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Groww Nifty 50 Index Fund और ETF के NFO में निवेश 16 जुलाई 2025 तक खुला है. (AI Generated Image)
Nifty 50 Based NFOs by Groww Mutual Fund : ग्रो म्यूचुअल फंड ने दो नए फंड ऑफर (New Fund Offer) लॉन्च किए हैं. ग्रो निफ्टी 50 इंडेक्स फंड (Groww Nifty 50 Index Fund) और ग्रो निफ्टी 50 ईटीएफ (Groww Nifty 50 ETF) के नाम से पेश दोनों ही स्कीम्स में सब्सक्रिप्शन 2 जुलाई 2025 को खुल चुका है और 16 जुलाई 2025 तक खुला रहेगा. दोनों ही पैसिव फंड्स का इनका मकसद देश की 50 सबसे बड़ी और प्रमुख कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश का सीधा और आसान तरीका मुहैया कराना है, वह भी बेहद कम खर्च और बेहतर तकनीक के साथ.
Nifty 50 इंडेक्स फंड और ETF की निवेश रणनीति
ये दोनों स्कीमें Nifty 50 Total Returns Index (TRI) को ट्रैक करेंगी. Groww Nifty 50 ETF एक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला फंड होगा, जो Nifty 50 के सभी स्टॉक्स में उसी रेशियो में निवेश करेगा, जो इंडेक्स में मौजूद है. वहीं Groww Nifty 50 Index Fund, म्यूचुअल फंड रूट से निवेश का ऑप्शन है जिसमें SIP या लंपसम निवेश के जरिये देश की टॉप 50 कंपनियों में पैसे लगाए जा सकते हैं.
इन दोनों फंड्स को निखिलल साटम, आकाश चौहान और शशि कुमार की टीम मैनेज करेगी. दोनों स्कीम्स के एनएफओ में मिनिमम लंपसम इनवेस्टमेंट केवल 500 रुपये है. इससे रिटेल निवेशक भी इन स्कीम्स में बड़ी आसानी से पैसे लगा पाएंगे. इंडेक्स फंड में मिनिमम एसआईपी सिर्फ 100 रुपये से शुरू है.
टॉप 50 कंपनियों में निवेश का दम
Nifty 50 इंडेक्स में भारत की टॉप 50 लिस्टेड कंपनियां शामिल होती हैं. इनमें HDFC Bank, ICICI Bank, Reliance Industries, Infosys, TCS, SBI, Bharti Airtel और ITC जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. ये कंपनियां देश के कुल मार्केट कैप का लगभग 45% हिस्सा कवर करती हैं. आम तौर पर ये कंपनियां साल-दर-साल अपनी इंडस्ट्री लीडरशिप, स्केलेबिलिटी, मुनाफे और बाजार के उतार-चढ़ाव में भी मजबूती से टिके रहने के लिए जानी जाती हैं.
Nifty 50 इंडेक्स का पिछला रिटर्न
Nifty 50 Index ने बीते 5 साल में 21.13% और 10 साल में 13.11% की दर से सालाना रिटर्न (CAGR) दिया है. एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि पिछले 10 साल के दौरान 7 साल तक होल्ड करने पर इस इंडेक्स ने 75% से ज्यादा समय पॉजिटिव रिटर्न दिया है. एसआईपी रिटर्न की बात करें, तो अगर किसी निवेशक ने मई 2010 से मई 2025 तक हर महीने निफ्टी 50 इंडेक्स में 10,000 रुपये की SIP की होती, तो उसकी फंड वैल्यू 54.8 लाख रुपये हो चुकी होती. हालांकि यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयर बाजार में पिछले रिटर्न के भविष्य में जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती.
ट्रैकिंग एरर को कंट्रोल करने की खास तकनीक
Groww म्यूचुअल फंड की एक बड़ी खासियत इसकी SPEARTech तकनीक भी है. फंड हाउस का दावा है कि इस तकनीक की मदद से स्कीम के पोर्टफोलियो को रियल टाइम में रीबैलेंस किया जा सकता है, जिससे ट्रैकिंग एरर को कम से कम रखने में मदद मिलती है. इससे निवेशकों को तकरीबन उतना ही रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है, जितना बेंचमार्क इंडेक्स का रहा है.
इंडेक्स फंड और ETF में क्या है अंतर?
Groww Nifty 50 ETF को आप शेयर बाजार में रियल टाइम पर खरीद-बेच सकते हैं. यह उन निवेशकों के लिए है जो शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म पर ट्रेड करना जानते हैं. वहीं Groww Nifty 50 Index Fund उन लोगों के लिए बेहतर है जो SIP या लंपसम के जरिये निवेश करना चाहते हैं.
दोनों स्कीमें 2 जुलाई 2025 से 16 जुलाई 2025 तक NFO के लिए खुली हैं. NFO के बाद ETF स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगा और इंडेक्स फंड नियमित रूप से NAV आधारित कीमतों पर उपलब्ध रहेगा.
किनके लिए सही हैं ये NFO
ग्रो निफ्टी 50 इंडेक्स फंड और ग्रो निफ्टी 50 ETF उन निवेशकों के लिए सही ऑप्शन हो सकता है, जो कम खर्च में टॉप 50 कंपनियों में एक्सपोजर चाहते हैं और एक्टिव फंड्स के मुकाबले पैसिव फंड की निवेश रणनीति और ट्रांसपेरेंसी पर ज्यादा भरोसा करते हैं. ग्रो निफ्टी 50 इंडेक्स फंड उन लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है, जो मामूली रकम की SIP के जरिये देश की टॉप 50 कंपनियों में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं. हालांकि पूरी तरह इक्विटी फंड होने की वजह से इन दोनों ही फंड्स में मार्केट रिस्क अधिक होगा. रिस्कोमीटर पर भी इन्हं वेरी हाई रिस्क की रेटिंग मिली है. लिहाजा इनमें निवेश के बारे में फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखें. इक्विटी फंड्स में कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करना बेहतर रहता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले लेने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें.)