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New Income Tax Bill : नए इनकम टैक्स बिल का ड्राफ्ट जारी हो गया है. (Image : Pixabay)
New Income Tax Bill 2025 Draft : नए इनकम टैक्स बिल, 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है. इस बिल को संसद में 13 फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है. यह नया बिल टैक्स कानूनों की भाषा और उन पर अमल को आसान बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. नए टैक्स बिल में किए प्रावधानों के तहत एसेसमेंट इयर की जगह अब ‘टैक्स इयर’ और पिछले साल (Previous Year) की जगह ‘फाइनेंशियल इयर’ का इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार की योजना है कि इस नए टैक्स बिल को 1 अप्रैल 2026 से लागू कर दिया जाए.
'एसेसमेंट इयर' की जगह 'टैक्स इयर'
इस नए बिल में ‘असेसमेंट इयर’ की जगह ‘टैक्स इयर’ को शामिल किया गया है. टैक्स इयर 12 महीने की अवधि होगी, जो 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होगी. अगर कोई नया बिजनेस या पेशा शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स इयर बिजनेस शुरू होने की तारीख से शुरू माना जाएगा और उस फाइनेंशियल इयर के साथ ही खत्म होगा. अभी तक असेसमेंट इयर की अवधारणा थी, जिसमें पिछले फाइनेंशियल इयर की कमाई को शामिल किया जाता था. लेकिन अब उसे इस बदलाव से टैक्स रिपोर्टिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी और आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
बिल की भाषा हुई आसान
नए इनकम टैक्स बिल में कानूनी भाषा को आसान और छोटा रखा गया है. पुराने टैक्स एक्ट के 823 पन्नों की तुलना में नए बिल में 622 पन्ने हैं. हालांकि इसमें भी पुराने कानून की तरह चैप्टर्स की संख्या 23 ही रखी गई है, लेकिन सेक्शन की संख्या 298 से बढ़ाकर 536 कर दी गई है. इसी तरह शेड्यूल की संख्या भी 14 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है. पुराने कानून में मौजूद मुश्किल एक्सप्लैनेशन्स और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाएगा.
एक साथ मिलेंगे कई जरूरी प्रावधान
इस बिल में टोटल इनकम में शामिल न की जाने वाली इनकम को अब शेड्यूल में स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि कानून को आसान बनाया जा सके. वेतन से संबंधित कटौतियां, जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट को अब एक ही जगह पर लिस्ट कर दिया गया है, जिससे इसे समझना और लागू करना आसान हो जाएगा.
डिजिटल ट्रांजैक्शन और क्रिप्टो एसेट्स पर कड़े नियम
नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को लेकर भी कड़े प्रावधान किए गए हैं. अब क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि डिजिटल लेन-देन को भी पारदर्शी और कानूनी तरीके से कंट्रोल किया जा सके.
नए बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल
नए इनकम टैक्स बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर को भी शामिल किया गया है, जो टैक्स भरने वालों के अधिकारों को प्रोटेक्ट करेगा और टैक्स प्रशासन को अधिक ट्रांसपेरेंट बनाएगा. यह चार्टर टैक्सपेयर्स के हितों की सुरक्षा करने के साथ ही साथ टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी साफ करेगा.
नया टैक्स बिल कैसे बनेगा कानून
नए इनकम टैक्स बिल को कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. अब इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे एक स्थायी संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है. संसदीय समिति की सिफारिशें मिलने के बाद सरकार संशोधनों पर विचार करेगी. इसके बाद यह बिल दोबारा संसद में आएगा और संसद की मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के दस्तखत के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद यह बिल आधिकारिक तौर पर नए टैक्स कानून के तौर पर लागू हो जाएगा.
लंबे समय से जारी थीं टैक्स सुधार की कोशिशें
सरकार पिछले कई सालों से इनकम टैक्स कानून को आसान बनाने की कोशिश कर रही थी. इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी. इससे पहले, यूपीए सरकार ने 2009 में डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पेश किया था, लेकिन यह संसद में पारित नहीं हो पाया था. अब, इनकम टैक्स बिल 2025 को इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.