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NFO Fund Raising : एनएफओ मोबिलाइजेशन यानी न्यू फंड ऑफर के जरिए फंड रेजिंग मार्च के महीने में 22 महीने के लो पर चला गया. (Image : Pixabay)
New Fund Offer : ट्रम्प के टैरिफ टेरर के चलते जहां मार्च महीने में स्टॉक मार्केट में भारी उतार चढ़ाव रहा, वहीं म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund) भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे. इसी के चलते मार्च 2025 में एनएफओ एक्टिविटीज बेहद सुस्त रही. एनएफओ मोबिलाइजेशन यानी न्यू फंड ऑफर के जरिए फंड रेजिंग मार्च के महीने में 22 महीने के लो पर चला गया.
ब्रोकरेज हाउस नुवामा के मुताबिक मार्च में लार्ज कैप, मिड कैप, वैल्यू और सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स में से हर एक कैटेगरी में सिर्फ एक एनएफओ लॉन्च हुआ. जिससे इक्विटी सेगमेंट में 4.6 बिलियन रुपये यानी 460 करोड़ रुपये जुड़े. वहीं हाइब्रिड स्कीम कैटेगरी में 2 एनएफओ लॉन्च हुए, जिनसे कुल 5.4 बिलियन रुपये यानी 540 करोड़ रुपये का फंड जुटा.
NFO : इक्विटी कैटेगरी में सिर्फ 4 स्कीम लॉन्च
i) महिंद्रा मैन्युलाइफ वैल्यू फंड
कैटेगरी : वैल्यू फंड
ii) सैमको लार्जकैप फंड
कैटेगरी : लार्जकैप फंड
iii) Helios मिडकैप फंड
कैटेगरी : मिडकैप फंड
iv) मोतीलाल ओसवाल एक्टिव मोमेंटम फंड
कैटेगरी : सेक्टोरल / थीमैटिक फंड
NFO : हाइब्रिड कैटेगरी में सिर्फ 2 स्कीम लॉन्च
i) यूनिफाई डायनमिक एसेट एलोकेशन फंड
कैटेगरी : डायनमिक एसेट एलोकेशन
ii) WhiteOak कैपिटल इक्विटी सेविंग्स स्कीम फंड
कैटेगरी : इक्विटी सेविंग्स फंड
NFO : फंड रेजिंग सुस्त
फिसडम प्राइवेट वेल्थ के अनुसार मार्च महीने में न्यू फंड ऑफर के जरिए फंड रेजिंग 22 महीने के लो पर चला गया. हालांकि एसआईपी की गति बरकरार है, लेकिन स्टॉपेज में उछाल दिखाता है कि निवेशक सतर्क हैं. यह इक्विटी बाजार के मजबूत प्रदर्शन के बाद ठहराव का संकेत है, न कि फंडामेंटल कमजोरी का.
मार्च में म्यूचुअल फंड से जुड़ी कुछ खास बातें
मार्च में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट 65.74 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि फरवरी 2025 में यह 64.53 करोड़ रुपये था. इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम का कुल एयूएम 29.45 लाख करोड़ रुपये रहा. हाइब्रिड स्कीम का एयूएम 8.83 लाख करोड़ रुपये तो फिक्स्ड इनकम ओरिएंटेड स्कीम का एयूएम घटकर 15.21 लाख करोड़ रुपये हो गया.
इक्विटीज और पैसिव की ओर स्ट्रक्चरल शिफ्ट
कुल एयूएम में इक्विटी की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. निवेशकों के बदलते व्यवहार के बीच फिक्स्ड इनकम की प्रासंगिकता खत्म हो रही है. लार्जकैप ओरिएंटेड स्ट्रैटेजी की ओर शिफ्टिंग साफ तौर पर दिख रहा है.
रीडेम्पशन की इंटेंसिटी
इक्विटी रिडेम्प्शन पर लगाम लगा है. ज्यादातर कैटेगरीज में रिडेम्प्शन रेट हिस्टोरिकल एवरेज से कम हैं, जबकि सेक्टोरल और थीमैटिक फंड में निकासी दर अधिक है.
मल्टी-एसेट फंड: हर सीजन का परफॉर्मर
अगस्त 2021 से कोई नेट आउटफ्लो नहीं होने के कारण, मल्टी-एसेट फंड हर मौसम में अच्छा प्रदर्शन करने वाला साबित हुआ है, जो ऐतिहासिक रूप से बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान अधिक प्रवाह को आकर्षित करता है.
लिक्विड फंड का आउटफ्लो सीजनल
मार्च में लिक्विड फंड का आउटफ्लो सीजनल है, ना कि स्ट्रक्चरल. लिक्विड फंड में साल के अंत में निकासी कॉर्पोरेट और एचएनआई की अकाउंटिंग और लिक्विडिटी जरूरतों के कारण होता है और इसे लगातार सेलिंग प्रेशर के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
Gold ETF : टूटा जीत का सिलसिला
मार्च 2025 में अप्रैल 2023 के बाद से केवल दूसरा नेट आउटफ्लो हुआ है, जो एसेट्स में लगातार ग्रोथ के बावजूद प्रॉफिट बुकिंग के शुरुआती संकेतों को दर्शाता है.
अन्य ETF में मजबूत फ्लो
मार्च 2025 में हाल के महीनों में सबसे अधिक ETF फ्लो देखा गया, जिससे निवेशकों का भरोसा और एसेट्स में स्टेबल ग्रोथ की पुष्टि हुई.