/financial-express-hindi/media/media_files/OqAwQwyaEOZlKPHWHp4B.jpg)
Retail Inflation Data : दिसंबर 2024 के दौरान खुदरा महंगाई दर में आई मामूली गिरावट से आम लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. (File Photo : Indian Express)
Retail Inflation Latest Data:दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.22% पर आ गई है, जो पिछले चार महीनों में सबसे निचला स्तर है. नवंबर 2024 में यह दर 5.48% थी. महंगाई दर में यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण आई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य महंगाई घटकर 8.39% रही, जो नवंबर में 9.04% थी.
महंगाई दर में क्यों आई नरमी
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट महंगाई दर में कमी का प्रमुख कारण रही. सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई में सुधार से कीमतों में स्थिरता आई है. NSO ने बताया कि दिसंबर में सामान्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और खाद्य महंगाई दोनों ही पिछले चार महीनों में सबसे कम रहे.
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी पर असर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया था. हालांकि, दिसंबर में महंगाई दर में आई गिरावट से मौद्रिक नीति समिति (MPC) पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बन सकता है. ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि "दिसंबर में CPI महंगाई दर 5.2% रही, जो नवंबर के 5.5% से कम है, लेकिन गिरावट की गति अपेक्षा से कम रही. अगर सब्जियों की कीमतों में गिरावट जारी रहती है, तो फरवरी 2025 की बैठक में कुछ सदस्य दरों में कटौती पर विचार कर सकते हैं."
फॉरेन करेंसी और अंतरराष्ट्रीय हालात का असर
सोसाइटी जनरल के इंडिया इकोनॉमिस्ट कुणाल कुंडू ने कहा, "दिसंबर में खाद्य कीमतों में नरमी से RBI को राहत मिली है, लेकिन रुपये की कमजोरी और ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितता के कारण फरवरी में दरों में कटौती पर संदेह बना हुआ है." एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता के मुताबिक "RBI फरवरी 2025 की नीति में ब्याज दरों में कटौती को लेकर सतर्क रह सकता है. हालांकि, अप्रैल 2025 में कटौती की संभावना बनी हुई है. रुपये में गिरावट और ग्लोबल आर्थिक स्थितियां भी नीति निर्धारण को प्रभावित कर सकती हैं."
आगे की महंगाई दर का अनुमान
कोटक महिंद्रा बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा, "खाद्य और मुख्य महंगाई दोनों में गिरावट आई है. सर्दियों की फसल की आवक से खाद्य कीमतें और कम हो सकती हैं. हमें उम्मीद है कि महंगाई दर अगले कुछ महीनों में RBI के 4% के लक्ष्य की ओर बढ़ेगी." IDFC फर्स्ट बैंक के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, "जनवरी में दैनिक खाद्य कीमतों में और गिरावट देखी जा रही है, जिससे CPI महंगाई दर 5% से नीचे आ सकती है. घरेलू परिस्थितियां फरवरी में दरों में कटौती के पक्ष में हैं, लेकिन रुपये की कमजोरी इसे टाल सकती है."
फूड सप्लाई और ग्लोबल रिस्क
एलारा सिक्योरिटीज की अर्थशास्त्री गरिमा कपूर ने कहा, "जनवरी में नई फसलों की सप्लाई से खाद्य कीमतों में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. हालांकि, रुपये की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी महंगाई पर दबाव डाल सकती है." बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपन्विता मजूमदार ने कहा, "सब्जियों की महंगाई में गिरावट से CPI में सुधार देखा गया है. हालांकि, रुपये की कमजोरी और एनर्जी प्राइसेस में बढ़ोतरी से महंगाई पर दबाव बना रह सकता है."
ब्याज दरों में कटौती पर विचार करेगा RBI?
दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर में आई गिरावट से आम जनता को मामूली राहत मिली है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात और रुपये की कमजोरी का असर मॉनेटरी पॉलिसी पर पड़ सकता हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फूड इंफ्लेशन में गिरावट जारी रहती है, तो RBI भविष्य में ब्याज दरों में कटौती करने पर विचार कर सकता है.