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Pareto Principle यानी 80-20 का नियम वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में आपकी काफी मदद कर सकता है. (Image : Freepik)
What is Pareto Principle, how to use it for financial success : 80-20 के नियम को पैरेटो प्रिंसिपल (Pareto Principle) भी कहा जाता है. यह नियम कहता है कि 80% परिणाम आपके 20% प्रयासों से आते हैं. इस नियम को अपनी आर्थिक आदतों में शामिल करके आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को तेजी से हासिल कर सकते हैं. यह नियम सिर्फ बिजनेस और इकॉनमी ही नहीं, इंसान की जिंदगी और समाज के तमाम क्षेत्रों में लागू होता है. फिलहाल हम इस बात पर फोकस करेंगे कि इस नियम को पर्सनल फाइनेंशियल मैनेजमेंट में किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
80-20 का नियम क्या है?
80-20 का नियम यह बताता है कि किसी भी काम के 80% परिणाम 20% कारणों से पैदा होते हैं. मिसाल के तौर पर व्यापार में 80% बिक्री 20% ग्राहकों से आती है, या प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में 80% देरी 20% कामों की वजह से होती है. इसी तरह, पर्सनल फाइनेंस में भी 80% वेल्थ 20% निवेश से जेनरेट हो सकता है. यह नियम आर्थिक सफलता के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है. आप अपनी 20% महत्वपूर्ण आर्थिक आदतों की पहचान करके, फाइनेंशियल मैनेजमेंट के स्टाइल को सरल और बेहतर बना सकते हैं और तेजी से अपने आर्थिक लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.
फाइनेंशियल मामलों में कैसे कारगर है 80-20 का नियम?
आर्थिक मामलों में, 80-20 का नियम कहता है कि आपकी आर्थिक सफलता का 80% हिस्सा आपकी 20% वित्तीय आदतों से आता है. इसका मतलब है कि कुछ प्रमुख आदतें आपकी वित्तीय सेहत पर सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं. इस नियम के हिसाब से अपने आर्थिक भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आपको कुछ जरूरी कम उठाने होंगे.
अपनी 20% महत्वपूर्ण आदतों की पहचान करें
80-20 नियम को अपने आर्थिक जीवन में लागू करने के लिए, आपको अपनी पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी उन 20% आदतों की पहचान करनी होगी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए आप अपने एक-दो महीने के खर्चों को ट्रैक कर सकते हैं ताकि यह पता चल सके कि आपका पैसा कहां जा रहा है. एक बार जब आप अपनी 20% आदतों की पहचान कर लेते हैं, तो उन पर सुधार करने से आप अपनी फाइनेंशियल लाइफ में बड़ा बदलाव देख सकते हैं.
20% में शामिल आदतें
- बजट बनाना और उसे फॉलो करना: बजट एक वित्तीय योजना होती है जो आपकी आय और खर्चों का हिसाब रखती है. बजट बनाने और उसे सही ढंग से फॉलो करने से आप अपने वित्तीय स्थिति पर नियंत्रण पा सकते हैं और कर्ज से बच सकते हैं.
- कर्ज चुकाना: ऊंची ब्याज दर वाला कर्ज, जैसे क्रेडिट कार्ड का कर्ज, आपकी वित्तीय सेहत पर निगेटिव असर डाल सकता है. जल्द से जल्द कर्ज चुकाने से आपके पास अन्य वित्तीय लक्ष्यों के लिए पैसे बच जाएंगे.
- भविष्य के लिए निवेश करना: सही ढंह से निवेश करना आपकी वेल्थ को समय के साथ-साथ बढ़ने में मदद करता है. निवेश के लिए तरह-तरह विकल्प मौजूद होते हैं. उनमें से अपने लिए सही विकल्प की पहचान करने के लिए रिसर्च करना जरूरी है.
- इमरजेंसी फंड बनाना: एक इमरजेंसी फंड आपके अचानक आने वाले खर्चों को कवर करने में काम आता है. मिसाल के तौर पर मेडिकल बिल या गाड़ी की मरम्मत. अगर आपके पास इमरजेंसी फंड होगा, तो आपको अचानक कोई खर्च आ जाने पर भी कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अपनी 20% आदतों में सुधार करें
एक बार जब आपने अपनी 20% महत्वपूर्ण आदतों की पहचान कर ली, तो उन पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें बेहतर बनाएं. इसमें लक्ष्य बनाना, प्रोग्रेस को ट्रैक करना और जरूरत पड़ने पर फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लेना शामिल हो सकता है.
कुछ कदम जो आप उठा सकते हैं
- फाइनेंशियल गोल तय करें : सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आप अपने जीवन में आर्थिक तौर पर क्या हासिल करना चाहते हैं. क्या आप कर्ज चुकाना चाहते हैं? घर के डाउन पेमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं? या जल्दी रिटायर होना चाहते हैं? अपना लक्ष्य तय करने के बाद, आप उसे हासिल करने की योजना बना सकते हैं.
- अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें: यह जरूरी है कि आप अपनी फाइनेंशियल प्रोग्रेस को लगातार मॉनिटर और ट्रैक करें. इससे आपको अपने लक्ष्यों के करीब पहुंचने के लिए प्रेरणा और मदद मिलेगी. आप इस प्रोग्रेस ट्रैकिंग के लिए स्प्रेडशीट या फाइनेंशियल ट्रैकिंग ऐप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
- फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लें: अगर आपको अपनी आर्थिक आदतों को सुधारने में मुश्किल हो रही है, तो आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर या वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. सलाहकार आपकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार आपको बेहतर सुझाव और मार्गदर्शन दे सकते हैं.
कुल मिलाकर 80-20 का नियम सिखाता है कि अगर हम अपनी महत्वपूर्ण फाइनेंशियल हैबिट्स यानी वित्तीय आदतों पर फोकस करके उन्हें सुधारने के लिए सही कदम उठाते हैं, तो अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं. जिससे हमारे आर्थिक जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है.