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SCSS for Monthly Income : सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम के जरिये रेगुलर मंथली इनकम का इंतजाम किया जा सकता है. (Image : Freepik)
How to Use SCSS for Regular Monthly Income : पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS), वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है, जिसके जरिये गारंटीड रिटर्न हासिल किया जा सकता है. इस स्कीम में सालाना 8.2% की दर से ब्याज मिलता है, जो हर तिमाही आपके खाते में जमा होता है. अगर आप थोड़ी समझदारी से काम लें तो इस स्कीम के जरिये हर महीने रेगुलर इनकम का इंतजाम भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि SCSS स्कीम कैसे काम करती है और इससे हर महीने कितनी रकम मिल सकती है.
SCSS स्कीम में क्या है खास?
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) एक सरकारी बचत योजना है, जो वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न प्रदान करती है. इस स्कीम के तहत पोस्ट ऑफिस के अलावा ऑथराइज्ड बैंकों में भी खाता खोला जा सकता है. इस स्कीम में किए गए निवेश पर सरकार की गारंटी होती है, इसलिए इसमें कोई रिस्क यानी जोखिम नहीं होता.
SCSS अकाउंट की विशेषताएं
निवेश की अवधि : 5 साल (3 साल के लिए बढ़ाने का ऑप्शन)
ब्याज दर : 8.2% सालाना (ब्याज का भुगतान हर 3 महीने पर होता है)
कम से कम निवेश की रकम : 1000 रुपये
अधिकतम निवेश : 30 लाख रुपये
टैक्स का लाभ : सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट
नॉमिनेशन की सुविधा भी मिलती है.
SCSS में कौन खोल सकता है खाता?
SCSS में 60 साल या इससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्ग अपना खाता खोल सकते हैं. इनके अलावा 55 से 60 साल की उम्र के वे सरकारी कर्मचारी भी इस स्कीम में अकाउंट खोल सतते हैं, जिन्होंने वॉलंटियरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) के तहत रिटायरमेंट लिया हो. इनके अलावा 50 साल या इससे अधिक उम्र के रिटायर्ड डिफेंस कर्मचारी भी SCSS में खाता खोल सकते हैं, बशर्ते वे रिटायरमेंट बेनिफिट मिलने के 1 महीने के भीतर उस रकम को इस स्कीम में निवेश कर दें. लेकिन HUF और NRI को इस स्कीम के तहत खाता खोलने की छूट नहीं है.
SCSS स्कीम में कितने अकाउंट खोले जा सकते हैं?
SCSS स्कीम में आप एक सिंगल अकाउंट में अधिकतम 30 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. पति-पत्नी के ज्वाइंट अकाउंट (Joint Account) में भी मैक्सिमम 30 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. लेकिन पति-पत्नी अगर अलग-अलग खाते खोलते हैं, तो दोनों मिलाकर कुल 60 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. यह स्कीम 5 साल के लिए होती है, लेकिन इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
हर महीने कितनी हो सकती है इनकम?
SCSS में निवेश करने पर हर तिमाही (तीन महीने में एक बार) ब्याज का भुगतान किया जाता है. अगर आप इसके जरिये मंथली इनकम का इंतजाम करना चाहते हैं, तो ब्याज की निकासी को अपनी जरूरत के हिसाब से मैनेज कर सकते हैं.
30 लाख रुपये के अधिकतम निवेश पर इनकम का कैलकुलेशन:
निवेश की गई रकम | सालाना ब्याज दर | ब्याज का तिमाही भुगतान | मंथली इनकम |
30 लाख रुपये | 8.2% | 60,150 रुपये | 20,050 रुपये |
इस हिसाब से 30 लाख रुपये के निवेश पर आपको 5 साल में ब्याज के तौर पर कुल मिलाकर 12.03 लाख रुपये मिलेंगे. अगर पति-पत्नी दोनों SCSS अकाउंट खोलते हैं, तो वे अलग-अलग इस स्कीम में 30-30 लाख रुपये जमा कर सकते हैं, जिससे उनकी मंथली इनकम 40,100 रुपये तक हो सकती है.
क्या SCSS अकाउंट को समय से पहले बंद कर सकते हैं?
अगर आपको जरूरत पड़ती है, तो आप SCSS खाता मैच्योरिटी से पहले भी बंद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें लागू होती हैं:
1 साल से पहले बंद करने पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और अगर ब्याज पहले मिल चुका है, तो वह मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट से काट लिया जाएगा.
1 से 2 साल के बीच खाता बंद करने पर 1.5% रकम पेनाल्टी के रूप में काट ली जाएगी.
2 से 5 साल के बीच बंद करने पर 1% राशि पेनाल्टी के रूप में काटी जाएगी.
5 साल की अवधि पूरी होने के बाद एक्सटेंड किए गए खाते को 1 साल बाद बंद करने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी.
सही रणनीति के साथ करें SCSS का इस्तेमाल
SCSS में तिमाही ब्याज मिलता है, जिसे हर महीने निकालकर रेगुलर इनकम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. पति-पत्नी दोनों के नाम से अलग-अलग खाते खोलकर मंथली इनकम दोगुनी कर सकते हैं. मैच्योरिटी के बाद मिलने वाले प्रिंसिपल अमाउंट को फिर से SCSS में निवेश करें, जिससे आपकी रेगुलर इनकम बनी रहे. SCSS के साथ पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसी अन्य बचत योजनाओं को जोड़कर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. कुल मिलाकर सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम चाहते हैं. स्कीम की सालाना 8.2% की ब्याज दर इसे सबसे आकर्षक बचत योजनाओं में से एक बनाती है.