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Gold Investment: पोर्टफोलियो का एक हिस्सा गोल्ड को जरूर देना चाहिए, जिससे डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है. (Representational image via Canva)
Gold Asset Class Return vs Equity/ Small Savings Schemes: गोल्ड (Gold) भारत में हमेशा से निवेश का एक पॉपुलर विकल्प रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके मन में ऐसा कनफ्यूजन हो सकता है कि गोल्ड में रिटर्न अन्य विकल्पों के मुकाबले बहुत कम होता है. लेकिन यह गलत है. अगर आप रिटर्न हिस्ट्री देखें तो 5 साल हो या 10 साल या 20 साल या 30 साल, गोल्ड ने रिटर्न (Gold Return) देने के मामले में लगातार पीपीएफ (Public Provident Fund) या फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम को पीछे छोड़ दिया है. वहीं इक्विटी (Stock Market) को भी मजबूती से टक्कर दिया है. एक्सपर्ट भी कहते हैं कि अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा गोल्ड को जरूर देना चाहिए, जिससे निवेशकों को डाइवर्सिफिकेशन का भी लाभ मिलता है.
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अलग अलग एसेट क्लास का रिटर्न (CAGR)
30 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 8.4%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 7.5%
गोल्ड: 10.7%
सिल्वर: 9.3%
सेंसेक्स: 14.0%
25 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 8.0%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 7.2%
गोल्ड: 11.7%
सिल्वर: 9.7%
सेंसेक्स: 14.9%
निफ्टी 500: 15.7%
20 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 7.9%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 7.1%
गोल्ड: 11.4%
सिल्वर: 9.0%
सेंसेक्स: 13.9%
निफ्टी 500: 14.2%
15 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 7.8%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 6.9%
गोल्ड: 9.8%
सिल्वर: 7.4%
सेंसेक्स: 14.1%
निफ्टी 500: 14.9%
10 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 7.5%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 6.4%
गोल्ड: 11.0%
सिल्वर: 9.2%
सेंसेक्स: 14.6%
निफ्टी 500: 15.6%
5 साल का रिटर्न
पीपीएफ: 7.2%
फिक्स्ड डिपॉजिट: 5.9%
गोल्ड: 13%
सिल्वर: 12%
सेंसेक्स: 15.6%
निफ्टी 500: 18.1%
(सोर्स: Geojit Financial Services)
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गोल्ड में किन तरीकों से कर सकते हैं निवेश
. फिजिकल गोल्ड
. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
. गोल्ड ईटीएफ
. डिजिटल गोल्ड
. गोल्ड म्यूचुअल फंड
. क्वॉइन या बार
. इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड
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डिजिटल गोल्ड के फायदे
• कास्ट इफेक्टिव – स्टोरेज चार्ज नहीं, मैनेज करने में आसान
• इकोनॉमिकल – मेकिंग चार्ज या GST नहीं
• चोरी होने का डर नहीं
• रीयल टाइम गोल्ड प्राइस ट्रैक कर सकते हैं
• निवेश करना आसान – आनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए निवेश
• 100 फीसदी प्योरिटी
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गोल्ड प्राइस का प्रभावित करने वाले फैक्टर्स
• इंटरनेशनल गोल्ड प्राइस
• डॉलर/रुपये का भाव: रुपये में कमजोरी से डोमेस्टिक गोल्ड प्राइस ज्यादा, रुपये में मजबूती से कीमतों में नरमी
• इनफ्लेशन फैक्टर
• ब्याज दरें: हायर रेट के चलते कीमतों में कमी आती है
• इकोनॉमिक आउटलुक / रिकवरी की गति
• ड्यूटी, टैरिफ या टैक्स में बदलाव
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खासियत
• 100 फीसदी प्योरिटी
• बाजार भाव से कम रेट पर निवेश की सुविधा
• 1 ग्राम गोल्ड भी खरीदने की सुविधा
• कोई भी इनडिविजुअल अधिकतम 4000 ग्राम सोने में कर सकता है निवेश
• 2.5 फीसदी सालाना ब्याज सबसे खास फीचर
• ब्याज पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स
• मैच्योरिटी पीरियड 8 साल
• 5 साल बाद प्री मैच्योरिटी रीडेम्पशन की सुविधा
• SGBs को लोन लेने में कोलैटरल के रूप में कर सकते हैं इस्तेमाल
• रख रखाव या चोरी होने का झंझट नहीं
(नोट: यहां दी गई जानकारियां जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज की लेटेस्ट रिपोर्ट पर आधारित है.)