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India AI model: भारत ने 10 महीनों के भीतर अपना लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैयार करने की योजना बनाई है. (File Photo : ANI)
DeepSeek effect : India To Develop Own ‘ChatGPT’ : चीन के DeepSeek मॉडल ने दुनियाभर में चर्चा बटोरी है और इसका असर भारत तक पहुंच चुका है. हालांकि, भारत को किसी "DeepSeek मोमेंट" की जरूरत नहीं थी, क्योंकि देश पहले से ही अपनी खुद की एआई तकनीक विकसित करने की दिशा में काम कर रहा था. अब सरकार ने एक ठोस योजना बनाई है, जिसके तहत भारत अपना लार्ज लैंग्वेज मॉडल (Large Language Model - LLM) विकसित करेगा, जिससे ओपन एआई (OpenAI) के चैटजीपीटी (ChatGPT), गूगल (Google) के जेमिनी (Gemini) और चीन में बने डीपसीक (DeepSeek R1) जैसे विदेशी मॉडलों पर निर्भरता कम होगी. यह एलान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है. उन्होंने कहा है कि दूसरे देशों में बनाए गए AI मॉडल्स के भरोसे रहने की जगह भारत अपना अलग एआई मॉडल विकसित करेगा, जिसमें कोई पक्षपात वाली बात नहीं होगी और जिसमें भारत की विविधता भी नजर आएगी.
स्थानीय जरूरतों के हिसाब से तैयार होगा भारत का AI मॉडल
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एक ऐसा AI मॉडल बनाना है, जो भारत की अनूठी संस्कृति, भाषाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते हुए कहा है कि भारत यह AI मॉडल किसी भी पूर्वाग्रह (Bias) से मुक्त होगा और भारतीय भाषाओं व संदर्भों को गहराई से समझ सकेगा.
18,000 GPUs के साथ होगा हाई-टेक AI इंफ्रास्ट्रक्चर
सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक विशाल AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है. इसमें 18,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) का एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर शामिल होगा. यह हार्डवेयर एआई के प्रशिक्षण और उसे अमल में लाने के लिए जरूरी होता है. DeepSeek मॉडल ने अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद कम संसाधनों में बड़ा कमाल किया, जिससे यह बहस तेज हो गई कि क्या OpenAI और Google जैसी कंपनियां AI विकसित करने में जरूरत से ज्यादा संसाधन खर्च कर रही हैं. हालांकि, टेक कंपनियों का मानना है कि AI में निवेश जारी रखना जरूरी है.
10 महीने में बन जाएगा भारत का AI मॉडल
भारत इस साल के अंत तक अपना AI डेटा सेंटर शुरू करने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही, सरकार ने 10 महीनों के भीतर अपना खुद का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैयार करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी रखा है. यह मॉडल भारतीय भाषाओं की बारीकियों को समझने और भारतीय संदर्भों में बेहतर जवाब देने में सक्षम होगा.
AI डेटा सेंटर और डेटा सुरक्षा पर खास जोर
भारत के इस एआई मिशन में ओडिशा में एक बड़े एआई डेटा सेंटर की स्थापना भी शामिल है. यह केंद्र एआई तकनीक को मजबूत बनाने के साथ-साथ डेटा सेफ्टी पर भी खास ध्यान देगा. सरकार चाहती है कि भारत अपनी AI तकनीक विकसित करे ताकि डेटा गोपनीयता बनी रहे, स्थानीय भाषाओं को सपोर्ट मिले और देश में AI के उपयोग को पूरी तरह से भारतीय जरूरतों के हिसाब से नियंत्रित किया जा सके.
भारत बनेगा AI इन्नोवेशन का नया केंद्र
इस पहल का उद्देश्य भारत को एआई के क्षेत्र में ग्लोबल लीडरशिप की स्थिति में लाना है. इससे न केवल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि अलग-अलग सेक्टर्स में इन्नोवेशन (Innovation) और अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा. भारत का यह AI मॉडल देश की विविधता और जरूरतों को बेहतर तरीके से समझेगा, जिससे AI आधारित सेवाओं की क्वॉलिटी भी बेहतर होगी.