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VIjay Kedia on Gensol : विजय केडिया ने कहा कि इन 10 संकेतों के अलावा और भी कई चीजें हैं जिनसे निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए. (Freepik)
Gensol Engineering Alert : जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भारी गिरावट और SEBI के हस्तक्षेप के बाद, अनुभवी निवेशक और शेयर बाजार एक्सपर्ट विजय केडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर निवेशकों को स्टॉक में निवेश से पहले संभावित घोटालों के प्रति सतर्क किया है. उन्होंने कहा कि “कई Gensol अभी भी पर्दे के पीछे छिपे हुए हैं”. यह बयान जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) के मैनेजमेंट द्वारा फंड्स को निजी उपयोग के लिए डायवर्ट करने के विवाद के बीच आया है. केडिया ने कहा कि इन 10 संकेतों के अलावा और भी कई चीजें हैं जिनसे सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने निवेशकों (Retail Investors) को सचेत और सावधान रहने की सलाह दी है.
10 बड़े खतरे जिनसे सावधान रहना जरूरी
1. बड़ी-बड़ी बातें और बड़े वादे करना : ऐसे कंपनियां ज्यादा वादे करती हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और होती है.
2. लगातार मीडिया में मौजूदगी : यह कंपनियां न्यूज कवरेज, सोशल मीडिया पोस्ट और इंटरव्यू के जरिए हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.
3. छोटी-छोटी ग्रोथ को बड़ा बनाना : ऐसी कंपनियां किसी भी छोटी ग्रोथ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं.
4. बार-बार फंड जुटाना : ये कंपनियां यह स्पष्ट किए बिना कि यह फंड कहां इस्तेमाल होगा, बार बार फंड रेजिंग प्लान बनाती हैं.
5.अनरिलेटेड बिजनेस में डाइवर्सिफिकेशन लाना : ये कंपनियां सिर्फ ट्रेंडिंग नैरेटिव का लाभ उठाने के लिए अनरिलेटेड बिजनेस में डाइवर्सिफिकेशन लाती हैं.
6. आकर्षक शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल : “AI-पावर्ड”, “नेक्स्ट-जेन”, “डिसरप्टिव” जैसे शब्दों से इनोवेटिव दिखाने की कोशिश करना, लेकिन असल में कोई ठोस काम न होना.
7. प्रमोटर्स लाइफ स्टाइल : प्रमोटर्स की जीवनशैली चमक-धमक वाली होती है, जो कंपनी के प्रदर्शन से मेल नहीं खाती है.
8. प्रमोटर्स द्वारा ज्यादा हिस्सेदारी गिरवी रखना : यह संकेत देता है कि कंपनी में कुछ गड़बड़ हो सकता है.
9. प्रमुख मैनेजिरियल टीम का बार-बार बाहर निकलना : यह कंपनी के अंदरूनी माहौल पर सवाल उठाता है.
10. रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन्स का ज्यादा होना : यह गंभीर चिंता का विषय है.
Gensol पर क्या है विवाद
जेनसोल इंजीनियरिंग के सीईओ अनमोल सिंह जग्गी और प्रमोटर पुनीत सिंह जग्गी को सेबी (SEBI) ने सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया है. मार्केट रेगुलेटर ने अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से भी रोक दिया है. इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर की ओर से जेनसोल को घोषित स्टॉक स्प्लिट को रोकने के लिए कहा गया है, साथ ही रेगुलेटर ने इसके खातों और संबंधित सभी पक्षों के खातों की जांच करने के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर की नियुक्ति का भी निर्देश दिया है.
मार्केट रेगुलेटर सेबी को इस संबंध में जून, 2024 को शिकायत मिली थी. सेबी ने जांच में पाया है कि कंपनी के फंड को लग्जरी प्रॉपर्टी खरीदने और प्रोमोटरों के निजी खर्चों का पेमेंट करने के लिए डायवर्ट किया गया है. सेबी की जांच में पाया गया कि कंपनी ने 6,400 इलेक्ट्रिक कार (EV) खरीदने के लिए ₹975 करोड़ का लोन लिया, लेकिन केवल 4,704 कारें 567.73 करोड़ रुपये में खरीदी गईं. इसमें 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का हिसाब नहीं दिया गया.