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पिछले एक साल में सोने की कीमत 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या फेस्टिव सीजन में भारतीय इतने महंगे दाम पर भी सोना खरीदने के लिए उतावले होंगे या फिर कदम पीछे खींच लेंगे. (Image: X/@GOLDCOUNCIL)
भारत और सोने का रिश्ता बहुत पुराना है. अब हालात बदल चुके हैं, चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना खरीदने वाला देश बन गया है. माना जाता है कि भारतीय परिवारों के पास करीब 24,000 टन सोना है, जो पूरी दुनिया के सेंट्रल बैंकों के कुल भंडार से भी ज्यादा है. भारत में सोना केवल गहनों या सिक्कों तक सीमित नहीं है. इसे शुभ माना जाता है और सुरक्षित निवेश समझा जाता है. लंबे समय के लक्ष्य जैसे बच्चों की शादी का खर्च पूरा करने के लिए लोग सोना खरीदकर रखते हैं.
भारतीय सोना सबसे ज्यादा कब खरीदते हैं, इसका जवाब सीधा है. सालभर में जितना सोना बिकता है, उसका करीब एक तिहाई हिस्सा शादियों और त्योहारों जैसे दशहरा और दिवाली के समय खरीदा जाता है. अभी भारत इन ही उत्सव भरे महीनों में प्रवेश कर रहा है और सोने की कीमतें अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं. साल 2025 सोने के लिए बेहद चमकदार रहा है. अब तक इसकी कीमतों में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है.
Gold Price in India: भारत में सोने की कीमत
भारत में सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं. आज 24 कैरेट सोने का भाव 1 ग्राम के लिए 11,021 रुपये है. ठीक एक साल पहले यही कीमत 7,633 रुपये थी. यानी महज एक साल में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 50 फीसदी बढ़ चुकी है. सितंबर 2024 में एमसीएक्स पर सोना 73,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर 1,09,388 रुपये हो गया है.
दुनिया के बाजारों में भी यही हाल है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत 3,700 डॉलर पर पहुंच गई है, जो सितंबर 2023 की तुलना में दोगुनी है.
पिछले 12 महीनों में सोने का भाव 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार भी खरीदार आगे आएंगे. उपभोक्ता का रुझान कैसा रहेगा. त्योहारों के मौसम में क्या भारतीय इतने ऊंचे दामों पर भी सोना खरीदने के लिए दौड़ पड़ेंगे.
Gold Buying Trends 2025: सोना खरीदने का ट्रेंड
साल 2025 में पहली बार भारत में सोने की कीमत 10 ग्राम पर 1 लाख रुपये के पार चली गई है. यही वजह है कि इस बार का त्योहारों का मौसम काफी दिलचस्प रहने वाला है.
टाइटन की ज्वैलरी डिवीजन के सीईओ का कहना है कि 50 हजार से 1 लाख रुपये वाली रेंज में मांग जरूर प्रभावित हुई है, लेकिन प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में ग्राहकी अब भी मजबूत बनी हुई है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि त्योहारों की शुरुआत के साथ भारत में सोने की मांग दोबारा रफ्तार पकड़ रही है. खासकर सोने के बिस्कुट और सिक्कों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी पुष्टि बाजार रिपोर्टों और व्यापारियों की प्रतिक्रियाओं से भी होती है.
अब बड़ा सवाल यह है कि अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर की तिमाही में भारत सोने की बढ़ती मांग को कैसे पूरा करेगा.
सोना रखने के मामले में दुनिया स्थान
भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता ही नहीं बल्कि इसका बड़ा आयातक भी है. कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बावजूद अगस्त में देश का सोना आयात कई महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसकी एक बड़ी वजह आने वाले त्योहारों के मौसम में घरेलू मांग को पूरा करना भी हो सकती है.
इसी बीच भारत के सोने के भंडार भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. अगस्त के अंत तक देश के पास 880 टन सोना जमा हो चुका है. अब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 12.5 फीसदी हो गई है, जो एक साल पहले 9 फीसदी थी.
सोन की कीमतों में क्यों आ रही तेजी?
भारत में सोने की कीमतों पर सबसे बड़ा असर वैश्विक हालात का पड़ता है. यह सिलसिला 2022 से शुरू हुआ, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया. इसके बाद ईरान-इज़राइल-फ़िलिस्तीन से जुड़ा पश्चिम एशिया का तनाव बढ़ा. भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच दुनिया के सेंट्रल बैंकों ने सोना खरीदना तेज़ कर दिया, जिससे इसकी कीमतें और ऊपर चली गईं.
ताज़ा अनुमानों के मुताबिक सेंट्रल बैंकों की यह खरीद अभी भी जारी है. दूसरी तरफ, अमेरिका का कर्ज़ बोझ लगातार बढ़ रहा है, जिससे डॉलर इंडेक्स पर दबाव बना हुआ है और सोने की कीमतों को सहारा मिल रहा है.
2025 में भी सोने की कीमतें चढ़ाई पर हैं. इसकी एक वजह ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ हैं, जिनसे अमेरिका और बाकी देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ने की आशंका है.
सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरों में कटौती शुरू की है. आमतौर पर ब्याज दरें घटने पर शेयर बाज़ार जैसे जोखिम वाले निवेश चमकते हैं, लेकिन अगर निवेशकों का भरोसा डगमगाया तो सोने को भी फायदा होगा.
अंत में
कहने का मलतब है कि जैसे-जैसे लोगों की आमदनी बढ़ती है, वैसे-वैसे सोने में बचत करने की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है. दूसरी ओर, अगर मासिक खर्च घटता है तो बची हुई रकम को लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं.
22 सितंबर से कई तरह की खरीददारी पर जीएसटी में कटौती लागू हो चुकी है. इससे परिवारों के बजट में कुछ अतिरिक्त रकम बचेगी, जो त्योहारों के मौसम में सोने की खरीद पर जा सकती है.
अब देखना यह होगा कि 2025 के आखिरी तीन महीनों में भारतीय आखिर कितना सोना खरीदते हैं.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed for accuracy.
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