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Women Loan Growth in India : देश में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या पिछले 5 साल में तेजी से बढ़ी है. (Image : Freepik)
Niti Aayog, CIBIL, MSC Report : देश में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है. 2019 से 2024 के बीच महिलाओं द्वारा लिए गए खुदरा लोन (Retail Credit) की संख्या करीब तीन गुना बढ़ी है. इसके अलावा, बिजनेस लोन में भी महिलाओं की हिस्सेदारी में 14% का इजाफा हुआ है. इस दौरान लोन लेने वाली 60% से ज्यादा महिलाएं अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों से थीं. यह बढ़ोतरी महिलाओं की बढ़ती आर्थिक भागीदारी और उनके आर्थिक रूप से मजबूत होने का संकेत है. यह जानकारी नीति आयोग के वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (WEP), ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) और माइक्रोसेव कंसल्टिंग (MSC) की तरफ से जारी एक ताजा रिपोर्ट में दी गई है.
रिटेल लोन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 से 2024 के दौरान खुदरा लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में 22% की एनुअल कंपाउंडेड ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ोतरी हुई है. यह बदलाव महिलाओं के आर्थिक बर्ताव में हो रहे पॉजिटिव चेंज को दिखाता है. अब महिलाएं व्यक्तिगत और कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेने में पहले से ज्यादा दिलचस्पी ले रही हैं. खास तौर पर लोन लेने वाली महिलाओं में अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी 60% से ज्यादा होने से पता चलता है कि फाइनेंशियल सर्विसेज देश के दूरदराज के हिस्सों तक भी पहुंच रही हैं.
बिजनेस लोन में बढ़ा महिलाओं का हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की बिजनेस लोन में हिस्सेदारी 14% बढ़ी है और 2024 में बिजनेस के लिए लोन लेने वालों में 35% महिलाएं थीं. खास बात यह है कि पिछले 6 साल में महिलाओं द्वारा खोले गए बिजनेस लोन अकाउंट्स की संख्या 4 गुना बढ़ी है. यह रुझान बताता है कि महिलाएं अब केवल कंज्यूमर लोन ही नहीं ले रही हैं, बल्कि बिजनेस लोन लेकर अपना रोजगार खड़ा करने की ओर भी बढ़ रही हैं.
कुल कर्ज में गोल्ड लोन का हिस्सा 36%
रिपोर्ट में बताया गया है कि गोल्ड लोन भी महिलाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है. 2019 से 2024 के बीच महिलाओं में गोल्ड लोन लेने का रुझान 6% बढ़ा है. 2024 में, महिलाओं द्वारा लिए गए कुल लोन में से 36% गोल्ड लोन थे, जबकि 2019 में यह आंकड़ा केवल 19% था. इसका कारण यह है कि गोल्ड लोन कम ब्याज दरों और आसान प्रॉसेस के कारण काफी सुविधाजनक हो गया है.
42% लोन व्यक्तिगत जरूरतों के लिए
2024 तक महिलाओं द्वारा लिए गए कुल लोन में से 42% हिस्सा व्यक्तिगत आर्थिक जरूरतों के लिए लिये जाने वाले लोन का था. इसमें होम लोन, व्हीकल लोन और पर्सनल लोन शामिल हैं. यह आंकड़ा 2019 में 39% था, जिससे यह संकेत मिलता है कि महिलाएं अब अधिक फाइनेंशियल फ्रीडम यानी वित्तीय स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं और अपनी जरूरतों के लिए लोन लेने से हिचक नहीं रही हैं. 2024 में महिलाओं द्वारा व्यक्तिगत वित्तीय जरूरतें पूरी करने के मकसद से लिए गए लोन की कुल संख्या 4.3 करोड़ थी, जिनकी कुल वैल्यू 4.8 लाख करोड़ रुपये थी.
महिलाओं में क्रेडिट मॉनिटरिंग का बढ़ता रुझान
क्रेडिट हेल्थ को लेकर महिलाओं में जागरूकता भी तेजी से बढ़ रही है. ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ भावेश जैन बताते हैं कि "दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी करने वाली महिलाओं की संख्या 42% के इजाफे के साथ 1.89 करोड़ से बढ़कर 2.69 करोड़ हो गई. यह एक पॉजिटिव संकेत है, जिसे आगे भी जारी रहना चाहिए ताकि महिलाएं भारत की इकनॉमिक ग्रोथ स्टोरी में केवल शामिल न हों, बल्कि उसकी अगुवाई कर सकें."
नई पीढ़ी में बढ़ी जागरूकता
युवा महिलाओं में भी क्रेडिट मॉनिटरिंग को लेकर रुचि बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में क्रेडिट स्कोर की निगरानी करने वाली महिलाओं में से 22% जेन-ज़ी (Gen Z) थीं, जो 2023 की तुलना में 56% की सालाना बढ़ोतरी को दर्शाता है. वहीं, मिलेनियल (Millennial) महिलाओं की संख्या में भी 38% की सालाना बढ़ोतरी देखी गई, जिससे उनकी हिस्सेदारी 52% तक पहुंच गई. इससे पता चलता है कि युवा महिलाएं वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी के प्रति जागरूक हो रही हैं.