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CGHS : केंद्र सरकार ने सीजीएचएस में कुछ जरूरी रिफॉर्म किए हैं, जिससे यह सेवा बेहतर, प्रभावी और आधुनिक हो गई है. (AI Image)
CGHS Big Reforms 2025 : केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) को और बेहतर और पूरी तरह से डिजिटल व आसान बनाने के लिए साल 2025 में कई तरह के बदलाव और रिफॉर्म किए हैं. प्रमुख रिफॉर्म और बदलाव का उद्देश्य पेंशनभोगियों के लिए सेवाओं को आसान और बेहतर बनाना है. अब लाभार्थी घर बैठे अप्वॉइंटमेंट बुकिंग, ई-कार्ड डाउनलोड और मेडिकल सेवाएं ले सकते हैं. वहीं निजी अस्पतालों को सब्सिडी वाले इलाज की सुविधा जोड़ी गई है.
सीजीएचएस भारत सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है. लेकिन पिछले दिनों इसे लेकर आई कुछ समस्याओं के चलते लाखों पेंशनर्स को परेशानी उठानी पड़ी. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इसमें (Govt Health Scheme) कुछ जरूरी रिफॉर्म किए हैं, जिससे यह सेवा बेहतर, प्रभावी और आधुनिक हो गई है. दवाओं के साथ स्टॉफ की उपलबधता भी सुनिश्चित हो रही है.
HMIS पोर्टल और मोबाइल ऐप
स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS के लिए एक नया HMIS (हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल लॉन्च किया है: http://www.cghs.mohfw.gov.in
इसके साथ ही, एक यूजर फ्रेंडली मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है. अब लोग अप्वॉइंटमेंट बुकिंग, ई-कार्ड डाउनलोड, और रिपोर्ट्स एक्सेस जैसी सेवाएं सीधे अपने मोबाइल से कर सकते हैं. अब रिटायर्ड कपल्स को गर्मी या ठंड में सरकारी वेलनेस सेंटर पर लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं है. वे सिर्फ मोबाइल खोलें और सारी सुविधाएं डिजिटल रूप से पा सकते हैं.
हर दिन फोटो अपलोड का झंझट नहीं
संशोधित नियमों के अनुसार, अब नॉन-रेफरल IPD मामलों में मरीज के एडमिशन और डिस्चार्ज के समय जियो-टैग्ड फोटो अपलोड करना अनिवार्य होगा. अगर मरीज की हॉस्पिटल में भर्ती 7 दिन से ज्यादा होती है, तो हर 7 दिन के बाद एक जियो-टैग्ड फोटो अपलोड करनी होगी. पहले दिसंबर 2024 में यह निर्देश जारी किया गया था कि इन-पेशेंट (IPD) मामलों में हर दिन मरीज की जियो-टैग्ड फोटो CGHS पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा.
इसी तरह, ओपीडी मामलों में भी उसी दिन की फोटो अपलोड करनी होगी. यह कदम फर्जी क्लेम्स को रोकने के लिए उठाया गया था. लेकिन अब मंत्रालय ने इसमें राहत देते हुए नियमों को कुछ हद तक आसान कर दिया है.
हर CGHS कार्ड की PAN से लिंकिंग
हर लाभार्थी को आधार की तरह पैन से जुड़ी यूनिक CGHS आईडी (PAN बेस्ड यूनिक आईडी) दी जाएगी. इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और सभी रिकॉर्ड एक ही जगह उपलब्ध होंगे. पहले, लाभार्थियों को हर बार अपना पुराना रिकॉर्ड दिखाना पड़ता था, जब वे CGHS कार्ड रिन्यू कराने जाते थे. अब, एक यूनिक आईडी के जरिए पूरे परिवार के रिकॉर्ड एक क्लिक में देखे जा सकते हैं.
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कार्ड में बदलाव की सुविधा ऑनलाइन
अब कार्ड ट्रांसफर, डिपेंडेंट की स्थिति में बदलाव या सर्विंग से पेंशनर कैटेगरी में बदलाव जैसी सेवाएं पूरी तरह ऑनलाइन मिलेंगी. अब CGHS आवेदन की हर स्टेज पर SMS और ईमेल के जरिए अपडेट मिलेगा. इससे ट्रैकिंग आसान होगी और ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
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डिजिटल पेमेंट सिस्टम
CGHS से जुड़े पेमेंट अब केवल नई वेबसाइट cghs.mohfw.gov.in के जरिये किए जा रहे हैं. 28 अप्रैल 2025 से पुराना भारतकोश पोर्टल बंद कर दिया गया है. अब CGHS सब्सक्रिप्शन या रिन्यूअल फीस केवल नए HMIS पोर्टल पर ही जमा की जा सकती है. और पेमेंट तुरंत वेरिफाई हो जाता है. अब CGHS कार्यालय जाकर पेमेंट रीसिप्ट दिखाने की जरूरत नहीं है. अब न तो कोई रिफंड की समस्या और न ही किसी तरह की देरी, सबकुछ तुरंत कन्फर्म हो जाता है.