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Mutual Funds : स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड कुछ विशेष परिस्थितियों की तलाश करने पर फोकस करता है, जिसका फायदा निवेशकों को मिले. (Pixabay)
Special Opportunities Funds : म्यूचुअल फंड मार्केट की बात करें तो कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियां स्पेशल अपॉर्च्युनिटी फंड ऑफर करती हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. इसका सबसे ताजा उदाहरण है कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट द्वारा लॉन्च किया गया कोटक स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड, जो स्पेशल सिचुएशन (विशेष स्थिति) की थीम पर आधारित एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम (Mutual Funds) है. इस तरह की स्कीम का लक्ष्य कंपनी-स्पेसिफिक घटनाओं, कॉर्पोरेट रीस्ट्रक्चरिंग, सरकारी नीतियों में बदलाव और तकनीकी संबंधी रुकावटों जैसी विशेष स्थितियों से लाभ उठाने वाली कंपनियों में पैसा लगाकर निवेशकों की हाई रिटर्न देना है. आखिर ये फंड कैसे काम करते हैं, किन विशेष परिस्थितियों पर इनकी नजर रहती है और निवेशकों को किस तरह से लाभ मिलता है.
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स्पेशल अपॉर्च्युनिटी फंड निवेशकों के लिए बेहद वैल्युएबल साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे बाजार में अप्रत्याशित बदलावों को ढूंढ सकते हैं और उनका बेहतर तरीके लाभ उठा सकते हैं. ये बदलाव पॉलिसी, कंपनी रीस्ट्रक्चर, या तकनीकी प्रगति जैसे किसी कारण के चलते हो सकते हैं. इन फंड को निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करने से जोखिम को बेहतर ढंग से मैनेज करने और समय के साथ हाई रिटर्न हासिल करने की संभावना बढ़ाने के लिए डाइवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है.
कैसे काम करते हैं स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड
फंड मैनेजर इस बात पर जोर देते हैं कि विशेष परिस्थितियों में अनिश्चित घटनाओं के प्रभाव का आकलन करने और उनका फायदा उठाने के लिए प्रोफेशनल एनालिसिस की आवश्यकता होती है. उनके अनुसार किसी कंपनी की जर्नी पॉलिसी में बदलाव, विलय और अधिग्रहण, इंडस्ट्री कंसोलिडेशन, मैनेजमेंट (प्रबंधन) में बदलाव जैसी कई घटनाओं से प्रभावित हो सकता है. उदाहरण के लिए, सीमेंट सेक्टर अभी इंडस्ट्री कंसोलिडेशन के प्रभाव को महसूस कर रहा है या रियल एस्टेट क्षेत्र पर आरईआरए (रेरा) का प्रभाव पड़ रहा है. स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड ऐसी विशेष स्थितियों की तलाश करने पर फोकस करता है.
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1. कंपनी स्पेसिफिक इवेंट
मैनेजमेंट में बदलाव/ M&A / कॉरपोरेट रीस्ट्रक्चरिंग
अनफेवरेबल मैक्रो / बिजनेस साइकिल
प्रोडक्ट में बदलाव / रुकावटें
2. इंडस्ट्री स्पेसिफिक इवेंट
न्यू एंट्री के चलते व्यवधान
गहरी प्रतियोगिता
दूरगामी प्रभाव
3. रेगुलेटरी बदलाव
रेगुलेशन में संशोधन
गवर्नमेंट रिफॉर्म
टैरिफ / टैक्स में बदलाव
4. मैक्रो इकोनॉमिक बदलाव
कमोडिटीज की कीमतों में उतार चढ़ाव
महंगाई
फॉरेक्स रिजर्व
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लंबी अवधि के लिए करें निवेश
अब सवाल उठता है कि आपको कितने समय तक के लिए निवेश करना चाहिए? अगर आप स्पेशल अपॉर्च्युनिटी फंड में निवेश करते हैं तो ज्यादातर विशेषज्ञों की सलाह होती है कि इन फंड में कम से कम 3-5 साल (लंबी अवधि के लिए) के लिए निवेश करना चाहिए. भारत में कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियां, मसलन कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, व्हाइटओक कैपिटल और सैमको सिक्योरिटीज, बाजार की गतिशीलता का लाभ उठाने के लिए स्पेशल अपॉर्च्युनिटी फंड ऑफर कर रही हैं.
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट ने हाल ही में कोटक स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड लॉन्च किया है, जो स्पेशल सिचुएशन (विशेष स्थिति) की थीम पर आधारित एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है. इस फंड का लक्ष्य कंपनी-स्पेसिफिक घटनाओं, कॉर्पोरेट रीस्ट्रक्चरिंग, सरकारी नीतियों में बदलाव और तकनीकी संबंधी रुकावटों जैसी अलग अलग विशेष स्थितियों से लाभ उठाने वाली कंपनियों में निवेश कर लंबी अवधि में निवेशकों की पूंजी में तेजी से बढ़ोतरी करना है. यह एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए 24 जून 2024 तक खुला है.
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निवेशक को क्या फायदा होगा?
निवेशकों के लिए, स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड एक डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रैटेजी की पेशकश करते हैं, जिसमें हायर रिस्क (उच्च जोखिम) और रिवार्ड वाले अवसर शामिल हैं. किसी एक सेक्टर पर फोकस करने वाले सेक्टोरल फंडों से अलग, स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड आम तौर पर सभी सेक्टर में डाइवर्सिफाइड होते हैं. जो उन्हें निवेशक के पोर्टफोलियो में स्ट्रैटेजिक एलोकेशन के लिए बेहतर बनाते हैं. इस तरह की स्कीम एक निवेशक के पोर्टफोलियो में वैल्युएबल विकल्प बन सकते हैं, जो हाई-पोटेंशियल वाले निवेश के अवसरों की एक बड़ी रेंज के लिए एक्सपोजर प्रदान करती हैं.