/financial-express-hindi/media/media_files/5g781UX2rosOqfLcoQFh.jpg)
FASTag blacklisting : जो लोग फास्टैग हाथ में लेकर स्कैन कराते हैं, उन्हें अब कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. (File Photo : Indian Express)
FASTag blacklisting : जो लोग हाईवे पर सफर करते समय अपने वेहिकल की विंडशील्ड पर FASTag नहीं लगाते और उसे हाथ में लेकर स्कैन कराते हैं, उन्हें अब कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने ऐलान किया है कि ऐसे "Loose FASTag" यानी हाथ में रखे या वेहिकल पर नहीं लगाए गए फास्टैग को अब फौरन ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. इस कदम का मकसद टोल प्लाजा पर होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है.
Loose FASTag का क्या है मतलब
Loose FASTag उन एक्टिव फास्टैग्स को कहा जाता है जो वेहिकल की विंडशील्ड पर चिपकाए नहीं जाते, बल्कि ड्राइवर इन्हें अपने हाथ में लेकर टोल स्कैनर के सामने दिखा देते हैं. कई बार इन्हें एक वेहिकल से निकालकर दूसरे वेहिकल में भी लगा दिया जाता है, जिससे सिस्टम में गड़बड़ी पैदा होती है. खासकर क्लोज-लूप टोल सिस्टम में, जहां एंट्री और एग्जिट के आधार पर टोल वसूली होती है, वहां इस तरह के टैग से टैम्परिंग करके कई लोग टोल की चोरी भी कर लेते हैं.
NHAI ने क्यों उठाया ये कदम
NHAI ने कहा है कि "कुछ गाड़ियों के मालिक जानबूझकर FASTag को वेहिकल की विंडशील्ड पर नहीं लगाते, जिससे टोल ऑपरेशंस में रुकावट आती है, लाइनें लंबी होती हैं और सिस्टम के साथ धोखाधड़ी होती है. इससे न सिर्फ बाकी यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि टोल कंपनियों और बैंकिंग सिस्टम को भी नुकसान उठाना पड़ता है." इसी वजह से अब NHAI ने टोल एजेंसियों और कंसेशनर को निर्देश दिया है कि वे ऐसे Loose FASTag को तुरंत रिपोर्ट करें ताकि उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा सके.
ब्लैकलिस्टिंग का असर किन पर पड़ेगा
इस नई पॉलिसी का सबसे बड़ा असर उन वेहिकल मालिकों पर पड़ेगा जो फास्टैग को नियम के अनुसार विंडशील्ड पर न लगाकर हाथ में लेकर स्कैन कराते हैं. टोल प्लाजा पर अब ऐसे टैग की पहचान होते ही उसे रिपोर्ट किया जाएगा और वह टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएगा. ब्लैकलिस्ट होने के बाद न तो वह टैग दोबारा इस्तेमाल हो सकेगा और न ही वेहिकल बिना परेशानी के टोल पार कर पाएगा.
सिस्टम में कैसे हो रही थी गड़बड़ी
कई बार ट्रक के लिए ऐसे फास्टैग इस्तेमाल कर लिये जाते हैं जो किसी कार के लिए रजिस्टर हैं. इससे टोल प्लाजा पर स्कैनर गलत कैटेगरी की पहचान करता है. इससे या तो चार्जबैक हो जाता है या रिफंड की रिक्वेस्ट जाती है. इससे पूरे इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम पर असर पड़ता है. टैग हाथ में होने की वजह से न तो उसका वेहिकल से मिलान हो पाता है और न ही उसका गलत इस्तेमाल रोका जा सकता है.
NHAI ने टोल एजेंसियों को क्या निर्देश दिए
NHAI ने अपनी पॉलिसी को अब और सख्त कर दिया है. टोल कलेक्शन एजेंसियों को अब यह निर्देश दिया गया है कि जैसे ही कोई Loose FASTag देखा जाए, उसे तुरंत रिपोर्ट किया जाए. इसके लिए एक खास ईमेल आईडी भी जारी की गई है, जहां ऐसी रिपोर्ट भेजी जाएंगी. रिपोर्ट मिलते ही FASTag को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा ताकि उसका गलत इस्तेमाल रोका जा सके.
अब क्या करें गाड़ी मालिक
वेहिकल मालिकों के लिए जरूरी है कि वे FASTag को ठीक से अपने वेहिकल की विंडशील्ड पर चिपकाएं. जो लोग इसे हाथ में रखकर या बार-बार वेहिकल बदलकर इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब परेशानी हाथ लगेगी. अगर टैग ब्लैकलिस्ट हो गया तो दोबारा नया टैग खरीदना पड़ेगा और जुर्माना भी लग सकता है.