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Gold Outlook : सोने और चांदी की कीमतों में तेजी ने निवेशकों को एक बार फिर इनमें निवेश के बारे में सोचने का मौका दे दिया है. (Image : Freepik)
Gold, Silver Rate Today: सोने की कीमतों ने एक बार फिर 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर छू लिया है, जिससे निवेशकों और खरीदारों के बीच उत्साह बढ़ गया है. इसी के साथ चांदी की कीमतों में भी 500 रुपये की तेजी दर्ज की गई है. यह उछाल घरेलू बाजारों में बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझानों से प्रेरित है. सवाल ये है कि इस माहौल में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सोने की कीमतों में तेजी का कारण
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में 300 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. इसके पहले, मंगलवार को यह 79,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 300 रुपये बढ़कर 79,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा, "चीन की ओर से सोने की बढ़ती मांग ने कीमतों में मजबूती प्रदान की है. दिसंबर में चीन ने लगातार दूसरे महीने अपने सोने के भंडार में इजाफा किया, जो सोने की कीमतों के लिए एक सकारात्मक संकेत है."
चांदी की कीमतों में उछाल
चांदी की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं और 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गईं. मंगलवार को चांदी 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. स्थानीय बाजारों में ज्वैलर्स और खुदरा विक्रेताओं की बढ़ती मांग को इस वृद्धि का मुख्य कारण बताया जा रहा है.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई. मार्च डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंध 224 रुपये या 0.25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 91,097 रुपये प्रति किलोग्राम पर दर्ज किए गए.
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में हलचल देखने को मिली. कॉमेक्स (COMEX) पर सोने के वायदा भाव 0.09 प्रतिशत गिरावट के साथ 2,663.10 डॉलर प्रति औंस पर दर्ज किए गए. हालांकि, चांदी ने बेहतर प्रदर्शन किया और एशियाई बाजार के घंटों में 30.71 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार किया.
ऑगमोंट (Augmont) की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने कहा, "इस हफ्ते जारी होने वाले अमेरिकी रोजगार आंकड़ों में नरमी की संभावना है. अगर आंकड़े कमजोर रहे, तो फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ेंगी, जिससे सोने और चांदी की कीमतों को सहारा मिलेगा."
केंद्रीय बैंक और चीन भी हैं वजह
सोने की कीमतों में वृद्धि का एक और कारण कई देशों के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की खरीदारी है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 में सेंट्रल बैंक्स ने 53 टन सोना अपने भंडार में जोड़ा. इनमें से आठ टन की खरीदारी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई. चीन द्वारा लगातार दूसरे महीने सोने की खरीदारी को निवेशक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं. सौमिल गांधी ने बताया, "चीन ने ट्रम्प के दोबारा व्हाइट हाउस में लौटने के बाद अपने भंडार को विविधता देने के लिए सोने की खरीदारी को प्राथमिकता दी है."
सोने और चांदी में निवेश का आकर्षण
भारत में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों से जुड़े फैक्टर्स का योगदान है. सोने के इंपोर्ट में भी कमी लाई गई है. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार नवंबर में सोने का आयात बिल 14.86 बिलियन डॉलर से घटाकर 9.84 बिलियन डॉलर किया गया है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन में ज्वैलरी की मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे सोने और चांदी की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सोने और चांदी की कीमतों में इस तेजी ने निवेशकों को एक बार फिर इनमें निवेश के बारे में सोचने का मौका दिया है. जानकारों का मानना है कि निवेशकों को बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करने की रणनीति बनानी चाहिए. रेनिशा चैनानी का मानना है कि "मौजूदा आर्थिक स्थिति और केंद्रीय बैंकों की नीतियों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने और चांदी को संतुलित तरीके से शामिल करना चाहिए."