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Time to Buy : बाजार पीक से 12% टूटा, निवेश के लिए बेस्‍ट 24 लार्जकैप, मिडकैप और स्‍मॉलकैप स्‍टॉक, बुल रन शुरू होने पर देंगे हाई रिटर्न

Corporate Earning : सितंबर तिमाही के लिए कॉरपोरेट अर्निंग उम्‍मीद से कुछ कमजोर रही है. कंपनियो की इनकम मे गिरावट आई है. मार्जिन पर भी दबाव देखने को मिला है. बाजार में हालिया गिरावट के पीछे कमजोंर कॉरपोरेट अर्निंग प्रमुख वजह रही है.

Corporate Earning : सितंबर तिमाही के लिए कॉरपोरेट अर्निंग उम्‍मीद से कुछ कमजोर रही है. कंपनियो की इनकम मे गिरावट आई है. मार्जिन पर भी दबाव देखने को मिला है. बाजार में हालिया गिरावट के पीछे कमजोंर कॉरपोरेट अर्निंग प्रमुख वजह रही है.

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Sushil Tripathi
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Stock Market Valuation : हालिया करेक्‍शन (सितंबर 2024 से 10.5% से ज्‍यादा) के बाद, ब्रोकरेज का मानना ​​​​है कि बाजार का वैल्‍युएशन उचित है. 

Best Stocks to Buy Across Market Cap : फाइनेंशियल ईयर 2025 की सितंबर तिमाही के नतीजे अब लगभग पूरे हो चुके हैं. सितंबर तिमाही के लिए कॉरपोरेट अर्निंग उम्‍मीद से कुछ कमजोर रही है. कंपनियो की एवरेज इनकम मे गिरावट आई है. मार्जिन पर भी कुछ दबाव देखने को मिला है. बाजार में हालिया गिरावट के पीछे कमजोंर कॉरपोरेट अर्निंग प्रमुख वजह रही है. हालांकि ब्रोकरेज हाउस एंटिक ब्रोकिंग का कहना है कि हालिया गिरावट के चलते बाजार के वैल्‍युएशन में सुधार हुआ है. पीक से 10 फीसदी से ज्‍यादा गिरावट के बाद कुछ मजबूत फंडामेंटल वाले स्‍टॉक में निवेश के अवसयर बने हैं, जो आगे बुल रन शुरू होने में हाई रिटर्न दे सकते हैं. 

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टॉप लार्जकैप आइडिया (टारगेट और रिटर्न अनुमान)

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ICICI Bank : 1400 रुपये,  12%
State Bank of India : 975 रुपये, 20%
NTPC : 477 रुपये, 30%
Titan :  4598 रुपये, 45%
Hindustan Aeronautics : 6184 रुपये, 52%
Siemens :  8827 रुपये, 33%
HDFC Life : 870 रुपये, 26%
Hindalco Industries : 794 रुपये, 22%

टॉप मिडकैप आइडिया (टारगेट और रिटर्न अनुमान)

Mazagon Dock Shipbuilders : 5513 रुपये, 39%
BHEL : 364 रुपये, 63%
Godrej Properties : 3826 रुपये, 46%
NMDC : 294 रुपये, 32%
L&T Finance : 220 रुपये, 59%
JK Cement : 5000 रुपये, 27%
IRB Infra : 76 रुपये, 60%
Aditya Birla Real Estate : 3804 रुपये, 49%

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टॉप स्‍मॉलकैप आइडिया (टारगेट और रिटर्न अनुमान)

Mazagon Dock Shipbuilders : 5513 रुपये, 39%
BHEL : 364 रुपये, 63%
Godrej Properties : 3826 रुपये, 46%
NMDC : 294 रुपये, 32%
L&T Finance : 220 रुपये, 59%
JK Cement : 5000 रुपये, 27%
IRB Infra : 76 रुपये, 60%
Aditya Birla Real Estate : 3804 रुपये, 49%

(सलाह : एंटिक ब्रोकिंग)

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बाजार का वैल्‍युएशन उचित

ब्रोकरेज हाउस एंटिक ब्रोकिंग का कहना है कि भारतीय इक्विटी में हाल के दिनों में पीक से 10 फीसदी से ज्‍यादा गिरावट आई है. यह उभरते और विकसित बाजारों की तुलना में कुछ अधिक है. इसके पीछे प्रमुख कारणो में मुख्य रूप से हाई वैल्‍युएशन, कमजोर तिमाही कॉरपोरेट अर्निंग, कॉरपोरेट इनकम में गिरावट, , मैक्रो हाई फ्रीक्‍वेंसी इंडीकेटर्स में कमजोरी,  आईपीओ की बढ़ती संख्‍या, ग्‍लोबल मैक्रो हेडविंड (अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव), और फॉरेन इक्विटी आउटफ्लो. ब्रोकरेज का मानना ​​है कि मौजूदा करेक्‍शन इन्‍वेस्‍टमेंट लिंक्‍ड थीम के भीतर खरीदारी करने का अवसर प्रदान करता है, जिसका फायदा आगे बुल मार्केट के दौरान मिलेगा. ब्रोकरेज हाउस इंडस्ट्रियल, डिफेंस, पावर यूटिलिटीज, कंज्‍यूमर और PSU बैंक सेक्‍टर में ओवरवेट बना हुआ है. ब्रोकरेज का सितंबर 2025 तक निफ्टी 50 का टारगेट 1377 के 19x FY27 ईपीएस के आधार पर 26,500 बना हुआ है. हालिया करेक्‍शन (सितंबर 2024 से 10.5% से ज्‍यादा) के बाद, ब्रोकरेज का मानना ​​​​है कि बाजार का वैल्‍युएशन उचित है. 

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क्‍या मैक्रो ओवरहैंग बचा है?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के रूप में ग्‍लोबल ट्रेड को लेकर अनिश्चितताएं भारतीय इक्विटी में हालिया करेक्‍शन के प्रमुख कारणों में से एक रही हैं. ब्रोकरेज का मानना है कि ट्रम्प 2.0 की पॉलिसी का अभी आकलन करना जल्दबाजी होगी. ट्रम्प 1.0 की तुलना में हाई फिस्‍कल डेफिसिट, डेट और महंगाई के लेवल को देखते हुए मोटे तौर पर यह माना जा सकता है कि इकोनॉमी पर ट्रम्प का खास फोकस होग.  कुल मिलाकर, ब्रोकरेज का मानना ​​​​है कि नया अमेरिकी प्रशासन चीन को बैलेंस करने, चाइना + 1 थीम में तेजी लाने और नॉन-ओपेक सप्‍लाई में बढ़ोतरी के जरिए क्रूड ऑयल की कीमतों को कम करने में मदद करने के लिए भारत का पक्ष लेना जारी रखेगा. इसके अलावा, नए अमेरिकी प्रशासन द्वारा किसी भी नीति की घोषणा के डोमेस्टिक नेचर के कारण उभरते बाजारों में भारत पर अपेक्षाकृत कम प्रभाव पड़ सकता है.

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क्या कंजम्‍पशन कमजोर हो रहा है?

कुल मिलाकर, कंजम्‍पशन का ट्रेंड कमजोर होता दिख रहा है, विशेषकर शहरी क्षेत्र में. ऐसा हायर फूड प्राइसेस के अलावा रियल एस्‍टेट की ऊंची कीमतों के कारण है. रूरल डिमांड में तेजी आई है और यह कमजोर बेस पर शहरी बाजारों की तुलना में अधिक चल रही है. सेक्टर की बात करें तो कंज्यूमर स्टेपल्स, ऑटोमोबाइल, पेंट्स, लाइट कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल, फैशन रिटेलर, क्यूएसआर जैसे सेक्टर में मांग में कमजोरी दिखी है. फिर भी, मैनेजमेंट कमेंट्री से पता चलता है कि फेस्टिव डिमांड पिछले साल की तुलना में उत्साहजनक और बेहतर थी, जिसमें प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड के स्पष्ट संकेत थे. 

(Disclaimer: शेयर पर व्यू या सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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