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Festive Season : फेस्टिव शॉपिंग में समझदारी दिखाएं ताकि आपका बजट न बिगड़े. (AI Generated Image)
Smart Shopping in Festive Season : त्योहारों का मौसम जैसे ही नजदीक आता है, खरीदारी का उत्साह भी तेजी से बढ़ जाता है. नवरात्रि और दशहरे के बाद दिवाली तक हर जगह डिस्काउंट और ऑफर्स की बौछार होती है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon और Flipkart की सेल तो लोगों को और ज्यादा लुभाती हैं. बैंक और फिनटेक कंपनियां आसान EMI, बाय नाऊ पे लेटर (Buy Now Pay Later - BNPL) और लो-इंटरेस्ट लोन की सुविधा देकर शॉपिंग को और भी आकर्षक बना देते हैं. लेकिन शॉपिंग की इस होड़ के बीच बजट बिगड़ने और कर्ज के जाल में फंसने का रिस्क भी बढ़ जाता है. त्योहार की खरीदारी आगे चलकर जेब पर बड़ा बोझ न बन जाए, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
जरूरत और चाहत में फर्क करें
त्योहारों पर डिस्काउंट और ऑफर इतने आकर्षक होते हैं कि अक्सर लोग जरूरत और चाहत के बीच का फर्क ही भूल जाते हैं. उदाहरण के तौर पर घर के लिए जरूरी फ्रिज या बच्चों के लिए पढ़ाई का लैपटॉप खरीदना एक जरूरत है, जबकि लेटेस्ट स्मार्टफोन या महंगे गैजेट लेना सिर्फ चाहत हो सकती है.
खर्च करने से पहले यह तय करें कि कौन-सी खरीदारी जरूरी है और कौन-सी सिर्फ आकर्षण में की जा रही है. इससे आपके बजट का बैलेंस बना रहेगा और आप बेवजह का कर्ज लेने से बच जाएंगे.
बजट तय करें और फिर उस पर टिके रहें
खरीदारी का असली आनंद तभी है जब वह आपको बाद में तनाव न दे. त्योहारों के मौसम में हर चीज पर खर्च करने का मन करता है, लेकिन अगर आप पहले से कैटेगरी-वाइज बजट बना लें तो हालात आपके नियंत्रण में रहेंगे.
उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, सजावट और गिफ्टिंग के लिए अलग-अलग रकम तय करें. आजकल कई मोबाइल ऐप्स हैं जिनसे आप रियल-टाइम में अपने खर्च को ट्रैक कर सकते हैं. सिर्फ बजट बनाना काफी नहीं है. असली फायदा तब है, जब आप उस पर मजबूती से टिके रहें.
EMI और लोन लेते समय सावधानी
त्योहारों पर EMI और BNPL स्कीमें बहुत आसान लगती हैं. लेकिन याद रखें, यह सब शुरुआत में जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं. क्योंकि किस्तें लंबे अरसे तक चलती रहती हैं.
एक थंब रूल ये है कि आपकी मंथली इनकम में EMI का हिस्सा अधिकतम 30 से 40 प्रतिशत तक होना चाहिए. इससे बचत और इमरजेंसी खर्चों के लिए भी जगह बनी रहती है. साथ ही EMI को ऑटो-डेबिट में डालना बेहतर है ताकि पेमेंट में देरी की वजह से पेनाल्टी न देनी पड़े.
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कई लोन लेने की गलती न करें
त्योहार के जोश में लोग कई बार एक साथ अलग-अलग जगहों से लोन ले लेते हैं. कहीं से पर्सनल लोन, कहीं से क्रेडिट कार्ड EMI. नतीजा यह होता है कि हर महीने कई किस्तें चुकानी पड़ती हैं और बजट पूरी तरह गड़बड़ा जाता है.
लोन लेने से पहले शर्तें अच्छी तरह पढ़ें. ब्याज दर के अलावा हिडेन चार्ज और पेनल्टी पर भी ध्यान दें. जो EMI अभी सस्ती दिख रही है, हो सकता है लंबे समय में वह महंगी पड़ जाए. इसलिए सिर्फ वही लोन लें जो वास्तव में जरूरी हो और जिसे चुकाना आपके लिए आराम से संभव हो.
स्मार्ट शॉपिंग से बढ़ाएं बचत
त्योहारों पर डिस्काउंट, बैंक ऑफर्स और कैशबैक एक साथ मिलकर अच्छा फायदा दे सकते हैं. समझदारी इसी में है कि इन ऑफर्स का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए.
कई लोग “फियर ऑफ मिसिंग आउट” यानी FOMO में आकर जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं. याद रखें, ऑफर्स हर साल आते हैं लेकिन आपकी आर्थिक मजबूती सबसे जरूरी है. बजट में जितनी गुंजाइश है, उतना ही खर्च करें.
त्योहार परिवार के संग खुशियां मनाने और वक्त बिताने का मौका हैं. उन्हें कर्ज और तनाव का कारण न बनने दें.