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Warren Buffett investment tips : टैरिफ वॉर ने भले ही पूरी दुनिया में हलचल मचा दी हो, वॉरेन बफेट के आइडिया हर जगह काम करते हैं. (AI generated image)
Written by Suhel Khan
Warren Buffett vs Donald Trump : आज दुनियाभर में टैरिफ वॉर के चलते ग्लोबल ट्रेड में टेंशन बढ़ती जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं की नीतियों ने इस जंग को और तेज कर दिया है. भारतीय निवेशकों के लिए इसका सबसे बड़ा खतरा है महंगाई. जब महंगाई बढ़ती है, तो पेट्रोल, खाने-पीने का सामान और बच्चों की पढ़ाई सब कुछ महंगा हो जाता है. भले ही भारत में ऑफिशियल रिटेल महंगाई करीब 4% बताई जाती हो, असल जिंदगी में इसका असर काफी ज्यादा महसूस होता है.
ऐसे हालात में अपनी मेहनत की कमाई को कैसे सुरक्षित रखें?
यहां वॉरेन बफेट की सलाह काम आती है. पिछले कई दशकों से बफेट ने महंगाई के तूफानों का सामना किया है. उनकी आजमाई हुई स्ट्रैटजी भारतीय निवेशकों के लिए भी एक मजबूत ढाल बन सकती है. आइए जानते हैं कैसे.
महंगाई से कैसे लड़ते हैं वॉरेन बफेट?
महंगाई आपके पैसों की ताकत को धीरे-धीरे खत्म कर देती है. आज जो दूध 60 रुपये लीटर मिलता है, वो अगले साल 63 रुपये का हो जाएगा अगर 5% महंगाई रही. लंबी अवधि के लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई पर इसका बड़ा असर पड़ता है. बफेट ने 1981 में अपने शेयरहोल्डर्स को लिखा था कि महंगाई एक "भूखा कॉरपोरेट टेपवर्म" है, जो आपके रिटर्न को चुपचाप खा जाता है.
बफेट ने 1970 के दशक में अमेरिका में जब महंगाई दो अंकों में थी और 2022 में जब यह 9% तक पहुंची, दोनों समय इसे अपनी आंखों से देखा है. भारत में भी 2022 में महंगाई 7.8% तक गई थी. बफेट महंगाई का अंदाजा लगाने में वक्त बर्बाद नहीं करते. वह इसके लिए पहले से तैयारी करते हैं.
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बफेट के 6 आसान नियम जो आपकी दौलत बचा सकते हैं
आइए वॉरेन बफेट द्वारा अपनाए जाने वाले उन नियमों पर नज़र डालें, जो मौजूदा हालात में आपके काम आ सकते हैं. लेकिन आगे बढ़ने से पहले, यह याद रखें कि इस लेख में बताए गए स्टॉक्स में से कोई भी नाम रिकमेंडेशन यानी निवेश की सिफारिश नहीं है. इन नामों का इस्तेमाल सिर्फ़ कोई बात समझाने के लिए किया गया है. तो चलिए शुरू करते हैं...
1. ऐसी कंपनियों में निवेश करें जिनके पास कीमत बढ़ाने की ताकत हो
बफेट ऐसी कंपनियां पसंद करते हैं जो दाम बढ़ाने के बाद भी ग्राहकों को खोती नहीं. जैसे कि कोका-कोला. भारत में आप एशियन पेंट्स या नेस्ले इंडिया जैसे उदाहरण देख सकते हैं. महंगाई या टैरिफ वॉर के दौरान भी इनकी ब्रांड वैल्यू बरकरार रहती है.
2. ऐसी कंपनियों में निवेश करें जिनका कैश फ्लो मजबूत हो
बफेट ऐसी कंपनियों को पसंद करते हैं जो हर साल लगातार कैश कमा कर लाती हैं. उदाहरण के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और ITC जैसी कंपनियां, जिनका कैश फ्लो इतना मजबूत है कि वे महंगाई के बावजूद खर्च संभाल सकती हैं.
3. कैश लेकर बैठे न रहें
बफेट कहते हैं "Cash is trash" यानी महंगाई के समय अगर पैसा सिर्फ सेविंग अकाउंट में पड़ा है, तो वह धीरे-धीरे घटता रहेगा. भारत में भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज और महंगाई लगभग बराबर हो चला है. इसलिए पैसे को अच्छे स्टॉक्स या फंड्स में लगाना बेहतर है.
4. गिरावट का फायदा उठाएं
बाजार में गिरावट के दौरान बफेट हमेशा अच्छे स्टॉक्स खरीदने का मौका ढूंढते हैं. जैसे उन्होंने 2008 की मंदी में गोल्डमैन सैक्स में निवेश किया था. आज भी टैरिफ वॉर के चलते बाजार में कई मजबूत कंपनियों के शेयर सस्ते मिल रहे हैं. बफेट कहते हैं, "जब दूसरे डर रहे हों, तब आप लालची बनो."
5. लंबी अवधि का नजरिया रखें
बाजार में शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें. बफेट कंपनियों में लंबे समय के लिए निवेश करते हैं. उदाहरण के तौर पर टीसीएस और एचडीएफसी बैंक जैसी कंपनियों ने पिछले 10 सालों में महंगाई से कहीं बेहतर रिटर्न दिए हैं. आप भी SIP के जरिए धीरे-धीरे निवेश करें और धैर्य रखें.
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6. सही तरीके से डाइवर्सिफाई करें
बफेट डाइवर्सिफिकेशन को मानते हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा फैलाव नहीं करते. भारतीय निवेशक भी FMCG, IT और बैंकिंग जैसे मजबूत सेक्टर्स में सीमित लेकिन जानकार निवेश करें. अंजान क्षेत्रों में (जैसे स्टार्टअप्स या क्रिप्टो) बिना समझदारी के पैसा न लगाएं.
बफेट के फॉर्मूले से टैरिफ वॉर में भी जीत सकते हैं
चाहे नेब्रास्का हो या मुंबई, बफेट के सिद्धांत हर जगह काम करते हैं. कंपनियों में दाम बढ़ाने की क्षमता ढूंढें, मजबूत कैश फ्लो पर ध्यान दें, गिरावट में मौके तलाशें, और लंबी अवधि के लिए निवेश करें. भारतीय बाजार में भी इन सिद्धांतों को अपनाकर आप टैरिफ वॉर के असर से अपनी दौलत को बचा और बढ़ा सकते हैं.
तो आज ही अपने पोर्टफोलियो की जांच करें और देखें कि कौन सी बफेट स्ट्रैटजी अपनाई जा सकती है.
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Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल रोचक चार्ट, डेटा पॉइंट और विचारोत्तेजक राय साझा करना है. यह कोई सिफारिश नहीं है. अगर आप निवेश पर विचार करना चाहते हैं, तो आपको अपने सलाहकार से परामर्श करने की सलाह दी जाती है. यह लेख केवल शिक्षाप्रद उद्देश्यों के लिए है.
सुहेल खान एक दशक से अधिक समय से बाजारों के पैशनेट फॉलोअर हैं. इस अवधि के दौरान वे सेल्स और मार्केटिंग हेड के रूप में मुंबई के एक प्रमुख इक्विटी रिसर्च ऑर्गनाइजेशन का हिस्सा रह चुके हैं. फिलहाल वे अपना अधिकांश समय भारत के सुपर इनवेस्टर्स के निवेश और रणनीतियों का विश्लेषण करने में बिता रहे हैं.
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