scorecardresearch

RBI MPC Highlights: रिजर्व बैंक ने ब्याज दर के अलावा कई और मुद्दों पर भी रखी राय, GDP, महंगाई दर और रुपये समेत ये रही बड़ी बातें

RBI MPC Meet 2025 Highlights : रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में ब्याज दरें घटाने के फैसले के अलावा देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम पहलुओं पर भी अहम बातें सामने आई हैं.

RBI MPC Meet 2025 Highlights : रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में ब्याज दरें घटाने के फैसले के अलावा देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम पहलुओं पर भी अहम बातें सामने आई हैं.

author-image
Viplav Rahi
New Update
RBI MPC Meet 2025 Highlights, RBI Governor Sanjay Malhotra, GDP Growth India 2025, Inflation Rate India 2025, Indian Rupee Status 2025, रिजर्व बैंक बैठक 2025, संजय मल्होत्रा, भारत की जीडीपी वृद्धि 2025, भारत में महंगाई दर 2025, भारतीय रुपया स्थिति 2025

RBI MPC की बैठक के बाद मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते गवर्नर संजय मल्होत्रा और आरबीआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी. (Photo : PTI)

RBI MPC Meet 2025 Highlights : रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में नीतिगत ब्याज दरें घटाने के फैसले के अलावा भी देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई अहम पहलुओं की चर्चा हुई. इनमें जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth), महंगाई दर (Inflation) से लेकर रुपये की हालत और अंतरराष्ट्रीय व्यापार तक बहुत सारी जरूरी बातें शामिल हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इन तमाम मुद्दों पर कई ऐसी जानकारियां दी हैं, जिन्हें देश के बाजार और पूरी इकॉनमी के लिए महत्वपूर्ण कहा जा सकता है. 

भारतीय रिजर्व बैंक की MPC की अहम बैठक 5 फरवरी 2025 को शुरू होकर और 7 फरवरी 2025 को खत्म हुई, जिसके बाद गवर्नर ने ब्याज दरें घटाने समेत तमाम अहम फैसलों की जानकारी दी. ये फैसले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी अनिश्चय के माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं.

Advertisment

Also read : Home Loan EMI Calculation : 40 लाख के होम लोन पर बचेंगे कुल कितने लाख रुपये, RBI के इंटरेस्ट रेट कट से कितनी घटेगी आपकी EMI

रेपो रेट में कटौती का फैसला

RBI ने अपनी नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करके इसे 6.25% कर दिया. यह मई 2020 के बाद पहली बार है जब ब्याज दरों में कमी की गई है. यह फैसला अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आर्थिक विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था. महंगाई दर में स्थिरता और आर्थिक इंडिकेटर्स में सुधार को देखते हुए रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया. रेपो रेट में कटौती से होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्जों पर वसूली जाने वाली ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी.

Also read : RBI Rate Cut : आरबीआई ने करीब 5 साल बाद घटाई ब्याज दर, रेपो रेट 25 bps घटकर 6.25% हुआ, FY26 में GDP ग्रोथ 6.7% रहने का अनुमान

GDP ग्रोथ का आउटलुक

RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रियल GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 6.4% रखा है, जो 2023-24 की 8.2% की ग्रोथ रेट के मुकाबले काफी कम है. वहीं अगले वित्त वर्ष यानी 2025-26 के लिए आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान 6.7% रखा है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि घरेलू खपत में स्थिरता, सर्विस सेक्टर और एग्रीकल्चर में सुधार और सरकार के कैपिटल एक्सपेंडीचर पर फोकस करने का फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलने की उम्मीद है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी जियो-पोलिटिकल टेंशन, ट्रेड पॉलिसी में संरक्षणवादी (Protectionist) रुझान और फाइनेंशियल मार्केट्स की अस्थिरता जैसी बातें चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं.

Also read : SIP Return : ICICI प्रू की इस स्कीम ने 1100 रुपये की SIP को बनाया 1 करोड़, 2 लाख का एकमुश्त निवेश हुआ 1.40 करोड़ रुपये से ज्यादा

महंगाई दर पर RBI का अनुमान 

RBI ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) यानी खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) का अनुमान मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4.8% और अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 4.2% रखा है. इसका मतलब है कि महंगाई दर RBI के 4% के लक्ष्य के काफी करीब रहेगी, जिससे ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बनी रहेगी. खुदरा महंगाई दर (Retail of CPI Inflation) नवंबर-दिसंबर 2024 में नरम हुई, जो अक्टूबर में 6.2% के शिखर से कम थी. खाद्य महंगाई, विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट, इसकी बड़ी वजह रही. आने वाले दिनों में खरीफ की अच्छी पैदावार, सब्जियों की कीमतों में कमी और रबी फसल की पॉजिटिव संभावनाओं के कारण फूड इंफ्लेशन में और कमी आने की उम्मीद भी की जा रही है. हालांकि, कोर महंगाई दर (Core Inflation) में मामूली वृद्धि हो सकती है. 

Also read : HDFC म्यूचुअल फंड की एक ही दिन लॉन्च हुई 2 स्कीम ने अब तक दिया 47% तक सालाना रिटर्न, किसकी क्या है खूबी, किनके लिए सही है इनमें निवेश?

रुपये की हालत पर RBI का रुख

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 87.5825 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंच चुका है. लेकिन गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि करेंस की एक्सचेंज रेट मार्केट फोर्सेस तय करती हैं और रिजर्व बैंक इसमें केवल तभी दखल देता है, जब अस्थिरता बहुत ज्यादा हो जाए और उसे कम करना जरूरी हो. उन्हेंने यह भी कहा कि आरबीआई का फोकस रुपये के किसी खास एक्सचेंज रेट को मेंटेन करने पर नहीं है. RBI ने यह भी बताया कि करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) यानी चालू खाते का घाटा इस साल सस्टेनेबल लेवल (Sustainable Level) के भीतर बने रहने की उम्मीद है. हालांकि ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशन्स, यूएस फेडरल रिजर्व की पॉलिसी और फॉरेन इनवेस्टमेंट के फ्लो का असर रुपये पर पड़ सकता है.

अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

  • बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नया डोमेन : RBI ने बैंकों के लिए bank.in और बाकी वित्तीय संस्थाओं के लिए fin.in के नाम से खास एक्सक्लूसिव डोमेन शुरू करने की घोषणा की है, जिसका मकसद ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकना है. 

  • RBI अपने रेगुलेशन के तहत आने वाले अलग-अलग मार्केट सेगमेंट्स में ट्रेडिंग और सेटलमेंट की टाइमिंग को रिव्यू करेगा. इसके लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा, जो इसी साल 30 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.

Also read : Tata Mutual Fund की 30 साल पुरानी स्कीम का धमाकेदार प्रदर्शन, 2000 की SIP से जुटे 2 करोड़ रुपये, 1 लाख का लंपसम बन गया 3.5 करोड़

क्या है RBI का मौजूदा स्टांस और आगे का रुझान

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने फाइनल रिमार्क्स में कहा कि मौजूदा ग्रोथ-इंफ्लेशन डायनैमिक्स (existing growth-inflation dynamics) को ध्यान में रखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी फिलहाल न्यूट्रल स्टांस (neutral stance) को बरकरार रखते हुए कम रिस्ट्रिक्टिव मौद्रिक नीति (less restrictive monetary policy) को फॉलो करने के पक्ष में है. उन्होंने यह भी कहा कि एमपीसी की अगली बैठकों में उस वक्त के ताजा मैक्रो-इकनॉमिक हालात को ध्यान में रखकर फैसले किए जाएंगे, जिनका मकसद कीमतों की स्थिरता, इकनॉमिक ग्रोथ और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को बरकरार रखना होगा.

Gdp Growth Indian Rupee RBI MPC Gdp Rupee Vs Us Dollar Rbi Monetary Policy Rbi Inflation