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Top 5 ELSS Tax Saver Funds ने इनकम टैक्स बचाने का मौका देने के साथ ही साथ शानदार रिटर्न भी दिए हैं. (Image : Freepik)
Tax Saving Investment in ELSS: इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS को अगर डबल बेनिफिट इनवेस्टमेंट कहा जाए तो गलत नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि देश के टॉप 5 टैक्स सेविंग ELSS फंड्स ने पिछले 5 साल में निवेशकों को इनकम टैक्स बचाने का मौका देने के साथ ही साथ शानदार रिटर्न भी दिए हैं. फिर चाहे वो वन टाइम इनवेस्टमेंट हो या सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये किया गया निवेश. इन स्कीम में एकमुश्त (Lump Sum) निवेश करने वालों के पैसे 5 साल में 3 से 4 गुना तक हो गए हैं, जबकि SIP के जरिये लगाए गए पैसे भी लगभग डबल हुए हैं.
टॉप 5 ELSS टैक्स सेवर फंड
हम यहां उन पांच ELSS टैक्स सेवर फंड्स (Top 5 ELSS Tax Saver Funds) का डिटेल दे रहे हैं, जिन्होंने पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. स्कीम के रिटर्न के साथ ही साथ बेंचमार्क इंडेक्स और एक्सपेंस रेशियो का आंकड़ा भी दिया गया है.
1. Quant ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
लंपसम निवेश पर 5 साल का रिटर्न (CAGR) : 32.54%
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,09,566 रुपये
10 हजार रुपये मंथली SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
SIP निवेश की 5 साल बाद फंड वैल्यू : 11,80,713.4 रुपये (एन्युलाइज्ड रिटर्न : 27.41% )
बेंचमार्क : NIFTY 500 TRI (5 साल का रिटर्न : 19.01%)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 10,730.03 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.59%
2. Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
लंपसम निवेश पर 5 साल का रिटर्न (CAGR) : 25.87%
बेंचमार्क : BSE 500 TRI (5 साल का रिटर्न : 19.08%)
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,16,351 रुपये
10 हजार रुपये मंथली SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
SIP निवेश की 5 साल बाद फंड वैल्यू : 11,17,178 रुपये (एन्युलाइज्ड रिटर्न : 25.1 %)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 1,424.80 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.84%
3. Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
लंपसम निवेश पर 5 साल का रिटर्न (CAGR) : 25.36%
बेंचमार्क : NIFTY 500 TRI (5 साल का रिटर्न : 19.01%)
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,09,974 रुपये
10 हजार रुपये मंथली SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
SIP निवेश की 5 साल बाद फंड वैल्यू : 13,18,668 रुपये (एन्युलाइज्ड रिटर्न : 32.08 % )
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 4,342.36 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.65%
4. SBI Long Term Equity Fund (Direct Plan)
लंपसम निवेश पर 5 साल का रिटर्न (CAGR) : 25.05%
बेंचमार्क : BSE 500 TRI (5 साल का रिटर्न : 19.08%)
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,06,126 रुपये
10 हजार रुपये मंथली SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
SIP निवेश की 5 साल बाद फंड वैल्यू : 12,02,031 रुपये (एन्युलाइज्ड रिटर्न : 28.16 %)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 27,777.32 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.93%
5. Parag Parikh ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
लंपसम निवेश पर 5 साल का रिटर्न (CAGR) : 24.37%
बेंचमार्क : NIFTY 500 TRI (5 साल का रिटर्न : 19.01%)
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 2,97,862 रुपये
10 हजार रुपये मंथली SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
SIP निवेश की 5 साल बाद फंड वैल्यू : 10,83,719 रुपये (एन्युलाइज्ड रिटर्न : 23.83 %)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 4,514.98 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.62%
ELSS फंड्स की क्या है खूबी
सेबी के नियमों के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme) के कॉर्पस का मिनिमम 80% हिस्सा इक्विटी यानी शेयर्स में निवेश करना जरूरी है. बाकी 20% निवेश दूसरे एसेट्स में किया जा सकता है. ELSS का मकसद टैक्स सेविंग के साथ-साथ निवेशकों को लंबी अवधि के दौरान बेहतर रिटर्न देना भी होता है. स्कीम में टैक्स सेविंग के लिए लॉक इन पीरियड 3 साल होता है. लेकिन लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए 5 साल या उससे ज्यादा समय तक इनवेस्टमेंट करना अच्छा रहता है.
ELSS में निवेश पर क्या है टैक्स बेनिफिट
ELSS में एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक इनवेस्टमेंट करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. 3 साल के लॉक-इन के बाद यूनिट्स बेचने से होने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है और एक वित्त वर्ष के दौरान 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर कोई टैक्स नहीं लगता. उससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5% LTCG टैक्स लगता है, जो 20 या 30 फीसदी के इनकम टैक्स स्लैब में आने वालों के लिए काफी फायदे का सौदा है. इसीलिए ELSS को टैक्स में बचत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है. इसका 3 साल लॉक-इन पीरियड भी टैक्स बचाने वाली सभी स्कीम में सबसे कम है.
रिस्क समझकर करें निवेश का फैसला
टॉप 5 ELSS फंड्स ने पिछले 5 साल में कितना अच्छा रिटर्न दिया है, यह तो ऊपर दिए आंकड़े बताते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड में पिछला रिटर्न भविष्य में भी जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती. ELSS पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ावों का सीधा असर पड़ता है. इसीलिए इन्हें रिस्कोमीटर पर ‘बहुत अधिक जोखिम’ (Very High Risk) की रेटिंग दी जाती है. लिहाजा, ELSS में निवेश का फैसला करते समय अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखना चाहिए. SIP के जरिये निवेश करने पर लॉन्ग टर्म में मार्केट रिस्क कुछ कम किया जा सकता है. फिर भी मार्केट से जुड़ा रिस्क तो रहता ही है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला सेबी से मान्यताप्राप्त निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)