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संजय कपूर ने वसीयत पर महिला के रूप में किए दस्तखत? करिश्मा कपूर के बच्चों ने लगाया फर्जीवाड़े का आरोप

संजय कपूर की वसीयत में she और her का इस्तेमाल विवादित हुआ। करिश्मा कपूर के बच्चे आरोप लगा रहे हैं कि वसीयत फर्जी है और संजय ने इसे कभी साइन नहीं किया। बच्चों ने कहा कि संपत्ति उनके तीसरे पत्नी प्रिया कपूर को देने के लिए दस्तावेज़ में हेरफेर किया गया।

संजय कपूर की वसीयत में she और her का इस्तेमाल विवादित हुआ। करिश्मा कपूर के बच्चे आरोप लगा रहे हैं कि वसीयत फर्जी है और संजय ने इसे कभी साइन नहीं किया। बच्चों ने कहा कि संपत्ति उनके तीसरे पत्नी प्रिया कपूर को देने के लिए दस्तावेज़ में हेरफेर किया गया।

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Anwesha Sharma
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karishma kapoor and kids

करिश्मा कपूर के बच्चों ने संजय कपूर की वसीयत को फ़र्ज़ी बताया Photograph: (X)

संजय कपूर वसीयत मामला: मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर एक हाई-प्रोफाइल मामला सुना गया, जिसमें वसीयत में ताज़ा विवाद सामने आए। संजय कपूर के बच्चों ने फ़ाइलों में जानबूझकर डिजिटल हेरफेर, गुप्त व्हाट्सऐप ग्रुप्स का होना, और वसीयत पर फर्जी हस्ताक्षर जैसे कई आरोप लगाए हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि वसीयत में कई जगह संजय कपूर को “she” और “her” कहा गया है जिससे शक होता है कि उन्होंने यह वसीयत कभी देखी या साइन की थी।

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बच्चों का कहना: वसीयत फर्जी और संपत्ति हेरफेर

समायरा और कियान कपूर (करिश्मा कपूर के बच्चे) ने कहा कि वसीयत में बहुत गड़बड़ी है। उनका कहना है कि वसीयत को डिजिटल तरीके से बदला गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि 30,000 करोड़ रुपये की सारी संपत्ति उनकी तीसरी पत्नी प्रिया कपूर को मिल सके। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट में कहा कि यह वसीयत जानबूझकर प्रिया कपूर ने तैयार की, ताकि वह संजय कपूर की सभी बड़ी संपत्तियों—शेयर, ट्रस्ट और रियल एस्टेट—पर कब्जा कर सकें। इसके चलते संजय के बच्चे और उनकी मां, रानी कपूर को पूरी प्रक्रिया से बाहर रखा गया।

उन्होंने कहा, “इस वसीयत का यह हिस्सा संजय कपूर ने नहीं लिखा होगा। यह उनके तरीके या सोच का नहीं है। इसमें संजय कपूर को महिला के रूप में लिखा गया है। वसीयत में अब संजय कपूर ‘वह’ (she) हैं। यह पूरी तरह बेतुका है। यह दिखाता है कि लोग कितनी हिम्मत से ऐसा कुछ कोर्ट में ला सकते हैं। सीधे शब्दों में, संजय कपूर ने इस वसीयत पर महिला के रूप में साइन किया है।"

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‘She/Her’ के इस्तेमाल ने बढ़ाया विवाद

वरिष्ठ वकील ने कहा,“इस वसीयत में चार बार ‘she’ और ‘her’ लिखा है, जबकि इसे संजय कपूर ने लिखा है यह माना जा रहा है। संजय कपूर एक ऐसे आदमी थे जो अपनी साख और छवि को बहुत महत्व देते थे। इसलिए यह यह विश्वास करना नामुमकिन है कि उन्होंने इसे लिखा होगा। इस तरह का दस्तावेज़ उनकी साख को पूरी तरह खराब कर देता। इसमें कोई कागज़, साइन, handwriting या रजिस्ट्रेशन नहीं है। संजय कपूर की इसमें कोई मौजूदगी नहीं दिखती। वे अपनी ही वसीयत में जैसे डिजिटल भूत बन गए हैं।"

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वसीयत किसने लिखी

वकील ने कहा, “जब तक संजय कपूर की समझ कमजोर न हो और वह पढ़ने-समझने में असमर्थ न हों… तब तक उन्होंने इसे साइन नहीं किया होगा। वसीयत में हर जगह महिला सर्वनाम (‘she’ और ‘her’) इस्तेमाल हुआ है। इसमें लिखा है ‘उसकी आखिरी इच्छा’, ‘उसका गवाह’, और ‘उसकी मौजूदगी’। सबसे अहम हिस्सों में भी महिला सर्वनाम का इस्तेमाल किया गया है। यह विश्वास करना मुश्किल है कि संजय कपूर, जो सब कुछ जानते थे, यह वसीयत खुद लिख सकते थे।”

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की सौतेली मां, प्रिया कपूर, और अन्य प्रतिवादी यह नहीं बता पाए कि वसीयत किसने बनाई।

उन्होंने कहा, “इस वसीयत में ऐसा क्या है जो आप बच्चों को नहीं दिखाना चाहते? हमारा मामला साफ़ है कि यह वसीयत संजय कपूर की नहीं है। ऐसे मामलों में शक़ के हर पहलू को साबित करना प्रतिवादियों की जिम्मेदारी होती है। जैसा इसमें लिखा है उससे सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि वसीयत पर साइन संजय कपूर ने किया था या किसी महिला ने।”

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

Delhi High Court