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Why People Quit Job : नौकरी क्यों छोड़ते हैं लोग ? RPG चेयरमैन हर्ष गोयनका ने बताया, तो वायरल हो गई सोशल मीडिया पोस्ट

Harsh Goenka Viral Post: आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका की एक सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें बताया गया है कि लोग अपनी नौकरी क्यों छोड़ते हैं.

Harsh Goenka Viral Post: आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका की एक सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें बताया गया है कि लोग अपनी नौकरी क्यों छोड़ते हैं.

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Viplav Rahi
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RPG Enterprises Chairman हर्ष गोयनका ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इमेज शेयर करते हुए लिखा है, "लोग नौकरी क्यों छोड़ते हैं? (Image : Pixabay)

Harsh Goenka Viral Post on Why People Quit Job :  दिग्गज बिजनेस लीडर और आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका की एक सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है. इस पोस्ट में गोयनका ने एक इमेज शेयर की है, जिसमें बताया गया है कि आखिरकार लोग अपनी नौकरी क्यों छोड़ते हैं. साथ ही यह भी बताया है कि इससे बचने के लिए मैनेजमेंट को क्या कदम उठाने चाहिए. उनकी इस पोस्ट को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

हर्ष गोयनका ने X पर शेयर की है तस्वीर

हर्ष गोयनका ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इमेज शेयर करते हुए लिखा है, "लोग नौकरी क्यों छोड़ते हैं? खराब बर्ताव (Bad managers), कामकाज का जहरीला माहौल (toxic culture), उन्हें मान्यता न दिया जाना (lack of recognition) और भी बहुत कुछ…" इस टिप्पणी के साथ उन्होंने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें कुल 15 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनकी वजह से लोग नौकरी छोड़ते हैं. साथ ही यह भी बताया गया है कि इस स्थिति में सुधार के लिए क्या किया जा सकता है. इन 15 में से कुछ दिलचस्प प्वाइंट आप यहां देख सकते हैं.

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1. खराब मैनेजर (Bad Managers)

खराब मैनेजर अक्सर कर्मचारियों की असंतोष का सबसे बड़ा कारण होते हैं. अच्छा मैनेजर होने के लिए ट्रेनिंग देना, कर्मचारियों से फीडबैक लेना और प्रमोशन में पारदर्शिता रखना बेहद जरूरी है. इसके लिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग का प्रोग्राम शुरू करें और कर्मचारियों को अपने मैनेजर के बारे में फीडबैक देने का मौका दें. प्रमोशन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाएं.

2. जहरीला माहौल (Toxic Culture)

अगर कामकाज की जगह पर माहौल खराब हो, तो यह कर्मचारियों के उत्साह और उत्पादकता को खत्म कर देता है. इसका समाधान ये है कि टॉक्सिक बर्ताव वाले कर्मचारियों को हटाया जाए. खुलकर बात करने का माहौल बनाया जाए और कर्मचारियों का फीडबैक  जानने के लिए सर्वे किया जाए. 

3. खराब वेतन (Poor Compensation)

अगर कर्मचारियों को उनकी मेहनत के हिसाब से वेतन न मिले, तो वे ज़्यादा समय तक नहीं रुकते. प्रतिस्पर्धी वेतन और अच्छे बोनस देना जरूरी है. वेतन इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के अनुसार होना चाहिए और बोनन प्रदर्शन पर आधारित हो. कर्मचारियों को सुविधाएं देने में उदारता दिखाएं.

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4. मान्यता की कमी (Lack of Recognition)

कर्मचारी अगर अपने काम को सराहना नहीं मिलती, तो वे खुद को महत्वहीन समझने लगते हैं. उनकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करना जरूरी है. इसके लिए सार्वजनिक रूप से उनकी उपलब्धियों को पहचानें. बोनस या टीम लंच जैसे रिवार्ड्स दें. सहयोगियों के बीच उन्हें सम्मानित करने की प्रक्रिया (Peer Recognition) शुरू करें.

5. अफसरशाही से भरी नीतियां (Bureaucratic Policies)

ब्यूरोक्रेटिक यानी अफसरशाही से भरी नीतियां अक्सर कर्मचारियों को निराश करते हैं. इन्हें सरल और व्यावहारिक बनाना चाहिए. प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए पुराने नियमों की समीक्षा करनी चाहिए और इसमें कर्मचारियों की राय भी लेनी चाहिए.

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6. स्वायत्तता की कमी (Absence of Autonomy)

कर्मचारियों को अगर हर छोटे काम के लिए मैनेजर से पूछना पड़े, तो उनका मनोबल गिरता है. उन्हें भरोसे के साथ काम करने दें, फैसले लेने की आज़ादी दें. नतीजों पर ध्यान दें, प्रॉसेस पर नहीं. रिस्क लेने को बढ़ावा दें और गलतियों पर सजा न दें. 

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7. निजी जिंदगी के लिए वक्त न मिलना (No Work-Life Balance)

लंबे समय तक काम करने और छुट्टियों की कमी से कर्मचारियों में तनाव बढ़ता है. फ्लेक्सिबिलिटी और समय पर छुट्टियां देकर इसे रोका जा सकता है. छुट्टियों को प्रोत्साहित करें और वीकेंड पर काम कम से कम रखें. फ्लेक्सिबल वर्क शेड्यूल की छूट दें.

8. संसाधनों की कमी (Lack of Resources)

काम के लिए सही संसाधन  और समर्थन न मिलने से भी कर्मचारी परेशान होते हैं. इसके समाधान के लिए कर्मचारियों से नियमित रूप से पूछें कि उन्हें क्या चाहिए. टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग में निवेश करें. जरूरी चीजों में कंजूसी न करें.

9. नौकरी में सुरक्षा की कमी (Limited Job Security)

नौकरी में स्थिरता न होने से कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते हैं. उन्हें चुनौतियों के बारे में ईमानदारी से बताएं.  कंपनी की स्थिति के बारे में पारदर्शी रहें. छंटनी से बचने की पूरी कोशिश करें. एग्जिट के समय उदारता से काम लें यानी अच्छे एग्जिट पैकेज दें.

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10. आगे बढ़ने के मौके नहीं मिलना (Few Growth Opportunities)

अगर कर्मचारियों को तरक्की का रास्ता नहीं दिखता, तो वे दूसरी जगह चले जाते हैं. इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रोफेशनल डेवलपमेंट में इनवेस्ट करें. कर्मचारियों को काम के बारे में लगातार फीडबैक देते रहें. इंटर्नल प्रमोशन के लिए ज्यादा मौके दें.

11. स्पष्ट उद्देश्य की कमी No Obvious Mission)

कर्मचारी तब ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं, जब उन्हें पता हो कि उनका काम कंपनी के बड़े लक्ष्यों में कैसे योगदान दे रहा है. ऐसा नहीं है, तो मिशन और विजन को स्पष्ट रूप से बताएं. यह समझाएं कि हर व्यक्ति की भूमिका क्यों और कैसे महत्वपूर्ण है. कंपनी के मिशन को आगे बढ़ाने वाली उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें.

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12. कर्मचारी की भूमिका स्पष्ट नहीं होना (Unclear Roles)

अगर कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं पता, तो वे निराश हो जाते हैं. इसे ठीक करने के लिए जॉब डिस्क्रिप्शन को स्पष्ट और आसान बनाएं. कर्मचारियों का इनपुट लेकर लक्ष्य तय करें. नियमित फीडबैक दें.

13. काम के बोझ में बराबरी नहीं होना (Unfair Workload)

अगर कर्मचारियों के बीच काम का बंटवारा बराबरी से नहीं होता, किसी पर काम का बोझ ज्यादा होता है, तो वे परेशान हो जाते हैं. कर्मचारियों की संख्या में कमी पर ध्यान दें और जरूरत के हिसाब से भर्ती करते रहें. प्राथमिकताओं को समझने में टीम और कर्मचारियों की मदद करें. कर्मचारियों को अपनी समस्याएं बताने का मौका दें.

हर्ष गोयनका की पोस्ट में कही गई इन बातों के साथ बहुत सारे लोग किसी न किसी रूप में जुड़ाव महसूस कर रहे हैं और इसीलिए इसे बड़े पैमाने पर शेयर और लाइक किया जा रहा है. 

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