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DeepSeek को लेकर भारत सरकार क्यों हुई अलर्ट, यूजर डेटा प्राइवेसी पर क्या है चाइनीज कंपनी की पॉलिसी?

Deep Concerns over DeepSeek : भारत सरकार चीन में बने AI ऐप डीपसीक पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि इसकी प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर डेटा को चीन के सर्वर्स पर स्टोर करने की बात कही गई है.

Deep Concerns over DeepSeek : भारत सरकार चीन में बने AI ऐप डीपसीक पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि इसकी प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर डेटा को चीन के सर्वर्स पर स्टोर करने की बात कही गई है.

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Viplav Rahi
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DeepSeek की वजह से देश की डेटा सिक्योरिटी के लिए कोई खतरा होने पर सरकार कड़े कदम उठा सकती है. (Image : Pixabay)

Deep Concerns over DeepSeek : देश-दुनिया में अचानक से लोकप्रिय हुए चाइनीज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप (AI App) डीपसीक (DeepSeek) पर भारत सरकार भी कड़ी नजर रख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चाइनीज AI ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में साफ तौर पर यूजर्स के डेटा को चीन में मौजूद सर्वर्स पर स्टोर करने की बात कही गई है. इससे भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) और कानूनी एजेंसियां इस पर निगरानी बनाए हुए हैं.

DeepSeek के यूजर डेटा की सेफ्टी पर सवाल

DeepSeek एक ओपन-सोर्स AI मॉडल है, जो लोकल डिवाइसेज पर भी काम कर सकता है. लेकिन इसकी प्राइवेसी पॉलिसी में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यूजर्स का डेटा चीन में स्थित सुरक्षित सर्वर्स पर स्टोर किया जाता है. इसमें यह भी कहा गया है कि जहां भी जरूरी होगा, डेटा को देश के बाहर ट्रांसफर किया जा सकता है.

क्या कहती है DeepSeek की प्राइवेसी पॉलिसी? 

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डीपसीक की प्राइवेसी पॉलिसी (DeepSeek privacy policy) में कहा गया है, "हम एकत्रित की गई जानकारी को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में स्थित सुरक्षित सर्वरों में संग्रहित करते हैं...हम जब भी किसी की व्यक्तिगत जानकारी को उस देश से बाहर ट्रांसफर करते हैं जहां वे रहते हैं, तो हम वहां लागू होने वाले डेटा सुरक्षा कानूनों की आवश्यकताओं का पालन करते हुए ऐसा करते हैं." हालांकि पॉलिसी में वादा किया गया है कि डेटा ट्रांसफर करते समय डेटा सुरक्षा कानूनों का पालन किया जाएगा, लेकिन चाइनीज ऐप की पॉलिसी में किए इस वादे पर कितना भरोसा किया जा सकता है, यह किसी से छिपा नहीं है.

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DeepSeek ऐप को डाउनलोड और इंस्टाल करने वाले यूजर्स की जानकारी चीन में स्टोर किया जाना, साफ तौर पर उनकी गोपनीयता के लिए खतरा हो सकता है. भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले की पूरी जानकारी एक हफ्ते के भीतर सामने आ सकती है, और अगर डेटा ट्रांसफर को लेकर कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी.

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सरकार की प्रतिक्रिया और संभावित कार्रवाई

भारत सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और जरूरत पड़ने पर कदम उठाने के लिए तैयार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि "फिलहाल कोई गंभीर खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन अगर डेटा ट्रांसफर को लेकर कोई समस्या पाई जाती है, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे, जैसा कि हमने पहले भी किया है." 2020 में भारत ने TikTok और WeChat सहित कई चाइनीज ऐप्स को सुरक्षा कारणों से बैन कर दिया था.

अगर DeepSeek भारतीय नागरिकों का डेटा चीन भेजता है और इसका गलत इस्तेमाल होता है, तो सरकार IT नियमों के तहत इस पर प्रतिबंध लगा सकती है. दूरसंचार विभाग (DoT) भी इस मामले की निगरानी कर रहा है, ताकि डेटा फ्लो ह में किसी भी संदिग्ध गतिविधि का फौरन पता लगाया जा सके.

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DeepSeek पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

DeepSeek ऐप न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. अमेरिका के अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में इसके संभावित प्रभावों की जांच शुरू कर दी है. अमेरिकी नौसेना तो इसके इस्तेमाल पर रोक भी लगा चुकी है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकों को इस ऐप का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है, जबकि इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी ने भी इसके डेटा कलेक्शन पर सवाल उठाए हैं. प्राइवेसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ऐप्स चाइनीज सर्वर पर डेटा स्टोर करने के अलावा यूजर्स द्वारा पूछे गए सवालों के आधार पर उनकी प्रोफाइल भी तैयार कर सकते हैं. इससे व्यक्तिगत जानकारी का गलत इस्तेमाल संभव हो सकता है.

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आगे क्या हो सकता है?

DeepSeek पर भारत सरकार की सतर्कता बनी हुई है और आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी. अगर पाया जाता है कि यह ऐप भारतीय यूजर्स से जुड़े ऐसे डेटा को चीन भेज रहा है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, तो सरकार इस पर सख्त कदम उठा सकती है.

DeepSeek Artificial Intelligence