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HRA proofs: मकान किराए पर टैक्स छूट के लिए अपने पास रखें ये दस्तावेज, आयकर विभाग के मांगने पर नहीं होगी परेशानी

HRA tax exemption proofs: अगर आप मकान किराए पर टैक्स छूट क्लेम करते हैं, तो प्रूफ के लिए अपने पास कुछ दस्तावेज रखना जरूरी है, ताकि आयकर विभाग की तरफ से मांगे जाने पर आपको कोई परेशानी न हो.

HRA tax exemption proofs: अगर आप मकान किराए पर टैक्स छूट क्लेम करते हैं, तो प्रूफ के लिए अपने पास कुछ दस्तावेज रखना जरूरी है, ताकि आयकर विभाग की तरफ से मांगे जाने पर आपको कोई परेशानी न हो.

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FE Hindi Desk
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HRA tax exemption proofs: HRA क्लेम करने वाले लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि इनकम टैक्स विभाग की तरफ से मांगे जाने पर उन्हें अपने क्लेम के सपोर्ट में कौन से दस्तावेज मुहैया कराने होंगे. (Image : Financial Express)

HRA tax exemption proofs you must keep: किराए के घर में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर इनकम टैक्स में छूट क्लेम करना आम बात है. दरअसल आयकर के भारी बोझ से परेशान सैलरीड क्लास के लिए एचआरए पर मिलने वाली छूट टैक्स में राहत देने वाले कुछ लोकप्रिय प्रावधानों में शामिल है. लेकिन टैक्स में कानूनी रूप से बचत करने का यह तरीका हाल ही में गलत वजह से सुर्खियों में आ गया है. हाल में ऐसी खबरें आई हैं कि इनकम टैक्स विभाग ने पैन (PAN) के गलत इस्तेमाल के जरिए एचआरए क्लेम में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा किया है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) ने ऐसे 8 से 10 हजार मामलों का पता लगाया है, जिनमें इस तरह की धांधली किए जाने का शक है. इनमें से कई मामले तो लाखों रुपये का एचआरए क्लेम किए जाने से जुड़े हैं. इन खबरों की वजह से कुछ ऐसे लोग भी चिंता में पड़ गए हैं, जिन्होंने एचआरए क्लेम करने में कोई गड़बड़ी नहीं की है. उन्हें लग रहा है कि धांधली के इन मामलों की वजह से कहीं आयकर विभाग तमाम नौकरीपेशा लोगों के एचआरए क्लेम की छानबीन बढ़ा न दे और उन्हें बेवजह के सवालों का सामना न करना पड़े. 

HRA क्लेम  : अपने पास रखें ये दस्तावेज

ऐसे में HRA क्लेम करने वाले लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि अगर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई पूछताछ होती है, तो उन्हें अपने क्लेम को सपोर्ट करने के लिए कौन से दस्तावेज मुहैया कराने होंगे. दरअसल, नियमों के मुताबिक आयकर भरने वालों के लिए जरूरी है कि वे उन सभी एग्जम्पशन / डिडक्शन के प्रूफ अपने पास सुरक्षित रखें, जो उन्होंने आईटीआर फाइल करते समय क्लेम किए हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि आपने अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय जो भी एचआरए क्लेम किया है, उससे जुड़े प्रूफ अपने पास रखें, ताकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कोई सवाल उठाए जाने पर उसका जवाब दे सकें. आपकी सुविधा के लिए हम यहां उन दस्तावेजों और तरीकों की जानकारी दे रहे हैं, जिनसे आपके लिए  एचआरए क्लेम का सबूत देना आसान हो सकता है.. 

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1. रेंट एग्रीमेंट

किरायेदार के पास अपने मकान मालिक के साथ किया गया वैलिड रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए. रेंट एग्रीमेंट को कानूनी तौर पर सही बनाने के लिए जरूरी है कि अगर मासिक किराया 50,000 रुपये से अधिक है, तो किराए से टीडीएस काटा जाए. लिहाजा, रेंट एग्रीमेंट में इस बात का जिक्र होना चाहिए कि अगर किराए में टीडीएस लागू होता है, तो उसे कैसे काटा जाएगा. इसके अलावा, रेंट एग्रीमेंट में किरायेदार और मकान मालिक के बारे में सारी बुनियादी जानकारी भी जरूर होनी चाहिए. 

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2. मकान मालिक का PAN

अगर आपका एक साल का किराया 1 लाख रुपये से अधिक है, तो एचआरए पर टैक्स छूट क्लेम करने के लिए मकान मालिक का पैन डिटेल देना भी जरूरी है. हालांकि आयकर विभाग आईटीआर दाखिल करते समय मकान मालिक का पैन नहीं मांगता है, लेकिन बाद में मांगे जाने पर आपको इसका विवरण मुहैया कराना पड़ सकता है. लिहाजा आपको अपने मकान मालिक के पैन की कॉपी अपने पास रखनी चाहिए.

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3. किराए की रसीदें

सिर्फ वैलिड रेंट एग्रीमेंट को ही एचआरए पर टैक्स में छूट क्लेम करने का पर्याप्त सबूत नहीं माना जा सकता. इसके अलावा आपको किराए के भुगतान के एवज में मकान मालिक से रसीद लेकर उसे भी सुरक्षित रखना चाहिए. किराए की रसीदें इस बात का सबूत होती हैं कि वेतनभोगी कर्मचारी ने वास्तव में संबंधित वित्त वर्ष के दौरान किराए का भुगतान किया है. किराए का भुगतान अगर नेट बैंकिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से किया गया हो, तो भी किराए की रसीद जरूर लेनी चाहिए. दरअसल आपके एंप्लॉयर की तरफ से भी रेंट एग्रीमेंट के साथ ही साथ किराए की रसीदें मांगी जा सकती हैं. 

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4. बैंक के जरिए किराए का भुगतान

अगर आप किराए का भुगतान नकद के बजाय इलेक्ट्रॉनिक चैनलों मसलन, नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से करें तो यह सबसे बेहतर रहेगा. बैंकों के जरिये किए गए किराए के भुगतान का रिकॉर्ड बैंक के पास भी रहता है. इस बैंक विवरण को भी आप आयकर विभाग के मांगने पर रेंट पेमेंट के सबूत के तौर पर पेश कर  सकते हैं. वैसे भी आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269ST के तहत 2 लाख रुपये या उससे अधिक के नकद भुगतान पर रोक है. ऐसा करने पर सेक्शन 271DA के तहत जुर्माना भी लग सकता है.

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5. परिवार के सदस्यों को किराया देना

आयकर से जुड़े कानून परिवार के सदस्यों को किराया देने पर पाबंदी नहीं लगाते हैं. लेकिन परिवार के सदस्यों को किराया देने पर भी आपको उसका प्रमाण देने के लिए रेंट एग्रीमेंट और किराए की रसीद जैसे जरूरी दस्तावेज अपने पास रखने चाहिए, वरना आयकर विभाग एचआरए की कर छूट को नामंजूर कर सकता है. इसके अलावा, आप परिवार के जिस सदस्य को किराए का भुगतान करते हैं, उन्हें अपने आईटीआर में किराए से हुई उस आय को जरूर दिखाना चाहिए

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