/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/30/gold-rate-today-30-july-2025-ai-2025-07-30-18-29-16.jpg)
Gold Silver Price Today : मंगलवार को सोने और चांदी दोनों में तेजी का रुझान रहा. (AI Generated Image)
Gold Rate Today, Sone Chandi Ka Bhav Aaj Ka : सोने की चमक दिन-ब-दिन और बढ़ती जा रही है. मंगलवार को सर्राफा बाजार में सोना 400 रुपये की तेजी के साथ 1,06,070 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. लगातार सातवें सेशन में गोल्ड का भाव बढ़ा है और सिर्फ एक हफ्ते में 5,900 रुपये की तेजी आ चुकी है. वहीं, चांदी ने भी 100 रुपये की छलांग लगाई और 1,26,100 रुपये प्रति किलो के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई. सवाल है कि आखिर सोना-चांदी इतनी तेजी से क्यों भाग रहे हैं और निवेशकों के लिए आगे का रुझान कैसा रहने वाला है.
क्यों बढ़ रहा है सोना
सोने की इस तेजी की वजह अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ी अनिश्चितता और डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ा रुपया है. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,05,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, जो मंगलवार को 400 रुपये बढ़कर 1,06,070 रुपये पर पहुंच गया. इसी तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 400 रुपये उछलकर 1,05,200 रुपये पर पहुंच गया.
ऑग्मोंट की हेड ऑफ रिसर्च, रेनीशा चैनानी ने कहा, “मंगलवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंचीं क्योंकि अमेरिका की कोर्ट ने पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस के रेसिप्रोकल टैरिफ को गैरकानूनी करार देने के फैसले को बरकरार रखा है. हालांकि अदालत ने कहा है कि ये टैरिफ अक्टूबर के मध्य तक लागू रहेंगे.” इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्प यानी सोना खरीदने की ओर भाग रहे हैं.
चांदी ने भी लगाई छलांग
सोने के साथ-साथ चांदी ने भी रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार पकड़ी है. सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक मंगलवार को चांदी 100 रुपये बढ़कर 1,26,100 रुपये प्रति किलो के नए शिखर पर पहुंच गई. पिछले तीन सेशन में चांदी 7,100 रुपये तक उछल चुकी है. साल की शुरुआत से अब तक चांदी 40.58 प्रतिशत बढ़ चुकी है, जबकि सोने में 34.35 प्रतिशत की तेजी आई है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की कमोडिटी और करेंसी रिसर्च एनालिस्ट, रिया सिंह ने कहा,“चांदी ने अपनी शानदार रैली को जारी रखते हुए 2011 के बाद पहली बार 40 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार किया. सोमवार को यह 41.24 डॉलर तक पहुंची और मंगलवार को भी मजबूती बनाए रखी.”
रुपये की कमजोरी ने बढ़ाई चमक
सोना और चांदी की इस चढ़ाई के पीछे रुपये की कमजोरी भी एक बड़ी वजह है. मंगलवार को रुपया 8 पैसे कमजोर होकर 88.18 प्रति डॉलर के नए ऐतिहासिक स्तर पर बंद हुआ. इंडो-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता और घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी ने रुपये पर दबाव डाला है. कमजोर रुपया सोने की कीमतों को और ऊपर धकेलता है क्योंकि सोना बड़े पैमाने पर इंपोर्ट किया जाता है.
अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ, चिंतन मेहता ने कहा, “जियो-पोलिटिकल हालात भी फोकस में बने हुए हैं. भारत, रूस और चीन के रिश्तों में मजबूती के संकेत दिख रहे हैं, जिससे अमेरिका का असर और डॉलर कमजोर हो सकता है. यह हालत सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों के लिए फायदेमंद रहेगी.”
ग्लोबल मार्केट का हाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना नए रिकॉर्ड स्तरों को छू चुका है. न्यूयॉर्क में स्पॉट गोल्ड मंगलवार को 3,477.41 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था. दिन के दौरान यह 3,508.54 डॉलर तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी), देवैया गगलानी ने बताया, “स्पॉट गोल्ड की कीमतें 3,508 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचीं. फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर चिंता, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और टैरिफ को लेकर अनिश्चितता ने सोने की मांग को और बढ़ाया है.”
हालांकि, चांदी के अंतरराष्ट्रीय दामों में हल्की गिरावट देखी गई. कुछ निवेशकों ने मुनाफावसूली के लिए शॉर्ट टर्म में बिकवाली की, जिसकी वजह से यह 40.29 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी.
आगे का रुझान क्या कहता है
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोना और चांदी में अभी और उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. खासकर अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़े जैसे जॉब ओपनिंग, नॉन-फार्म पेरोल और फेड की पॉलिसी से बाजार का रुख तय होगा.
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी और करेंसी), जतिन त्रिवेदी ने कहा,“गोल्ड 3,470–3,500 डॉलर के दायरे में रह सकता है. अगर 3,510 डॉलर के ऊपर निकलता है तो तेजी और बढ़ सकती है. वहीं 3,450 डॉलर का लेवल इसके लिए सपोर्ट रहेगा. एमसीएक्स पर भी अगर गोल्ड 1,05,500 रुपये से ऊपर जाता है तो यह रैली और लंबी हो सकती है.”
कुल मिलाकर सोना और चांदी फिलहाल सुरक्षित निवेश का बड़ा जरिया बने हुए हैं. वैश्विक बाजार की अनिश्चितता, रुपये की कमजोरी और जियो-पोलिटिकल हालात ने सोने-चांदी की चमक को और बढ़ा दिया है. निवेशकों को हालांकि इस दौरान सतर्क रहकर फैसले लेने की जरूरत होगी, क्योंकि मुनाफावसूली का दौर कभी भी शुरू हो सकता है.