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Fixed Deposit Rates : सीनियर सिटीजंस आमतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के निवेशक होते हैं, जो बाजार का जोखिम लेने की स्थिति में नहीं होते हैं. (Pixabay)
Senior Citizens FD Rates : जहां आम नागरिकों को अलग अलग पीएसयू और प्राइवेट बैंक की एफडी पर 7.50 से 7.75 फीसदी अधिकतम इंटरेस्ट रेट स्लैब मिल रहा है, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 8 से 8.55 फीसदी सालाना के हिसाब से ज्यादा मिल रहा है. आमतौर पर बैंक आम नागरिकों की तुलना में वरिष्ठ नागरिकों को 50 बेसिस प्वॉइंट ज्यादा ब्याज देते हैं. अब सवाल उठता है कि जब युवा निवेशकों की संख्या 60 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों की तुलना में बहु ज्यादा है तो भी बैंक सीनियर सिटीजंस एफडी पर ज्यादा ब्याज क्यों दे रहे हैं.
बैंक जहां सीनियर सिटीजंस को अलग अलग टेन्योर की एफडी पर ज्यादा ब्याज देते हैं, वहीं उन्हें और भी कई तरह की सुविधाएं मिल रही हैं. ज्यादा ब्याज के अलावा वरिष्ठ नागरिकों को बैंकिंग सर्विसेज पर कम चार्ज, कस्टमर सर्विसेज में वरियता जैसे बेनेफिट भी हैं.
सीनियर सिटीजंस को क्यों मिलता है फायदा
सीनियर सिटीजंस आमतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के निवेशक होते हैं, जो बाजार का जोखिम लेने की स्थिति में नहीं होते हैं. इसलिए इन्हें लो रिस्क कैटेगरी का निवेशक माना जाता है. लो रिस्क इन्वेस्टर होने के चलते बेहद सुरक्षित माने जाने वाला फिक्स्ड डिपॉजिट सीनियर सिटीजंस की पसंद वाला विकल्प है, क्योंकि इनमें तय ब्याज के हिसाब से रिटर्न मिलता है. इसी वजह से बैंक उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एफडी पर ज्यादा ब्याज की पेशकश करते हैं. कह सकते हैं कि ज्यादा उम्र वाले यानी सीनियर सिटीजंस पीएसयू और प्राइवेट बैंकों के लिए प्राथमिकता वाले ग्राहक हैं.
सीनियर सिटीजंस एफडी के अन्य फायदे
हायर इंटरेस्ट रेट : अलग अलग टेन्योर के सीनियर सिटीजंस फिक्स्ड डिपॉजिट में सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम की तुलना में 50 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज.
गारंटीड रिटर्न : एफडी पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. यानी आपने तय ब्याज दर पर एफडी लॉक कर दी तो मैच्योरिटी तक दरों में कोई बदलाव नहीं होगा.
सुरक्षित निवेश : भारत में RBI द्वारा बैंकों को रेगुलेट किया जा रहा है. यानी यह सरकार द्वारा समर्थित निवेश स्कीम हैं. इसलिए एफडी में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है.
पीरियाडिक पे आउट : फिक्स्ड डिपॉजिट में एनुअल बेसिस पर, तिमाही बेसिस पर या मंथली बेसिस पर इंटरेस्ट पेआउट का विकल्प चुन सकते हैं.
FD पर लोन : एफडी का इस्तेमाल लोन लेने के लिए कोलैटरल के रूप में किया जा सकता है. मैक्सिमम लोन की लिमिट एफडी के मूल राशि पर निर्भर करती है.
नॉमिनेशन की सुविधा : एफडी खोलते समय, आप नॉमिनी का उल्लेख कर सकते हैं. ऑटोमेटिक रिन्यूअल की भी सुविधा है.
पीएसयू बैंक में एफडी रेट्स (% p.a.)
(हाइएस्ट स्लैब, 5 साल पर ब्याज )
Bank of Baroda : 7.80% , 7.40%
Bank of India : 7.80%, 6.75%
Bank of Maharashtra : 7.95%, 7.00%
Canara Bank : 7.75%, 7.20%
Central Bank of India : 7.95%, 6.75%
Indian Bank : 7.75%, 6.75%
Indian Overseas Bank : 7.80%, 7.00%
Punjab National Bank : 7.75%, 7.00%
Punjab & Sind Bank : 7.95%, 6.50%
State Bank of India : 7.75%, 7.50%
Union Bank of India : 7.90%, 7.00%
प्राइवेट बैंक में एफडी रेट्स (% p.a.)
(हाइएस्ट स्लैब, 5 साल पर ब्याज )
Axis Bank : 7.75%, 7.75%
Bandhan Bank : 8.55%, 6.60%
City Union Bank : 7.50%, 6.50%
DBS Bank : 8.00%, 7.00%
DCB Bank : 8.55 %, 7.90%
Dhanlaxmi Bank : 7.75%, 7.10
Federal Bank : 8.00%, 7.60%
HDFC Bank : 7.90%, 7.50%
ICICI Bank : 7.75%, 7.50%
IDBI Bank : 7.75%, 7.00%
IDFC First Bank : 8.40%, 7.25%
IndusInd Bank : 8.49%, 7.75%
J&K Bank : 7.60%, 7.00%
Karnataka Bank : 8.00%, 7.00%
Kotak Mahindra Bank : 7.90%, 6.70%
Karur Vysya Bank : 8.10%, 7.50%
RBL Bank : 8.50%, 7.60%
South Indian Bank : 7.90%, 6.50%
Tamilnad Mercantile Bank : 8.25%, 7.00%
YES Bank : 8.25%, 8.00%
(source: paisabazaar, bank websites, financial websites)
टैक्स के क्या हैं नियम
5 साल की टैक्स सेविंग FD में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.50 रुपये तक की जमा पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं. वहीं इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTB के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक को एफडी पर एक वित्त वर्ष में हासिल होने वाले 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है. अगर किसी वित्त वर्ष में ब्याज की राशि 50 हजार रुपये से अधिक हो तो बैंक इस टीडीएस कटता है. आईटी की धारा 194ए के तहत टीडीएस वर्तमान में 10 फीसदी है. वरिष्ठ नागरिक एफडी पर अर्जित ब्याज के तहत टैक्स छूट का दावा करने के लिए फॉर्म 15H का उपयोग कर सकते हैं.