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Investors : जिस तरह से मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए घर घर में सस्ता मोबाइल डाटा पहुंचा दिया, उसी तरह की तैयारी म्यूचुअल फंड में भी है. (Reuters)
Jio BlackRock AMC : म्यूचुअल फंड मार्केट में आने वाले दिनों में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है. ये हलचल मचाने की तैयारी है, भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की. हालांकि इसमें साफ तौर पर विनर साबित होंगे छोटे यानी रिटेल निवेशक. जिस तरह से मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए घर घर में सस्ता मोबाइल डाटा पहुंचा दिया, उसी तरह की तैयारी म्यूचुअल फंड में भी है और वे जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड के जरिए छोटे से छोटे निवेशकों तक म्यूचुअल फंड की पहुंच बनाने की तैयारी में है.
बता दें कि जियो ब्लैकरॉक एएमसी (Jio Blackrock Mutual Fund) ने हाल ही में लॉन्च अपने 3 कैश/डेट म्यूचुअल फंड स्कीम (NFO) जियोब्लैकरॉक ओवरनाइट फंड, जियोब्लैकरॉक लिक्विड फंड और जियोब्लैकरॉक मनी मार्केट फंड से कुल 17,800 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है. फिलहाल इस सफल एनएफओ से उत्साहित एसेट मैनेजमेंट कंपनी अब म्यूचुअल फंड मार्केट (Mutual Fund) में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है. जियो ब्लैकरॉक एएमसी इस साल के अंत तक भारत में लगभग दर्जन भर (करीब 12) इक्विटी और डेट फंड लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
Jio BlackRock AMC : छोटे निवेशकों पर फोकस
जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड का फोकस छोटे निवेश (कम राशि जैसे 500 रुपये) करने वालों पर होगा. कंपनी का लक्ष्य डिस्ट्रीब्यूटर्स को हटाकर सीधे निवेशकों तक पहुंचेने का है. ताकि म्यूचुअल फंड में निवेश का खर्च कम हो सके. बीच में एजेंट न होने से एक्सपेंस रेश्यो कम होगा. यानी निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश की लगात कम होगी और उनका रिटर्न बढ़ेगा.
वर्तमान में एक्टिव फंड्स का औसत खर्च अनुपात (टोटल एक्सपेंस रेश्यो) 1.78% है, जो अधिकतम 2.5% तक हो सकता है. डायरेक्ट फंड्स में यह खर्च 0.5% से 0.6% कम होता है. लेकिन जियो ब्लैकरॉक डिस्ट्रीब्यूटर्स को बायपास करके सीधे संस्थागत और खुदरा निवेशकों को फंड ऑफर करने की योजना बना रहा है. इससे फंड की फीस और एक्सपेंस रेश्यो कम होगा, जिससे निवेशकों को कम लागत में निवेश का मौका मिलेगा.
अलादीन की मिलेगी ताकत
जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड ने इन्वेस्टमेंट एनालिटिक्स और रिस्क मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म 'अलादीन' को भारत में उतार दिया है. इसका फुलफॉर्म एसेट, लायबिलिटी एंड डेट एंड डेरिवेटिव इन्वेस्टमेंट नेटवर्क है. दुनियाभर में 200 से ज्यादा संस्थाओं इस विश्वसनीय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं. अलादीन सॉफ्टवेयर, पोर्टफोलियो एनालिसिस, रिस्क मैनेजमेंट, ट्रेडिंग, कम्पलायंस और ऑपरेशन से जुड़ी एक्टिविटी में काम आता है. यह एक शक्तिशाली सॉफ्टवेयर है जो वास्तविक समय डेटा और एडवांस एनालिसिस को जोड़ता है, जिससे निवेश निर्णय लेने और रिस्क मैनेजमेंट में मदद मिलती है.
निवेशकों को कई तरह के फायदे
ब्लैकरॉक के इस अलादीन सॉफ्टवेयर का एक्सेस जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉक की 50:50 ज्वॉइंट वेंचर कंपनी जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड के कस्टमर्स को भी मिलेगा. इसके कई फायदे उन्हें मिलेंगे।
भारतीय निवेशक इंस्टीट्यूटनल ग्रेड पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी तैयार कर सकेंगे.
ग्लोबल लेवल पर बेंचमार्क किए गए इन्वेस्टमेंट की जानकारी हासिल कर सकेंगे.
अलादिन सॉफ्टवेयर की मदद से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करना और आसान होगा.
SEBI से 8 नए फंड शुरू करने की मंजूरी मांगी
Jio BlackRock ने बाजार नियामक (SEBI) से 8 नए फंड शुरू करने की मंजूरी मांगी है. इससे पहले कंपनी ने पिछले महीने 3 फंड लॉन्च किए थे. इन नए फंड्स में सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश किया जा सकेगा. कंपनी के 3 डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स में अब तक 17,800 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है. इनमें 90 संस्थागत निवेशक और 67,000 रिटेल (छोटे) निवेशक शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार Jio BlackRock भारत में पैसिव और ऐक्टिव दोनों तरह के फंड्स का मिक्स पेश करेगी. भारत में अभी भी ऐक्टिव फंड्स का ज्यादा चलन है. भारत में हर साल पैसिव फंड्स का चलन बढ़ रहा है और ब्लैकरॉक के पास इस क्षेत्र को और बढ़ाने का अच्छा मौका है. मई तक भारत में पैसिव फंड्स की कुल संपत्ति 12.11 लाख करोड़ थी, जो कुल फंड बाजार का 16.78% हिस्सा है. यह पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा है.
(नोट : हमने यहां जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड की प्लानिंग के आधार पर जानकारी दी है. यहां लो कास्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के जरिए रिटेल निवेशकों तक म्यूचुअल फंड बढ़ाने के बारे में कहा गया है. लेकिन एएमसी द्वारा बाजार में लॉन्च किए गए फंड के रिटर्न को लेकर कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)