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DA arrear : कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते के बकाया भुगतान को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है. (Image : Pixabay)
DA Arrear of Covid-19 Pandemic : कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के 18 महीने के बकाया भुगतान को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में नेशनल काउंसिल (JCM) की स्टैंडिंग कमेटी की 63वीं बैठक में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया.
बैठक में फिर उठा पुराना दर्द
दिल्ली के के.जी. मार्ग पर मौजूद सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (CSOI) में हुई इस बैठक में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स ने फिर से 18 महीने के डीए/डीआर एरियर की मांग उठाई, जिसे कोविड के समय रोक दिया गया था. इस बैठक में सचिव की अध्यक्षता में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें कर्मचारियों की तरफ से शिवगोपाल मिश्रा और एम. राघवैया जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे.
कर्मचारी पक्ष ने दोहराई पुरानी मांग
बैठक में कर्मचारी पक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मार्च 2020 से जून 2021 तक का डीए/डीआर जो महामारी के चलते रोका गया था, उसे अब लौटाया जाना चाहिए. उनका तर्क था कि लॉकडाउन और कठिन हालात के बावजूद कर्मचारियों और पेंशनर्स ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और सेवा भाव से काम किया, इसलिए वे इस राहत के हकदार हैं.
सरकार का रुख अब भी सख्त
लेकिन वित्त मंत्रालय ने अपना पुराना रुख दोहराया. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी के चलते देश की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा था. सरकार की तरफ से चलाई जा रही कई कल्याणकारी योजनाओं का वित्तीय दबाव 2020-21 के बाद भी जारी रहा. ऐसे में डीए और डीआर के बकाया भुगतान की गुंजाइश फिलहाल नहीं है.
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8वें वेतन आयोग पर भी हुई चर्चा
बैठक में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की गठन प्रक्रिया और उसकी शर्तों पर भी चर्चा की गई. कर्मचारी पक्ष ने मांग रखी कि सरकार जल्द से जल्द आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करे और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी करे. सरकार की तरफ से बताया गया कि कुछ सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है और बाकी प्रक्रिया जारी है. कर्मचारियों को उम्मीद है कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी और अगर इसमें देरी होती है तो बकाया के साथ भुगतान होना चाहिए.
इंश्योरेंस स्कीम का भी प्रस्ताव आया
बैठक में एक और अहम मुद्दा था – केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस योजना (CGEGIS). डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर (Department of Expenditure) ने जानकारी दी कि इस स्कीम के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है और जल्द ही इसे कर्मचारी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा.
DA एरियर को लेकर नाराजगी बरकरार
हालांकि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन 18 महीने के डीए/डीआर एरियर को लेकर नाराजगी सबसे ज्यादा सामने आई. कर्मचारियों के संगठनों का कहना है कि सरकार को इस मामले में एक बार फिर मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और उस राशि को लौटाना चाहिए जो कर्मचारियों ने ईमानदारी से अपनी सेवा के बदले में कमाई थी.
क्या आगे कुछ उम्मीद बची है?
फिलहाल सरकार की तरफ से इस दिशा में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें अब भी बनी हुई हैं. वे मानते हैं कि सरकार यदि चाहे तो इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता है. अगली किसी बड़ी घोषणा या बजट में इस पर ध्यान दिया जाए, यही अब उनकी सबसे बड़ी उम्मीद है.