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केंद्र सरकार के कर्मचारियों को NPS और UPS में से किसी एक को चुनने का फैसला इसी महीने करना है. (AI Generated Image / ChatGPT)
NPS vs UPS Benefits : केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में से किसी एक को चुनने का फैसला इसी महीने करना है. वैसे तो यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों को जून 2025 के अंत तक बताना होगा कि उन्हें दोनों में से कौन सी स्कीम अपनानी है. नई पेंशन स्कीम यानी UPS की सबसे खास बात यह है कि इसे अपनाने वालों को महंगाई राहत यानी डियरनेस रिलीफ (DR) का लाभ भी मिलेगा, जो NPS में नहीं मिलता. इसके अलावा भी यूपीएस में कई खूबियां हैं. आइए जानते हैं UPS की इन खूबियों और इसके तहत मिलने वाली सुविधाओं के बारे में.
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक वैकल्पिक पेंशन योजना है, जो NPS के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को दी जा रही है. यह स्कीम फिक्स्ड पेंशन पेआउट का फायदा देती है. यानी इसे अपनाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद कुछ शर्तों के तहत एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में दी जाएगी. इस योजना में शामिल होने के लिए कर्मचारी को ऑनलाइन या अपने ऑफिस के डीडीओ के जरिये एक फॉर्म जमा करके अपनी चुनी गई योजना की जानकारी देनी होगी.
महंगाई राहत का मिलेगा फायदा
UPS की सबसे अहम बात यह है कि इसमें डियरनेस रिलीफ (DR) का लाभ मिलेगा. सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए जिस तरह समय-समय महंगाई भत्ता (DA) घोषित किया जाता है, वैसे ही पेंशन पाने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत का एलान किया जाता है. यह राहत पेंशन शुरू होने के बाद पेआउट और फैमिली पेआउट पर लागू होगी. DR का उद्देश्य है कर्मचारियों को महंगाई के असर से बचाना. केंद्र सरकार आमतौर पर इसे हर 6 महीने में रिवाइज करती है. महंगाई राहत AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर तय की जाती है.
नौकरी के दौरान आंशिक निकासी की सुविधा
UPS में वैसे तो रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान और पेंशन देने का प्रावधान है, लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में सर्विस के दौरान आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की सुविधा भी मिलती है. कर्मचारी खुद की जमा की गई रकम में से 25% तक रकम निकाल सकते हैं. इस कैलकुलेशन में ब्याज शामिल नहीं है. यह फायदा तभी मिलेगा, जब कर्मचारी को योजना में शामिल हुए तीन साल पूरे हो चुके हों. आंशिक निकासी की यह सुविधा बच्चों के हायर एजुकेशन, शादी-विवाह, घर खरीदने या बनवाने, गंभीर बीमारी के इलाज, विकलांगता से जुड़े खर्चों या स्किल डेवलपमेंट जैसी जरूरतों के लिए दी गई है.
ऑनलाइन एप्लीकेशन की फेसिलिटी
UPS में शामिल होने के लिए अब कर्मचारियों को किसी ऑफिस के चक्कर नहीं काटने होंगे. वे CRA (Central Recordkeeping Agency) की वेबसाइट पर जाकर खुद फॉर्म भर सकते हैं और आवेदन जमा कर सकते हैं. हालांकि अगर वे ऑफलाइन आवेदन करना चाहें, तो वे अपने ऑफिस में जाकर भी फॉर्म जमा कर सकते हैं.
कौन ले सकता है UPS का फायदा?
मौजूदा कर्मचारी: जो केंद्रीय कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 तक NPS के तहत सर्विस में हैं, वे UPS को चुन सकते हैं.
नए भर्ती कर्मचारी: 1 अप्रैल 2025 के बाद जो भी नई भर्तियां हो रही हैं, उन्हें 30 दिन के अंदर UPS में शामिल होने के बारे में फैसला करना होगा.
रिटायर्ड कर्मचारी: जो कर्मचारी या उनकी पत्नी/पति 31 मार्च 2025 तक रिटायर हो चुके हैं और कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी की है, वे भी UPS का लाभ ले सकते हैं. उन्हें ब्याज समेत एरियर मिलेगा.
कंट्रीब्यूशन का स्ट्रक्चर कैसा है?
कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन: बेसिक सैलरी + डीए का 10%.
सरकार का कंट्रीब्यूशन: बेसिक सैलरी + डीए का 18.5%, जो कि NPS के तहत 14% है.
इसमें से 8.5% रकम एक अलग फंड में जाएगी, जो स्कीम की गारंटी देने और इसे ड्यूरेबल बनाने में काम आएगा.
UPS के तहत मिलने वाले फायदे
फुल पेंशन: अगर कर्मचारी ने 25 साल या उससे ज्यादा सर्विस की है, तो रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन मिलेगी.
न्यूनतम पेंशन: कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी करने पर हर महीने 10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन तय है.
प्रो-राटा पेंशन: जिनकी सर्विस 10 से 25 साल के बीच है, उन्हें सर्विस के अनुपात में पेंशन मिलेगी.
फैमिली पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद 60% पेंशन उनके परिवार को दी जाएगी.
UPS के अन्य फायदे
ग्रेच्युटी और लंप सम रकम: रिटायरमेंट के समय, हर 6 महीने की पूरी सर्विस पर आखिरी बेसिक + डीए का 1/10 हिस्सा बतौर भुगतान मिलेगा.
एरियर: जो रिटायर्ड कर्मचारी UPS को चुनते हैं, उन्हें PPF दर पर ब्याज सहित एरियर मिलेगा.
निवेश का विकल्प
UPS में सदस्य PFRDA से रजिस्टर्ड पेंशन फंड्स चुन सकते हैं. वे चाहें तो सरकारी सिक्योरिटी या लाइफ-साइकल आधारित फंड्स में निवेश करें, जिनमें इक्विटी की सीमा तय होती है.
किन्हें नहीं मिलेगा UPS का लाभ
जिनकी सर्विस 10 साल से कम है.
जो स्वेच्छा से इस्तीफा देते हैं, या जिनकी सर्विस समाप्त की जाती है, उन्हें इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा.
फिलहाल यह स्कीम सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू है, राज्य सरकारें चाहें तो इसे अलग से लागू कर सकती हैं.
UPS बनाम NPS: मुख्य अंतर
सुविधा | UPS के तहत बेनिफिट |
न्यूनतम सर्विस अवधि | 10 साल (10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन) |
फुल पेंशन | 25 साल सर्विस पर, अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% |
कर्मचारी कंट्रीब्यूशन | बेसिक + DA का 10% |
सरकारी कंट्रीब्यूशन | बेसिक + DA का 18.5% (8.5% अतिरिक्त फंड सहित) |
फैमिली पेंशन | कर्मचारी की मृत्यु पर 60% |
महंगाई सुरक्षा | DR के जरिये, AICPI-IW से जुड़ी |
रिटायरमेंट लंप सम | हर 6 महीने की सर्विस पर 1/10 बेसिक + DA |
निवेश विकल्प | PFRDA के पंजीकृत फंड, डिफॉल्ट या विकल्प आधारित |
क्या UPS बनेगा NPS का बेहतर विकल्प?
UPS में मिलने वाली डियरनेस रिलीफ जैसी सुविधा इसे NPS से ज्यादा आकर्षक बनाती है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो रिटायरमेंट के बाद रेगुलर और महंगाई के हिसाब से बढ़ने वाली पेंशन हासिल करना चाहते हैं. हालांकि NPS में बाजार आधारित रिटर्न के कारण लंबी अवधि में ज्यादा मुनाफा मिलने की संभावना बनी रहती है, लेकिन उसके साथ रिस्क भी रहता है. वहीं UPS एक ज्यादा स्टेबल और महंगाई के साथ-साथ बढ़ने वाली पेंशन का वादा करता है.