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OpenAI vs DeepSeek : आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी होड़. (AI Generated Image: Dalle)
DeepSeek : The Disruptor in AI World : दुनिया भर में इस समय चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने हलचल मचाई हुई है. इस कंपनी ने अपने लेटेस्ट एआई मॉडल DeepSeek-R1 की लॉन्चिंग के साथ ग्लोबल टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को हिला दिया है. इसने अकेले ही अमेरिका की एनवीडिया (Nvidia), ओपन-एआई (OpenAI), गूगल (Google) और मेटा (Meta) जैसी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में दबदबा रखने वाली दिग्गज टेक कंपनियों को बड़ी चुनौती दे डाली है. इस चीनी एआई मॉडल की दो बड़ी खूबियां हैं इसका बहुत ज्यादा कॉस्ट इफेक्टिव होना और ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी. इन्हीं दो वजहों से यह नई कंपनी पुराने महारथियों के लिए खतरा बन गयी है. आइए समझते हैं कि डीपसीक ने कैसे इतनी बड़ी हलचल मचाई और इसका असर क्या हो सकता है.
डीपसीक क्या है?
DeepSeek चीन का एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप है जिसकी शुरुआत 2023 में हुई थी. यह कंपनी तेजी से एआई स्पेस में एक बड़ा नाम बनकर उभरी है. हाल ही में लॉन्च किया गया इसका एआई मॉडल DeepSeek-R1, Mixture-of-Experts आर्किटेक्चर पर आधारित है. यह मॉडल गणित, कोडिंग और जनरल नॉलेज से जुड़े कामों में बेहद कागर है और ओपन-एआई के मॉडल OpenAI को सीधी चुनौती दे रहा है. खास बात यह है कि यह मॉडल 90-95% ज्यादा किफायती है और इसमें हाई-एंड हार्डवेयर की जरूरतें भी कम हैं.
DeepSeek बनाम ChatGPT
अब तक एआई चैट टूल्स की दुनिया में ओपनएआई का ChatGPT सबसे आगे था. लेकिन DeepSeek के आने के बाद, ऐसा लग रहा है कि यह बादशाहत जल्द ही खत्म हो सकती है. डीपसीक का DeepSeek-R1 मॉडल न केवल अधिक सस्ता है, बल्कि इसकी तकनीकी क्षमताएं भी ओपन-एआई के मॉडल को कड़ी चुनौती दे रही हैं. यह साफ है कि आने वाले दिनों में दोनों कंपनियों के बीच कड़ी होड़ देखने को मिलने वाली है.
छोटी लागत का बड़ा एडवांटेज
DeepSeek की सफलता की बड़ी वजह इसकी कॉस्ट इफेक्टिव तकनीक है. जहां ओपन एआई और अन्य अमेरिकी कंपनियां अपने एआई मॉडल के लिए महंगे हार्डवेयर पर निर्भर हैं, वहीं डीपसीक ने कम क्षमता वाले चिप्स के साथ ऐसा एआई मॉडल बनाया है जो उनके मुकाबले अधिक सस्ता और किफायती है. DeepSeek ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एनवीडिया के कंपटीटर AMD के साथ हाथ मिलाया है. AMD को हाई परफॉर्मेंस प्रोसेसिंग में महारत हासिल है, जिससे डीपसीक को ताकतवर और एफीशिएंट एआई मॉडल बनाने में मदद मिल सकती है. DeepSeek ने यह भी साबित कर दिया है कि बड़ी टीम के बिना भी एक असरदार प्रोडक्ट बनाया जा सकता है. जहां ओपनएआई में 4,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहीं डीपसीक की टीम केवल 200 लोगों की है. इसके बावजूद, इसने एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है जिसने दुनिया भर में खलबली मचा दी है.
ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी का कमाल
DeepSeek की एक बड़ी खूबी इसका ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर आधारित होना भी है. इसका मतलब यह है कि न सिर्फ आम यूजर, बल्कि सॉफ्टवेयर डेवलपर्स भी इसके एपीआई का इस्तेमाल बिना किसी फीस के कर सकते हैं. इसने न केवल डेवलपर्स का ध्यान खींचा है, बल्कि इसे फौरन ही ग्लोबल लेवल पर बेहद पॉपुलर बना दिया है. इसकी लोकप्रियता का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि लॉन्च किए जाने के सिर्फ 24 घंटों के भीतर, DeepSeek एपल के एप स्टोर पर टॉप फ्री डाउनलोड्स की लिस्ट में शामिल हो गया.
अमेरिकी टेक कंपनियों पर असर
DeepSeek की लॉन्चिंग के बाद अमेरिकी टेक्नोलॉजी शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. एआई चिप्स के प्रमुख सप्लायर एनवीडिया के शेयरों में तो 17% से अधिक की गिरावट आई, जिससे इसके मार्केट कैप में करीब 500 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. ओपनए-आई और गूगल को भी चीन के इस नए एआई कंपटीटर की वजह से नुकसान झेलना पड़ा है. डीपसीक का ये असर केवल एआई इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है. इसने ग्लोबल लेवल पर शेयर बाजारों को प्रभावित किया है. एक तरफ जहां अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट आई, वहीं दूसरी तरफ, चीन और हांगकांग के टेक्नोलॉजी शेयरों में उछाल देखा गया. जापान में भी चिप मैन्युफैक्चरर्स को नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि हाई-एंड एआई चिप्स की मांग घटने की आशंका बढ़ गई है.
लॉन्च के बाद की चुनौतियां
लॉन्च के तुरंत बाद, डीपसीक को साइबर अटैक का सामना करना पड़ा. इस हमले के कारण कंपनी को नए रजिस्ट्रेशन अस्थायी तौर पर रोकने पड़े. हालांकि, यह इस बात का भी संकेत है कि डीपसीक कितनी तेजी से लोकप्रिय हुआ और इसने कितने बड़े पैमाने पर यूजर्स को आकर्षित किया है.
कुल मिलाकर, डीपसीक ने न केवल एआई इंडस्ट्री में, बल्कि ग्लोबल इकॉनमी में भी हलचल मचा दी है. इसके DeepSeek-R1 मॉडल ने साबित कर दिया है कि कॉस्ट इफेक्टिव और ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी के जरिए बड़े तकनीकी दिग्गजों को चुनौती दी जा सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि डीपसीक आने वाले समय में इस सफलता को किस तरह बनाए रखता है और इससे सारी दुनिया की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के भविष्य पर कैसा और कितना असर पड़ता है.