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Income Tax Disputes : इनकम टैक्स के जुड़े विवादों को सरलता से निपटाना सरकार की विवाद से विश्वास स्कीम का मुख्य मकसद है. (Image : Pixabay)
Income Tax Disputes: How to Avail Vivad Se Vishwas Scheme: सरकार ने टैक्स विवाद निपटाने के लिए 'डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024' (Direct Tax Vivad Se Vishwas Scheme 2024) पेश की है. इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य इनकम टैक्स के पेंडिंग विवादों को सरल तरीके से निपटाकर खत्म करना है. अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 31 दिसंबर, 2024 से पहले आवेदन करना अनिवार्य है. इसके बाद आवेदन करने पर 10% अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है. अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके हर पहलू को अच्छी तरह समझना जरूरी है.
विवाद से विश्वास स्कीम का उद्देश्य
इस स्कीम के तहत, टैक्सपेयर अपने टैक्स विवाद से जुड़े मामलों का समाधान कर सकते हैं. योजना का उद्देश्य टैक्स विवादों को कम करना और पेंडिंग मामलों को समाप्त करना है. योजना के तहत, टैक्स की विवादित रकम का भुगतान करने के साथ ही कुछ अतिरिक्त पेमेंट भी करना होगा, लेकिन जुर्माने और ब्याज को माफ कर दिया जाएगा.
कौन कर सकता है आवेदन?
15 अक्टूबर, 2024 को आयकर विभाग द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, इस योजना का लाभ ऐसे टैक्सपेयर उठा सकते हैं:
जिनके मामलों में 22 जुलाई, 2024 तक अपील पेंडिंग हैं.
जिनके मामलों में उठाए गए ऑब्जेक्शन 22 जुलाई, 2024 तक विवाद समाधान पैनल (DRP) के पास पेंडिंग हैं.
जिन मामलों में DRP ने निर्देश दिए हैं, लेकिन असेसमेंट 22 जुलाई, 2024 तक पूरा नहीं हुआ है.
जिन टैक्सपेयर्स ने धारा 264 के तहत रिव्यू के लिए आवेदन किया है और उनके आवेदन 22 जुलाई, 2024 तक पेंडिंग है.
कैसे काम करती है यह योजना?
इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए अगर टैक्स विभाग के मुताबिक आपकी टैक्सेबल इनकम 1,50,000 रुपये है और जिस पर टैक्स देनदारी 25,000 रुपये बनती है. लेकिन आपके मुताबिक टैक्सेबल इनकम 1,00,000 रुपये और टैक्स देनदारी 10,000 होनी चाहिए, जो आप दे चुके हैं. इस विवाद को निपटाने के लिए आपको बाकी 15,000 रुपये (25,000 रुपये - 10,000 रुपये) और कुछ एक्स्ट्रा भुगतान करना होगा. लेकिन पेनाल्टी और ब्याज नहीं देना होगा. यह सुविधा तभी मिलेगी, जब आप 31 दिसंबर, 2024 तक आवेदन कर देंगे. लेकिन, 1 जनवरी, 2025 के बाद आवेदन करने पर विवादित टैक्स के 110% के बराबर भुगतान करना होगा.
योजना के तहत टैक्सपेयर्स को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
नए अपील करने वाले : जिनके मामले 1 फरवरी, 2020 के बाद दर्ज किए गए.
पुराने अपील करने वाले : जिनके मामले 31 जनवरी, 2020 तक पेंडिंग थे.
नए अपील करने वाले टैक्सपेयर्स को 31 दिसंबर, 2024 तक आवेदन करने पर 100% विवादित टैक्स देना होगा, जबकि 1 जनवरी, 2025 के बाद एप्लीकेशन देने पर विवादित टैक्स के 110% के बराबर टैक्स भरना होगा. वहीं, पुराने अपील करने वाले टैक्सपेयर्स को 31 दिसंबर, 2024 तक एप्लाई करने पर विवादित टैक्स का 110% और 1 जनवरी, 2025 के बाद आवेदन देने पर विवादित टैक्स का 120% भुगतान करना होगा.
इस योजना से किन्हें होगा लाभ?
डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024 नीचे बताई गई कैटेगरी में आने वाले टैक्सपेयर्स के लिए खास तौर पर फायदेमंद हो सकती है:
जिनकी अपील का आधार कमजोर है और अपील में सफलता मिलने की संभावना कम है.
जिनके पास अपने क्लेम के समर्थन में पर्याप्त दस्तावेज़ नहीं हैं.
जिन मामलों में टैक्स की विवादित रकम कम है.
जो टैक्स विवादों में लगने वाले समय और पैसे की बचत करना चाहते हैं.
किन मामलों पर योजना लागू नहीं होगी?
इन विशेष मामलों में यह योजना लागू नहीं होगी:
सर्च और सीज़र के मामले.
अघोषित आय या विदेशों में संपत्ति के मामले.
अन्य विशेष कानूनों के तहत जारी प्रक्रियाएं.
वेल्थ टैक्स, सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स, कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स और इक्वलाइजेशन लेवी से जुड़े विवाद.
इन बातों का भी रखें ध्यान
यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि योजना के तहत जमा की गई घोषणाओं को भविष्य में किसी अन्य विवाद के लिए आधार नहीं माना जाएगा. अगर कोई टैक्सपेयर अधिक टैक्स, ब्याज, या जुर्माना दे चुका है, तो उसे वापस किया जाएगा लेकिन उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा.
योजना से जुड़े जरूरी फॉर्म
योजना के तहत आवेदन के लिए चार अलग-अलग फॉर्म उपलब्ध हैं:
फॉर्म 1: घोषणा और अंडरटेकिंग के लिए.
फॉर्म 2: योजना के लिए अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र के लिए.
फॉर्म 3: भुगतान की जानकारी देने के लिए.
फॉर्म 4: विवादित टैक्स के फुल एंड फाइनल निपटारे के लिए.
इन फॉर्म्स को आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमा किया जा सकता है.
टैक्स विवाद खत्म करने का मौका
कुल मिलाकर 'डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024' उन टैक्सपेयर्स के लिए सुनहरा मौका है, जो टैक्स से जुड़े विवाद को खत्म करना चाहते हैं. ऐसे टैक्सपेयर 31 दिसंबर, 2024 तक आवेदन देकर न सिर्फ एक्स्ट्रा टैक्स से बच सकते हैं, बल्कि लंबे समय से चल रहे विवादों को भी समाप्त कर सकते हैं.