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Trump Impact on Indian Budget 2025: क्या ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की नीतियों का असर भारत के बजट पर पड़ सकता है? (File Photo : Reuters)
Trump Impact on Union Budget 2025 : डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार कामकाज संभाला है, उनकी आर्थिक नीतियां ग्लोबल इकॉनमी में हलचल मचा रही हैं. उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति का उद्देश्य अमेरिका के आर्थिक हितों को प्राथमिकता देना है, लेकिन इससे भारत समेत अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी गहरा असर पड़ने के आसार हैं. मौजूदा माहौल में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की नीतियों का असर भारत के आगामी बजट (Budget 2025) पर भी पड़ सकता है?
अमेरिका फर्स्ट नीति और व्यापार अस्थिरता
डोनाल्ड ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति का मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादन और नौकरियों को बढ़ावा देना है. इसके चलते उन्होंने कई देशों पर टैरिफ बढ़ाए और व्यापारिक असंतुलन को कम करने की कोशिश की. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. उनके पहले कार्यकाल में जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (GSP) को हटाने से भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लगा था. ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद इस नीति को और सख्त बनाने के संकेत दे रहे हैं, जिसका भारतीय एक्सपोर्टस पर निगेटिव असर पड़ सकता है. इसके अलावा, भारतीय गुड्स पर अधिक टैरिफ लगाए जाने से भारत का विदेशी व्यापार घाटा बढ़ सकता है, जो आगामी बजट (Budget 2025) के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
रुपये की कमजोरी और महंगाई
ट्रंप की नीतियों के कारण अगर भारतीय रुपये में कमजोरी आई तो यह भी कई समस्याओं की वजह बन सकती है. इससे आयात महंगा होगा, जिससे महंगाई दर बढ़ेगी. महंगाई दर में वृद्धि का असर सीधा आम जनता पर पड़ेगा, जिससे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के दाम बढ़ेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए आने वाले बजट (Budget 2025) में इस चुनौती का समाधान खोजना एक महत्वपूर्ण पहलू होगा. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार को आयात शुल्क में कटौती या घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं.
H-1B वीजा नीति का असर
ट्रंप अगर H-1B वीजा की नीतियों में सख्ती बरतने वाले कदम उठाते हैं, तो भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी. इसका भारतीय आईटी उद्योग और अमेरिका में काम करने वाले प्रोफेशनल्स पर निगेटिव असर पड़ सकता है. H-1B वीजा में सख्ती से भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में पकड़ कमजोर हो सकती है, जिससे फॉरेन करेंसी का फ्लो भी प्रभावित होगा. जिसका असर बजट (Budget 2025) में देखने को मिल सकता है.
विदेशी सहायता में कटौती का असर
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता में बड़े पैमाने पर कटौती का एलान किया है. इसका असर भारत में चल रही कुछ योजनाओं पर भी पड़ सकता है. USAID जैसे संगठनों द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत को अपने बजट में अतिरिक्त आर्थिक संसाधनों की व्यवस्था करनी होगी.
BRICS देशों के लिए कड़ा रुख
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल की तरह ही BRICS देशों के प्रति सख्त रवैया अपनाने के संकेत दिए हैं. अगर ट्रंप BRICS देशों के साथ व्यापारिक संबंध सीमित करते हैं, तो भारत को आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति, टैरिफ में बढ़ोतरी, H-1B वीजा में सख्ती और विदेशी सहायता में कटौती जैसे फैसले भारत की आर्थिक नीतियों को चुनौती दे सकते हैं. जिसका असर भारत के बजट पर भी पड़ सकता है. आगामी बजट (Budget 2025) में वित्त मंत्री को इन संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए संतुलित और दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना होगा. ग्लोबल माहौल में बदलाव का मुकाबला करने के लिए सरकार को घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने, महंगाई को काबू में रखने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में देश को मजबूत बनाए रखने पर और ज्यादा फोकस करना होगा.