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Insurance : टर्म इंश्योरेंस लेना क्यों है जरूरी ? सही प्लान और कवरेज के लिए इन 10 बातों का रखें ध्यान

Life Insurance : कवरेज कम हो तो लाइफ इंश्योरेंस लेने का उद्देश्य पूरा नहीं होता. टर्म इंश्योरेंस प्लान कम खर्च में भी जरूरत के मुताबिक कवरेज लेना आसान बनाता है.

Life Insurance : कवरेज कम हो तो लाइफ इंश्योरेंस लेने का उद्देश्य पूरा नहीं होता. टर्म इंश्योरेंस प्लान कम खर्च में भी जरूरत के मुताबिक कवरेज लेना आसान बनाता है.

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Viplav Rahi
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Term Life Insurance परिवार के आर्थिक भविष्य और सुरक्षा के लिए पर्याप्त कवरेज लेने का सबसे किफायती तरीका है. (Image : Freepik)

Insurance : Why Term Plan is so important : परिवार के आर्थिक भविष्य और उसकी सुरक्षा की फिक्र हर किसी को रहती है. लोग लाइफ इंश्योरेंस इसी फिक्र को दूर करने के लिए लेते हैं. लेकिन लाइफ इंश्योरेंस के एंडोमेंट प्लान के जरिये पर्याप्त कवरेज लेने पर काफी महंगा प्रीमियम भरना पड़ता है. ऐसे में कई लोग प्रीमियम भरने की क्षमता को देखकर कवरेज लेते हैं, जो काफी नहीं होता. जबकि कवरेज पर्याप्त न हो तो लाइफ इंश्योरेंस लेने का उद्देश्य ही पूरा नहीं होता. लेकिन टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के जरिये कम खर्च में भी जरूरत के मुताबिक कवरेज लिया जा सकता है. यह जीवन बीमा कवरेज का सबसे आसान और किफायती तरीका है. मार्केट में मौजूद तरह-तरह के टर्म इंश्योरेंस में से आपको अपने लिए सही प्लान चुनना है, तो नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना जरूरी है. लेकिन सबसे पहले समझ लें कि टर्म इंश्योरेंस का सही मतलब क्या है. 

टर्म लाइफ इंश्योरेंस का सही मतलब क्या है

टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए सबसे पहले तो इस प्लान का सही मतलब समझना जरूरी है. दरअसल टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा जीवन बीमा प्लान है, जो निश्चित अवधि (टर्म) तक सुरक्षा प्रदान करता है. अगर इस अवधि के दौरान पॉलिसीधारक का निधन हो जाता है, तो बीमा कंपनी द्वारा उसके नॉमिनी को कवरेज के हिसाब से एकमुश्त रकम दी जाती है. यह एक प्योर प्रोटेक्शन प्लान होता है. यानी इसमें किसी तरह का निवेश या सेविंग का पहलू जुड़ा हुआ नहीं होता.

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1. टर्म इंश्योरेंस क्यों है किफायती?

टर्म लाइफ इंश्योरेंस की सबसे बड़ी खासियत इसका कम प्रीमियम है. कवरेज की तुलना में इसका प्रीमियम इतना कम इसलिए होता है, क्योंकि इसमें केवल ‘डेथ कवर’ दिया जाता है और प्रीमियम के तौर पर भरे गए पैसों पर कोई रिटर्न या प्रॉफिट नहीं मिलता. लेकिन एंडोमेंट प्लान्स की तुलना में इसकी प्रीमियम की दरें इतनी कम होती हैं, जिससे आपको कम लागत में अधिक बीमा कवर लेने का मौका मिलता है. यह कवरेज किसी अनहोनी की हालत में आपके परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होता है.

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2. टर्म इंश्योरेंस में कितना कवरेज लेना चाहिए?

सही टर्म इंश्योरेंस कवरेज का चुनाव करना बेहद जरूरी है. बीमा कवरेज की रकम इतनी होनी चाहिए कि बीमा कराने वाले के न रहने पर उसके परिवार की आर्थिक जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें. कवरेज की रकम तय करते समय आपको अपनी मौजूदा आर्थिक जिम्मेदारियों और जरूरतों, मसलन, होम लोन, कार लोन, बच्चों के एजुकेशन और दैनिक खर्चों को ध्यान में रखना चाहिए. इसके अलावा, भविष्य में बढ़ने वाली महंगाई और अन्य संभावित खर्चों को शामिल करना भी जरूरी है. आमतौर पर माना जाता है कि टर्म इंश्योरेंस का कवरेज की रकम आपकी सालाना आमदनी के मुकाबले 10-15 गुना होनी चाहिए. यानी अगर आपकी सालाना आमदनी 10 लाख रुपये है, तो टर्म इंश्योरेंस 1 से 1.5 करोड़ होना जरूरी है.

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3. टर्म इंश्योरेंस की सही अवधि कैसे चुनें?

बीमा कवरेज की अवधि का चुनाव करते समय यह ध्यान में रखें कि पॉलिसी की अवधि आपकी एक्टिव अर्निंग लाइफ यानी कामकाजी उम्र को जरूर कवर करती हो. टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के कवरेज की अवधि इतनी होनी चाहिए कि जब तक आपके आश्रित परिवार को आपके आर्थिक सपोर्ट की जरूरत है, कम से कम तब तक वे सुरक्षित रहें. अगर आपके बच्चे अभी छोटे हैं या आपके पास लंबी अवधि के ऋण हैं, तो आपको लंबी अवधि का टर्म प्लान लेना चाहिए.

4. राइडर्स और अन्य लाभ चेक कर लें 

इंश्योरेंस प्लान के साथ आने वाले राइडर्स का मतलब है, ऐसे एक्स्ट्रा बेनिफिट यानी अतिरिक्त लाभ, जिन्हें आप अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान में जोड़ सकते हैं. इनमें क्रिटिकल इलनेस कवर, एक्सीडेंटल डेथ कवर और प्रीमियम वेवर जैसे बेनिफिट शामिल होते हैं. ये राइडर, अतिरिक्त सुरक्षा तो देने हैं, लेकिन इनके लिए एक्स्ट्रा प्रीमियम भी भरना पड़ सकता है. अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह तय कर सकते हैं कि कौन सा राइडर आपके लिए फायदेमंद है.

5. प्रीमियम पेमेंट के विकल्पों को समझें

टर्म इंश्योरेंस प्लान में प्रीमियम पेमेंट यानी भुगतान के लिए अलग-अलग ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. आप सालाना, छमाही, तिमाही या मंथली आधार पर भी प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं. कुछ प्लान में एक बार में ही प्रीमियम भरने का विकल्प भी होता है, जिन्हें सिंगल प्रीमियम पेमेंट प्लान कहते हैं. प्रीमियम पेमेंट का सही ऑप्शन चुनना बेहद जरूरी है, ताकि आपका बीमा कवरेज प्लान आपके बजट में फिट हो जाए और प्रीमियम का भुगतान करना आपके लिए बोझ न बने.

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6. रिन्यूएबिलिटी और कन्वर्टिबिलिटी ऑप्शन पर ध्यान दें

कुछ टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान में रिन्यूएबिलिटी और कन्वर्टिबिलिटी जैसे ऑप्शन भी दिए जाते हैं. रिन्यूएबिलिटी का ऑप्शन आपको पॉलिसी पीरियड खत्म होने के बाद बिना किसी नए मेडिकल टेस्ट के इसे आगे बढ़ाने की सुविधा देता है. वहीं, कन्वर्टिबिलिटी का ऑप्शन आपको अपने टर्म प्लान को किसी और तरह के जीवन बीमा प्लान में बदलने की सुविधा देता है. हालांकि, इन ऑप्शन्स के साथ प्रीमियम की रकम बढ़ सकती है, इसलिए इन्हें चुनने से पहले सभी पहलुओं को अच्छी तरह समझना जरूरी है.

7. सेहत और उम्र का असर 

आपकी उम्र और स्वास्थ्य आपकी बीमा पॉलिसी की प्रीमियम दरों को सीधे प्रभावित करते हैं. आमतौर पर, जितनी कम उम्र में आप टर्म इंश्योरेंस खरीदते हैं, प्रीमियम उतना ही कम देना पड़ता है. अगर आप पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपकी प्रीमियम दरें अधिक हो सकती हैं. इसलिए, टर्म इंश्योरेंस को जल्द से जल्द लेना फायदेमंद होता है.

8. एक्सक्लूज़न और लिमिटेशन को समझें

पॉलिसी खरीदने से पहले उससे जुड़ी शर्तों और नियमों को अच्छी तरह से पढ़ना और समझना जरूरी है. बीमा पॉलिसी में कुछ एक्सक्लूज़न्स भी होते हैं, जिनके तहत बीमा कंपनी क्लेम का भुगतान नहीं करती. इनमें आत्महत्या,  जोखिम भरी गतिविधियों के दौरान होने वाली मौत और कुछ पहले से मौजूद बीमारियां शामिल हो सकती हैं. किसी भी संभावित विवाद से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप पॉलिसी के सभी नियमों को ध्यान से पढ़ें.

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9. इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो भी देखें

 इंश्योरेंस कवरेज लेने से पहले यह देखना भी जरूरी है कि आप जिस बीमा कंपनी का प्लान लेने की सोच रहे हैं, उसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो कितना है. क्लेम सेटलमेंट रेशियो से पता चलता है कि बीमा कंपनी ने अपने पॉलिसीहोल्डर्स के कितने प्रतिशत क्लेम यानी दावों का निपटारा किया गया है. अगर यह रेशियो अधिक है, तो उससे पता चलता है कि बीमा कंपनी अपने ग्राहकों के प्रति जिम्मेदार है और समय पर दावों का भुगतान करती है.

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10. टर्म इंश्योरेंस प्लान को बीच में बंद न करें 

कई बार लोग यह सोचकर टर्म इंश्योरेंस प्लान को पूरी अवधि तक जारी नहीं रखते कि इसके प्रीमियम में भरे जाने वाले पैसों पर कोई रिटर्न मिलना तो दूर, प्रीमियम की रकम भी वापस नहीं मिलेगी. लेकिन ऐसा सोचना सही नहीं है, क्योंकि इंश्योरेंस का मकसद सुरक्षा देना है, रिटर्न देना नहीं. अगर आप एक बराबर कवरेज वाले किसी एंडोमेंट प्लान और टर्म प्लान के प्रीमियम की तुलना करें, और टर्म प्लान में होने वाली प्रीमियम की बचत को किसी अच्छे म्यूचुअल फंड की एसआईपी में लगा दें, तो पॉलिसी की पूरी अवधि के दौरान आपको मिलने वाला कुल रिटर्न एंडोमेंट प्लान के मुकाबले बहुत अधिक हो सकता है. वो भी ज्यादा इंश्योरेंस कवरेज के साथ. इसलिए टर्म प्लान की अहमियत को अच्छी तरह समझें और इसे पूरी अवधि तक जारी रखें. 

टर्म लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसे खरीदने से पहले हर पहलू पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि किसी अनहोनी की हालत में परिवार के लोगों को राहत और मदद मिल सके. कवरेज के मामले में टर्म प्लान किसी भी दूसरे इंश्योरेंस प्लान की तुलना में सबसे प्रभावशाली तरीका है. 

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