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Best investment options after retirement : मैच्योरिटी पर कम अमाउंट के बाद भी सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम को फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर माना जाता है. (Pixabay)
SCSS vs FD which is better for senior citizens in India : रिटायर के बाद या वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) को सबसे बेहतर इन्वेस्टमेंट स्कीम मानी जाती है. बहुत से लोगों के मन में ये बात होगी कि अगर इस स्कीम पर ब्याज दर 8.2 फीसदी है तो मैच्योरिटी पर निवेश की वैल्यू फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तुलना में ज्यादा होगी. ज्यादातर प्रमुख बैंक या पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम से कम ब्याज मिल रहा है.
पोस्ट ऑफिस की 5 साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम यानी एफडी (Senior Citizen FD) पर ब्याज दर 7.50 फीसदी है. जबकि एसबीआई में वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल की एफडी पर 7.35 फीसदी ब्याज मिल रहा है. कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक ही 8 फीसदी के आस पास ब्याज दे रहे हैं, लेकिन उन्हें लेकर निवेशकों में अट्रैक्शन कम है. फिर भी ज्यादातर एफडी स्कीम में मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम SCSS की तुलना में ज्यादा है.
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SCSS : मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा अमाउंट
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 25 लाख रुपये
ब्याज दर : 8.2% सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
तिमाही ब्याज: 51,250 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 10,25,000
कुल रिटर्न: 35,25,000 लाख रुपये
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FD : मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा अमाउंट
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 25 लाख रुपये
ब्याज दर : 7.50% सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
5 साल में कुल ब्याज: 11,24,870
कुल रिटर्न: 36,24,870 लाख रुपये
यहां अगर 7.50 फीसदी एफडी की औसत दर मानें तो 25 लाख के निवेश पर 11,24,870 रुपये ब्याज मिल रहा है. वहीं 8.2 फीसदी ब्याज वाले एससीएसएस में 25 लाख जमा पर 10,25,000 रुपये ब्याज मिल रहा है. इसकी वजह है कि एससीएसएस में ब्याज तिमाही बेसिस पर (तिमाही कंपाउंडिंग) खाते में आता है. और फिर उस ब्याज पर ब्याज नहीं मिलता. जबकि एफडी में ब्याज सालाना बेसिस पर दिया जाता है.
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SCSS क्यों है बेस्ट स्कीम
मैच्योरिटी पर कम अमाउंट के बाद भी सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम को फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर माना जाता है. इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि इसमें रिटायरमेंट के बाद भी रेगुलर इनकम का मौका मिलता है. सीनियर सिटीजेंस एक बार इस योजना में निवेश कर हर 3 महीने में ब्याज के रूप में इनकम कर सकते हैं. जबकि एफडी में इसकी सुविधा नहीं है. एफडी में एक बार पैसा लॉक हो गया तो उसका फायदा मैच्योरिटी के बाद ही मिलेगा. सीनियर सिटीजेंस सेविंग्स स्कीम के तहत एक घर के 2 अलग अलग मेंबर अलग अलग अकाउंट खोल सकते हैं. ऐसे में उस घर में आने वाली इन​कम भी डबल हो जाएगी.
हाइएस्ट सेफ्टी, बेहतर रिटर्न
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम को खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो हाइएस्ट सेफ्टी, हाई रिटर्न और टैक्स सेविंग्स बेनेफिट (Tax Benefits) के साथ रेगुलर इनकम (Regular Income) का मौका देती है.
वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी भी सामान्य एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न देती है. ज्यादातर बैंकों की एफडी सेफ होती है, लेकिन इस पर 100 फीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं है. बैंक के डिफाल्ट कर जाने पर 5 लाख रुपये तक की रकम ही सेफ है.
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम को रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक इस योजना में व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से एकमुश्त निवेश कर सकते हैं.
जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखने का तरीका है, जहां बैंक के बचत खाते के मुकाबले हाई रिटर्न मिल रहा है.
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