/financial-express-hindi/media/media_files/FweA9ZGFcVIHvoQbTF8L.jpg)
Tax demand waiver: 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (Photo: PTI)
Are you eligible for tax demand withdrawal: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को पेश बजट में 25 हजार रुपये तक की बरसों पुरानी विवादित इनकम टैक्स डिमांड को वापस लेने का एलान कर चुकी हैं. टैक्स डिमांड वापसी की संभावित रकम कितनी होगी, इसका निर्धारण डिमांड के साल के आधार पर होना है. वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 तक के विवादित मामलों में इनकम टैक्स डिमांड वापसी की रकम 25,000 रुपये तक और वित्त वर्ष 2010-11 से वित्त वर्ष 2014-15 तक के मामलों में अधिकतम 10,000 रुपये हो सकती है. लेकिन कई टैक्स पेयर्स के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस टैक्स डिमांड वापसी का लाभ उन्हें भी मिलेगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए डिमांड वापसी से जुड़ी शर्तों को ठीक से समझना जरूरी है.
कितने करदाताओं को मिलेगा फायदा?
केंद्र सरकार का बजट (Budget 2024) पेश करते समय वित्त मंत्री ने कहा था कि टैक्स डिमांड वापसी (Income Tax Demand Withdrawal) का फायदा करीब 1 करोड़ करदाताओं को मिलेगा. बजट के अगले दिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि करीब 80 लाख करदाताओं की पुरानी विवादित डिमांड वापस ली जाएंगी. CBDT ही आयकर विभाग की प्रशासनिक अथॉरिटी है.
लाभ के लिए करदाताओं की एलिजिबिलिटी कैसे तय होगी?
CBDT के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने साफ किया है कि टैक्स डिमांड वापसी का लाभ लेने के लिए करदाताओं की एजिलिबिलिटी तय करने का मुख्य आधार पेंडिंग डिमांड की रकम होगी. यानी विवादित डिमांड की रकम वित्त वर्ष 2009-10 तक के मामलों में अगर 25,000 रुपये तक और वित्त वर्ष 2010-11 से वित्त वर्ष 2014-15 तक के मामलों में अधिकतम 10,000 रुपये है, तो ऐसी डिमांड को वापस लिया जाएगा. नितिन गुप्ता के मुताबिक इस डिमांड वापसी की कुल रकम करीब 3500 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
क्या टैक्स डिमांड पर ब्याज जोड़कर तय होगी एलिजिबिलिटी?
सीबीडीटी चेयरमैन नितिन गुप्ता ने बजट में की गई घोषणा पर स्पष्टीकरण देते हुए साफ-साफ बताया है कि टैक्स डिमांड वापसी के लिए करदाताओं की एलिजिबिलिटी निर्धारित करते समय सिर्फ ओरिजिनल डिमांड की रकम को ही ध्यान में रखा जाएगा. पेंडिंग डिमांड पर बाद के वर्षों में जोड़े गए ब्याज को विवादित रकम में शामिल नहीं माना जाएगा.
टैक्स डिमांड वापसी का लाभ पाने के लिए क्या करना होगा?
CBDT के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने बताया है कि आयकर विभाग वित्त मंत्री के एलान पर अमल करते हुए करीब 80 लाख टैक्सपेयर्स की पुरानी विवादित डिमांड को अपने आप ही वापस ले लेगा. उन्होंने कहा है कि इसके लिए एलिजिबल टैक्सपेयर्स को अपनी तरफ से कोई कदम नहीं उठाना पड़ेगा. गुप्ता ने बजट के बाद दिए गए इंटरव्यू में कहा है, “हम ऐसी डिमांड्स को अपनी तरफ से खत्म कर देंगे. उन्हें टैक्स डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा. टैक्सपेयर को इसके लिए अपनी तरफ से कोई कदम नहीं उठाना पड़ेगा और न ही आयकर विभाग इस मामले में करदाताओं से संपर्क करेगा.”
Also read : 1 लाख रुपये लगाने पर बन गए 1.58 करोड़! इस टॉप म्यूचुअल फंड ने कैसे किया ये कमाल
कैसे पता चलेगा आप एलिजिबल हैं या नहीं?
नितिन गुप्ता के मुताबिक डिमांड वापसी की स्कीम के तहत आने वाली पेंडिंग डिमांड के बारे में जरूरी जानकारी इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स के ई-फाइलिंग पोर्टल (e-filing portal of individual taxpayers) पर डाली जाएगी, ताकि करदाता उस जानकारी को देख सकें. अगर उसमें कोई समस्या नजर आती है, तो करदाता इस बारे में आयकर विभाग से संपर्क करके उसे ठीक करवा सकते हैं. मिसाल के तौर पर अगर किसी डिमांड में रेक्टिफिकेशन या अपील की जानकारी अपडेट नहीं है या कोई रिफंड का मामला पेंडिंग है, तो उसे दूर किया जाएगा. गुप्ता ने यह भी बताया है कि इस बारे में जल्द ही विभाग की तरफ से एक एक्सप्लेनर (Explainer) जारी किया जाएगा, जिसमें पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.