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NFO Alert: SBI Quant Fund में स्टॉक सेलेक्शन के लिए डेटा-आधारित क्वांट मॉडल्स का इस्तेमाल किया जाएगा. (Image : Pixabay)
SBI Mutual Fund NFO Subscription Last Date: एसबीआई क्वांट फंड (SBI Quant Fund) के नये फंड ऑफर (NFO) में सब्सक्रिप्शन कल यानी 18 दिसंबर को बंद हो रहा है. देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस में शामिल SBI म्यूचुअल फंड की यह नई स्कीम एक ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है. इस NFO की सबसे बड़ी खूबी है इसकी क्वांट-बेस्ड इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी, जिसे निवेश की ट्रेडिशनल रणनीति से काफी अलग माना जाता है. SBI क्वांट फंड का 80 से 100% हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्ट किया जाएगा. स्कीम के लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन क्वांट मॉडल के आधार पर किया जाएगा.
SBI क्वांट फंड का उद्देश्य
SBI क्वांट फंड का उद्देश्य लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. इस फंड का 80% से 100% तक हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाएगा. इसके लिए स्टॉक्स का सेलेक्शन क्वांट मॉडल के आधार पर होगा. स्कीम के कॉर्पस का अधिकतम 20% हिस्सा दूसरे एसेट्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में भी इनवेस्ट किया जा सकता है. इसके अलावा अधिकतम 10% तक निवेश REITs और InvITs जैसे एसेट्स में भी किया जा सकता है. फंड का बेंचमार्क BSE 200 TRI है.
क्वांट बेस्ड इनवेस्टमेंट का मतलब क्या है
क्वांट बेस्ड फंड निवेश के लिए एसेट्स का सेलेक्शन अलग ढंग से करते हैं. इनमें निवेश के फैसले करते समय आंकड़ों और कैलकुलेशन पर आधारित एक सेलेक्शन मॉडल की मदद ली जाती है. यह भी कह सकते हैं कि क्वांट फंड का मतलब डेटा आधारित इनवेस्टमेंट सॉल्यूशन है. इसमें निवेश के फैसले इमोशनल बायस यानी पक्षपातपूर्ण भावनाओं या भविष्य के अनुमानों (predictions) की जगह मैथमेटिकल मॉडल्स पर आधारित होते हैं. इन मॉडल्स की मदद से ही फैक्टर ट्रेंड्स और निवेश की संभावनाओं को पहचाना जाता है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
क्वांट बेस्ड मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एल्गोरिदम (Algorithm) जैसी नई तकनीक का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक्टिव फंड में पैसिव फंड्स जैसी तकनीक का इस्तेमाल भी कह सकते हैं. फंड मैनेजर जिस डेटा-आधारित मॉडल की मदद से शेयर्स का चुनाव करते हैं, उसमें फंडामेंटल और टेक्निकल, दोनों तरह के फैक्टर्स शामिल होते हैं. क्वांट फंड्स में स्टॉक्स के विश्लेषण के तरीके को फैक्टर इनवेस्टिंग भी कहा जाता है.
क्या है SBI की खास मल्टी-फैक्टर स्ट्रैटजी
SBI के क्वांट फंड में निवेश के लिए खास मल्टी-फैक्टर मॉडल (SBI Multi-factor Model) को फॉलो किया जाएगा. यह मल्टी फैक्टर स्ट्रैटजी मोमेंटम, क्वॉलिटी, वैल्यू और ग्रोथ को मिलाकर तैयार की जाएगी. इसके जरिये एक ऐसा डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाया जाएगा, जो मार्केट साइकल्स को ध्यान में रखकर चले. फंड हाउस को उम्मीद है कि मल्टीपल फैक्टर्स को ध्यान में रखकर तैयार की गई निवेश रणनीति के जरिये न सिर्फ बैलेंस्ड रिटर्न हासिल किए जा सकेंगे, बल्कि किसी भी एक फैक्टर में आने वाले बदलाव के असर को कम किया जा सकेगा. यह फंड बेस्ट परफॉर्मिंग फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए अपने एलोकेशन को डायनैमिक ढंग से एडजस्ट करता रहेगा. इससे अस्थिरता को कम करने में मदद मिलेगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिदम के इस्तेमाल की वजह से यह प्रॉसेस पूरी तरह से निष्पक्ष और ज्यादा सटीक होगी. इससे निवेशकों को बेहतर रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी.
फैक्टर इनवेस्टिंग में अलग क्या है?
निवेश की फैक्टर इनवेस्टिंग स्ट्रैटजी का मतलब सिर्फ स्टॉक्स का चुनाव करना नहीं होता. इसका मतलब ये समझना है कि बेहतर रिटर्न कैसे जेनरेट किए जा सकते हैं. इसके लिए वैल्यू, मोमेंटम और क्वॉलिटी जैसे कई फैक्टर्स पर गौर किया जाता है. इससे बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है. वहीं, ट्रेडिशनल पैसिव इनवेस्टिंग में पूरा ध्यान अलग-अलग एसेट क्लास, रीजन्स या सेक्टर्स में फंड्स के ब्रॉड एलोकेशन पर ही रहता है.
SBI क्वांट फंड NFO की खास बातें
- सब्सक्रिप्शन की तारीख : 4 दिसंबर 2024 से 18 दिसंबर 2024.
- मिनिमम इनवेस्टमेंट : 5,000 रुपये
- मिनिमम मंथली SIP : 1,000 रुपये
- बेंचमार्क : BSE 200 TRI.
- रिस्क लेवल : बहुत अधिक (Very High)
- फंड मैनेजर : सुकन्या घोष और प्रदीप केसवन.
- एग्जिट लोड : 6 महीने के भीतर 0.5%, 6 महीने के बाद कुछ नहीं.
SBI क्वांट फंड में किन्हें करना चाहिए निवेश
SBI क्वांट फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो क्वांट मॉडल पर आधारित इनवेस्टमेंट में दिलचस्पी रखते हैं और लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं. यह एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड है, जिस पर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ सकता है. इस NFO का रिस्क लेवल बहुत अधिक माना गया है. जाहिर है यह फंड उन्हीं निवेशकों के लिए है, जो इक्विटी में निवेश से जुड़ा रिस्क लेने की तैयारी और क्षमता रखते हैं. हालांकि सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP ) के जरिये निवेश करने पर मार्केट में उतार-चढ़ाव के असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)