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Small Cap Investment: स्मॉल कैप में निवेश के लिए सही रणनीति अपनाएं तो रिस्क को मैनेज करते हुए बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. (Image : Pixabay)
How to successfully invest in Small Cap: बाजार आधारित निवेश से मोटी कमाई करनी हो, तो ऊंचा रिटर्न देने वाले स्मॉल कैप शेयर या स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड का जिक्र आ ही जाता है. लेकिन स्मॉल कैप के साथ हाई रिटर्न के साथ ही साथ हाई रिस्क भी जुड़ जाता है. यानी स्मॉल कैप शेयर या उनमें पैसे डालने वाले स्मॉल कैप फंड्स, निवेश पर मोटा मुनाफा तो दे सकते हैं, लेकिन उनके साथ ज्यादा जोखिम भी जुड़ा होता है. यही वजह है कि आमतौर पर छोटे निवेशकों को स्मॉल कैप से दूरी बनाए रखने या उनमें एक्सपोजर बेहद सीमित रखने की सलाह दी जाती है.
स्मॉल कैप में निवेश का मतलब
स्मॉल कैप में निवेश का मतलब है अपने पैसों को ऐसी छोटी कंपनियों में लगाना, जिनमें आगे चलकर बेहतर रिटर्न देने की क्षमता हो. ये कंपनियां, आकार में छोटी होने के बावजूद, तेज़ी से बढ़ने की क्षमता रखती हैं. यही बात मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड्स के बारे में भी कही जा सकती है. हालांकि स्मॉल कैप में निवेश के साथ एक बड़ा जोखिम भी जुड़ा रहता है, क्योंकि स्मॉल कैप इनवेस्टमेंट काफी अस्थिर माने जाते हैं. यही वजह है कि सिर्फ उन्हीं लोगों को इनमें निवेश की सलाह दी जाती है, जो बाज़ार में आने वाले भारी उतार-चढ़ाव को हैंडल कर सकते हैं.
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स्मॉल कैप में निवेश का मुख्य आकर्षण
असाधारण रिटर्न मिलने की संभावना स्मॉल कैप में निवेश का मुख्य आकर्षण है. उन छोटी कंपनियों में निवेश करना जबरदस्त ढंग से फायदेमंद साबित हो सकता है, जिनके बिजनेस में आगे चलकर नई ऊंचाइयां छूने की संभावना हो. हालांकि इस दौरान उनमें काफी उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं. जिसे झेलना सबके लिए संभव नहीं हो सकता है. लेकिन जो लोग इसे बर्दाश्त करने की क्षमता रखते हैं, वे अच्छा-खासा मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
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स्मॉल कैप में सफल निवेश की रणनीति
बाजार में निवेश से जुड़ा एक सच यह भी है कि जिन निवेशकों को मार्केट में पैसे लगाकर मोटा मुनाफा कमाना है या मल्टीबैगर की तलाश है, वे स्मॉल कैप को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकते. स्मॉल कैप में निवेश करने वाले अगर सही रणनीति पर अमल करें तो रिस्क को मैनेज करते हुए बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. स्मॉल कैप में निवेश की स्ट्रैटजी को सफल बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
1. डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान दें : रिस्क को कम करने के लिए अपने पैसों को कई स्मॉल कैप फंडों में बांटकर निवेश करें.
2. नियमित रूप से निवेश करें : बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के बीच कॉस्ट एवरेजिंग करने के लिए सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से नियमित निवेश करें.
3. लॉन्ग टर्म नजरिये से निवेश : बाजार की अस्थिरता का मुकाबला करना है, तो आपको अपना इनवेस्टमेंट होराइजन 7 से 10 साल तक रखना चाहिए.
4. रिसर्च पर ध्यान दें : स्मॉल कैप में निवेश से मुनाफा कमाना है और मल्टी-बैगर स्टॉक्स की पहचान करनी है, तो आपको रिसर्च पर मेहनत करनी पड़ेगी. तभी आप सही समय पर ऐसी कंपनियों की पहचान कर पाएंगे, जो आगे चलकर मोटा मुनाफा देने की संभावना रखती हैं.
5. धैर्य बनाए रखें : लंबी अवधि में स्मॉल कैप में निवेश के जरिये मुनाफा कमाना है, तो बाजार में आने वाले शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव के बीच धैर्य बनाए रखना जरूरी है. तभी आप निवेश के सही मौकों का लाभ उठा पाएंगे.
सही स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड का सेलेक्शन
स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करना, भविष्य में बड़ा मुनाफा देने की संभावना रखने वाली छोटी कंपनियों में निवेश करने का एक सुरक्षित और अधिक व्यावहारिक तरीका हो सकता है. फंड मैनेजरों के पास अच्छे स्मॉल कैप स्टॉक चुनने और खराब या संदेहजनक मैनेजमेंट वाले स्टॉक से दूर रहने के लिए जरूरी विशेषज्ञता होती है. सही फंड चुनने के लिए फुल मार्केट साइकल (full market cycle) के दौरान उसके प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और फंड मैनेजर के अनुभव और रणनीति पर विचार करना भी जरूरी है.
फंड के साइज और लिक्विडिटी का महत्व
स्मॉल कैप फंड जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, फंड मैनेजरों के लिए अपने प्रदर्शन को बनाए रखना अधिक चुनौती भरा काम हो जाता है. कैपिटल का फ्लो बहुत बड़ा हो, तो फंड मैनेजर के लिए स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों की कीमतों पर असर डाले बिना उन्हें खरीदना और बेचना बेहद मुश्किल हो सकता है. इसलिए छोटे या मंझोले आकार के फंड में निवेश करने से ग्रोथ के बेहतर मौके मिल सकते हैं.