : सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम में तिमाही ब्याज अमाउंट पर आगे इंटरेस्ट नहीं जुड़ता है. इंटरेस्ट प्रिंसिपल अमाउंट पर ही मिलता है. (Pixabay)
Why SCSS is Best for Retired Person : वरिष्ठ नागरिकों या रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) को सबसे बेहतर इन्वेस्टमेंट स्कीम मानी जाती है. बहुत से लोगों के मन में ये बात होगी कि अगर इस स्कीम पर ब्याज दर 8.2 फीसदी है तो मैच्योरिटी पर निवेश की वैल्यू फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तुलना में ज्यादा होगी. पोस्ट ऑफिस की 5 साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम यानी एफडी पर ब्याज दर 7.50 फीसदी है. जबकि एसबीआई में वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल की एफडी पर 7.50 फीसदी ब्याज मिल रहा है. लेकिन आप गलत हैं. ज्यादातर एफडी स्कीम में मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम SCSS की तुलना में ज्यादा है. फिर भी SCSS क्यों बेहतर विकल्प है.
SCSS : मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा अमाउंट
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 10 लाख रुपये
ब्याज दर : 8.2% सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
तिमाही ब्याज: 20,500 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 4,10,000
कुल रिटर्न: 14,10,000 लाख रुपये
FD : मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा अमाउंट
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 10 लाख रुपये
ब्याज दर : 7.50% सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
5 साल में कुल ब्याज: 4,35,629
कुल रिटर्न: 14,35,629 लाख रुपये
कहां ज्यादा फायदा
कैलकुलेशन में साफ है कि सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम में अगर तिमाही ब्याज पर क्लेम न करें तो 10 लाख के निवेश पर मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट 14,10,000 लाख रुपये होगा. जबकि एफडी में 10 लाख के निवेश पर मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट 14,35,629 लाख रुपये होगा. असल में एफडी पर हर साल के ब्याज पर आगे भी ब्याज जुड़ता है. जबकि सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम में तिमाही ब्याज पर आगे ब्याज नहीं मिलता है. ब्याज प्रिंसिपल अमाउंट पर ही मिलता है.
SCSS क्यों है वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेस्ट
मैच्योरिटी पर कम अमाउंट के बाद भी सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम को फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर माना जाता है. इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि इसमें रिटायरमेंट के बाद भी रेगुलर इनकम का मौका मिलता है. सीनियर सिटीजेंस एक बार इस योजना में निवेश कर हर 3 महीने में ब्याज के रूप में इनकम कर सकते हैं. जबकि एफडी में इसकी सुविधा नहीं है. एफडी में एक बार पैसा लॉक हो गया तो उसका फायदा मैच्योरिटी के बाद ही मिलेगा. सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम के तहत एक घर के 2 अलग अलग मेंबर अलग अलग अकाउंट खोल सकते हैं. ऐसे में उस घर में आने वाली इन​कम भी डबल हो जाएगी.
SCSS से कितनी होगी रेगुलर इनकम
इस स्कीम में अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये निवेश करें तो हर 3 महीने में आपके खाते में 61,500 रुपये आ जाएंगे. जो मंथली 20500 रुपये होंगे और सालाना 2,46,000 रुपये होंगे.
अधिकतम जमा: 30 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
तिमाही ब्याज: 60,150 रुपये
सालाना ब्याज: 2,40,600 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 12,03,000
कुल रिटर्न: 42,03,000 लाख रुपये
SCSS : अगर एक घर में 2 अलग अकाउंट हो तो
अधिकतम जमा: 60 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
तिमाही ब्याज: 1,20,300 रुपये
सालाना ब्याज: 4,81,200 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 24,06,000
कुल रिटर्न: 84,06,000 लाख रुपये
हाइएस्ट सेफ्टी, हाई रिटर्न और टैक्स सेविंग्स
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम को खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो हाइएस्ट सेफ्टी, हाई रिटर्न और टैक्स सेविंग्स बेनेफिट (Tax Benefits) के साथ रेगुलर इनकम (Regular Income) का मौका देती है. इस स्कीम को रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक इस योजना में व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से एकमुश्त निवेश कर सकते हैं और टैक्स बेनेफिट के साथ हाई रिटर्न हासिल कर सकते हैं. इस स्कीम की मैच्योरिटी अवधि 5 साल है और इस पर 8.2 फीसदी सालाना (तिमाही कंपाउंडिंग) की दर से ब्याज मिल रहा है.
(source : india post, scss calculator, fd calculator)