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Sebi Big Action: सेबी ने ndusInd बैंक के पूर्व CEO सुमंत कठपालिया समेत 5 लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. (File Photo : Reuters)
Sebi Big Action in IndusInd Bank Case: देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इंडसइंड बैंक से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने बुधवार को जारी आदेश के जरिये इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कठपालिया (Sumant Kathpalia) और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सिक्योरिटीज मार्केट (securities market) में कारोबार करने से रोक दिया है. इन सभी पर इंसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) के आरोप हैं, जो बैंक के शेयरों से जुड़े हैं.
क्या है पूरा मामला?
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में बताया कि इन पांचों लोगों ने बैंक से जुड़ी ऐसी जानकारी के आधार पर शेयरों में ट्रेडिंग की, जो उस समय सार्वजनिक नहीं थी. यानी जब इन लोगों को रिजर्व बैंक (RBI) के एक निर्देश के आधार पर बैंक के ऑपरेशंस पर संभावित असर की जानकारी थी, तब उन्होंने निजी फायदे के लिए शेयरों की खरीद-बिक्री की.
किन लोगों पर लगा बैन?
सेबी ने जिन पांच अधिकारियों पर कार्रवाई की है, वे सभी उस समय बैंक के ऊंचे पदों पर थे. इनमें शामिल हैं:
सुमंत कठपालिया, पूर्व CEO
अरुण खुराना, बैंक के तत्कालीन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और डिप्टी सीईओ (Deputy CEO)
सुशांत सौरव, हेड - ट्रेजरी ऑपरेशंस
रोहन जथाना, हेड - GMG ऑपरेशंस
अनिल मार्को राव, CAO - कंज्यूमर बैंकिंग ऑपरेशंस
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने अप्रकाशित प्राइस सेंसेटिव जानकारी (Unpublished Price Sensitive Information) का गलत फायदा उठाया और शेयर बाजार में ट्रेडिंग की, जो SEBI के इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन है.
RBI के आदेश से जुड़ा है मामला
यह पूरा मामला उस समय शुरू हुआ जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक मास्टर डायरेक्शन (Master Direction) जारी किया, जिसका इंडसइंड बैंक के कामकाज पर सीधा असर पड़ा. बैंक की आंतरिक टीम ने उस निर्देश के संभावित वित्तीय प्रभावों का विश्लेषण किया था और इन अधिकारियों के पास वो गोपनीय जानकारी पहले से थी.
सेबी की जांच में क्या सामने आया?
सेबी की जांच में पाया गया कि इन अधिकारियों ने उस संवेदनशील जानकारी के सार्वजनिक होने से पहले ही शेयरों की ट्रेडिंग कर ली थी. इससे उन्हें निजी मुनाफा हो सकता था, जो इनसाइडर ट्रेडिंग की स्पष्ट मिसाल है.
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कितना पैसा जब्त किया गया?
सेबी ने इन पांचों व्यक्तियों से कुल 19.78 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है. यह रकम कथित तौर पर गलत तरीके से कमाई गई मानी जा रही है.
सेबी ने अपने आदेश में क्या कहा?
सेबी ने अपने आदेश में कहा, "सभी नोटिसी – यानी नोटिसी संख्या 1 से 5 तक को अगला आदेश आने तक किसी भी तरह से सीधे या परोक्ष रूप से शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त या किसी भी तरह का लेन-देन करने से रोका जाता है." इसका मतलब है कि ये अधिकारी तब तक शेयर बाजार में कोई भी गतिविधि नहीं कर सकते जब तक सेबी की ओर से कोई अगला आदेश न आ जाए.