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लंपसंप निवेश के लिए विचार करने योग्य 3 बेस्ट HDFC इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, चेक करें डिटेल. (AI Image: Perplexity)
भारत की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, ने लंबे समय तक लगातार अच्छे रिटर्न देकर निवेशकों का भरोसा जीता है. पिछले कुछ सालों में इसके कई इक्विटी फंड्स ने अपनी कैटेगरी में बेहतरीन परफार्मेंस किया है और टॉप परफॉर्मर्स की लिस्ट में जगह बनाई है.
इस बेहतर परफार्मेंस के पीछे कुछ अहम वजहें हैं. एचडीएफसी म्यूचुअल फंड अपनी रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी और मज़बूत इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के लिए जाना जाता है. कंपनी ग्रोथ और वैल्यू—दोनों तरह की रणनीतियों का संतुलित इस्तेमाल करती है. दिलचस्प बात यह है कि यह फंड हाउस ट्रेंड या शॉर्ट-टर्म मोमेंटम के पीछे भागने से बचता है, भले ही इसके चलते थोड़े समय के लिए परफार्मेंस थोड़ा कमजोर लगे.
फंड मैनेजर्स यहां ‘बाय एंड होल्ड’ यानी लंबे समय तक निवेश बनाए रखने की नीति पर चलते हैं. यही वजह है कि इनके फंड्स का टर्नओवर रेशियो काफी कम (20-40%) रहता है. इस अप्रोच ने कंपनी को मार्केट की तेजी में तो शानदार नतीजे दिए ही हैं, गिरावट के समय भी इसकी परफॉर्मेंस ठीक-ठाक रही है.
इसी संदर्भ में, अब हम एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के टॉप 3 इक्विटी स्कीम्स पर नज़र डालेंगे. इन्हें हमने अलग-अलग समयावधियों (6 महीने, 1 साल, 3 साल और 5 साल) के रिटर्न्स और रिस्क-रिवॉर्ड मेट्रिक्स—जैसे स्टैंडर्ड डिविएशन, शार्प, सोर्टिनो और अप/डाउन कैप्चर रेशियो—को मिलाकर बने क्वांटिटेटिव स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया है.
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HDFC mid cap fund
एचडीएफसी मिड कैप फंड (पहले एचडीएफसी मिड-कैप अपॉर्च्युनिटीज फंड) जून 2007 में लॉन्च हुआ था और आज यह मिड कैप कैटेगरी का सबसे लोकप्रिय म्यूचुअल फंड माना जाता है. इस फंड ने अलग-अलग मार्केट कंडीशंस में लगातार औसत से बेहतर रिटर्न देकर अपनी बेहतर पहचान बनाई है.
फंड मैनेजर चिराग सेतलवद के नेतृत्व में यह स्कीम और भी निखरी है. चिराग अपने मिड और स्मॉल कैप्स पर गहरे विश्वास और बेहतर रिसर्च के लिए जाने जाते हैं. पिछले 5 सालों में इस फंड ने 31.2% का CAGR रिटर्न दिया है, जो निफ्टी मिडकैप 150 TRI इंडेक्स के 29.9% रिटर्न से ज्यादा है.
31 जुलाई 2025 तक फंड की निवेश रणनीति में 65% पैसा मिडकैप्स में, 20.4% स्मॉलकैप्स में और 7.4% लार्जकैप्स में लगाया गया है. इसके पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक्स हैं— मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज (4.6%), बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (3.8%) और कोफोर्ज (3.2%). वहीं, टॉप सेक्टर्स में शामिल हैं— ऑटो और इसके सप्लाई सेक्टर्स (16.4%), बैंकिंग (13%) और फार्मा व हेल्थकेयर (12%).
फंड की सबसे बड़ी ताकत इसकी डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी है. यह फंड हमेशा अच्छे फंडामेंटल वाले, सही कीमत पर उपलब्ध स्टॉक्स को चुनता है और भीड़ के पीछे भागने से बचता है. यही वजह है कि यह निवेशकों को लंबे समय में बेहतर रिटर्न देने के साथ-साथ रिस्क भी नियंत्रित करता है.
HDFC focused fund
एचडीएफसी फोकस्ड फंड सितंबर 2004 में लॉन्च हुआ था और इसे पहले एचडीएफसी कोर एंड सैटेलाइट फंड (HDFC Core & Satellite Fund) के नाम से जाना जाता था. यह फंड अपने पोर्टफोलियो में अधिकतम 30 स्टॉक्स में निवेश करता है और अलग-अलग सेक्टर्स को कवर करता है.
फंड की रणनीति यह है कि पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा बेहतर और भरोसेमंद लार्ज-कैप स्टॉक्स में लगाया जाए, जबकि ग्रोथ के अवसरों के लिए मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में पर्याप्त निवेश किया जाता है. पिछले 5 सालों में इस फंड ने 27.9% का CAGR रिटर्न दिया, जो निफ्टी 500 TRI इंडेक्स के 21.6% से बेहतर है.
31 जुलाई 2025 तक फंड की परिसंपत्तियों का 65.9% लार्जकैप्स, 5.6% मिडकैप्स और 13.8% स्मॉलकैप्स में निवेशित है. फंड के टॉप स्टॉक्स हैं— ICICI बैंक (9.7%), HDFC बैंक (8.5%) और Axis बैंक (7.1%), जबकि टॉप सेक्टर्स हैं— बैंकिंग (35.7%), ऑटो और सप्लाई सेक्टर्स (16.9%) और फार्मा व हेल्थकेयर (8%).
इस फंड की खासियत यह है कि यह क्वालिटी स्टॉक्स चुनता है जो सही वैल्यूएशन पर उपलब्ध हों, जिससे निवेश के समय बेहतर मार्जिन ऑफ सेफ्टी बनती है और रिस्क कम होता है. इसके अलावा, फंड मार्केट के अलग-अलग कैप्स में उच्च-गुणवत्ता वाले अवसरों की पहचान करने में माहिर है, जिससे यह लंबी अवधि में निवेशकों को अच्छा रिटर्न देते हुए जोखिम को नियंत्रित रखता है.
HDFC Flexi Cap fund
एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड जनवरी 1995 में एचडीएफसी इक्विटी फंड के रूप में लॉन्च हुआ था. शुरुआत में इसे मल्टी कैप फंड के तौर पर बनाया गया था, जिसमें लार्जकैप्स को प्राथमिकता दी जाती थी. जनवरी 2021 में इसे मार्केट रेगुलेटर की नई कैटेगरी डिफ़िनिशन के अनुसार एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड में बदल दिया गया.
हालांकि, इस बदलाव के बावजूद फंड की निवेश रणनीति में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ. अब भी यह फंड अवसरों के हिसाब से अलग-अलग मार्केटकैप्स में निवेश करता है, लेकिन लार्जकैप्स को प्राथमिकता देता है. पिछले 5 सालों में इस फंड ने 27.3% का CAGR रिटर्न दिया, जो निफ्टी 500 TRI इंडेक्स के 21.6% से बेहतर है.
31 जुलाई 2025 तक फंड की परिसंपत्तियों का 74.3% लार्जकैप्स, 4% मिडकैप्स और 9.9% स्मॉलकैप्स में निवेशित है. इसके टॉप स्टॉक्स हैं ICICI बैंक (9.7%), HDFC बैंक (9%) और Axis बैंक (6.9%), जबकि प्रमुख सेक्टर्स हैं— बैंकिंग (35.5%), ऑटो और सप्लाई सेक्टर्स (14.5%) और फार्मा व हेल्थकेयर (9%).
फंड का परफार्मेंस भालू मार्केट (बियर मार्केट) में धीमा रहता है, लेकिन तेजी वाले मार्केट (बुलिश मार्केट) में यह शानदार परफार्मेंस करता है. इसकी ताकत इसकी डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो रणनीति और बेहतर फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करने की नीति है, जो लंबे समय में निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने में मदद करती है.
कुल मिलाकर, निवेश के लिहाज से देखें तो एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के इक्विटी फंड्स ने लंबे समय में निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिए हैं, लेकिन निवेशक को ध्यान रखना चाहिए कि पूरे पैसे को सिर्फ एक ही फंड हाउस की स्कीम्स में न लगाएँ. ऐसा करने से निवेश कुछ ही स्टॉक्स, सेक्टर्स या मार्केटकैप तक सीमित रह जाएगा और रिटर्न असमान हो सकते हैं. इसलिए बेहतर है कि पोर्टफोलियो में सही तरह की विविधता बनाई जाए और एक-दूसरे से बहुत मिलते-जुलते फंड्स को एक साथ शामिल करने से बचा जाए, ताकि कुल रिटर्न बेहतर और संतुलित रहे.
डिसक्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है. इसे किसी स्टॉक या निवेश की सिफारिश के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
वेबसाइट मैनेजर, कर्मचारी और लेखक या सहयोगी जिन कंपनियों या सिक्योरिटीज का जिक्र कर रहे हैं, उनके स्टॉक्स या संबंधित निवेशों में पहले से कोई खरीद या बिक्री की स्थिति रखते हैं या रख सकते हैं. लेख में शामिल कंटेंट और डेटा की व्याख्या पूरी तरह से लेखक के व्यक्तिगत नजरिए पर आधारित है.
निवेशकों को अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों, संसाधनों और आवश्यक होने पर स्वतंत्र सलाहकार से परामर्श लेकर ही निवेश निर्णय लेने चाहिए.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed for accuracy.
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