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Income Tax विभाग ने फर्जी दावों से ज्यादा टैक्स रिफंड दिलाने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन शुरू किया है. (AI Generated Image)
Income Tax Crackdown on Fake Refund Claims :इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फर्जी दावों के बल पर ज्यादा टैक्स रिफंड दिलाने की धांधली करने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन शुरू किया है. ये लोग लोगों को ज्यादा रिफंड दिलाने का झांसा देकर मोटा कमीशन वसूल रहे थे. अब विभाग ने ऐसे झांसे में आकर गलत क्लेम करने वाले टैक्सपेयर्स के खिलाफ भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसलिए टैक्सपेयर्स को ऐसे घोटालेबाजों के झांसे में आने से बचना चाहिए.
कैसे किया जाता है टैक्स रिफंड फ्रॉड?
जांच में सामने आया है कि कुछ टैक्स प्रोफेशनल्स और ITR भरने वाले एजेंट्स ने मिलकर संगठित रैकेट बना लिये हैं. ये लोग टैक्सपेयर्स को भरोसा दिलाते हैं कि अगर वे उनके बताए तरीके से ITR फाइल करें, तो उन्हें ज्यादा टैक्स रिफंड मिलेगा. इसके लिए वे ITR में फर्जी डिडक्शन और छूट जैसे HRA, सेक्शन 80C, 80D, 80G और होम लोन इंटरेस्ट वगैरह दिखाते हैं.
टैक्सपेयर्स को बताया जाता है कि अगर डिपार्टमेंट ने पूछताछ नहीं की, तो उन्हें पूरा रिफंड मिल जाएगा और उसमें से कुछ हिस्सा एजेंट को देना होगा. कुछ मामलों में देखा गया है कि ये लोग खुद को चार्टर्ड अकाउंटेंट बताते हैं जबकि उनके पास वैलिड रजिस्ट्रेशन नहीं होता.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बड़ी कार्रवाई
इनकम टैक्स विभाग ने देशभर में ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और थर्ड पार्टी सोर्सेस की मदद ली है. शुरुआती जांच में सामने आया कि कई टैक्सपेयर्स ने ऐसे डिडक्शन क्लेम किए हैं, जिनके लिए उनके पास कोई दस्तावेजी सबूत ही नहीं है.
अब विभाग ने देश के कई हिस्सों में छापेमारी और सर्वे ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं. अब तक 150 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई की जा चुकी है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, "इन जगहों पर चल रही जांच से डिजिटल सबूत जुटाए जा रहे हैं, ताकि इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो सके."
टैक्सपेयर्स को भेजे गए नोटिस, कुछ ने सुधारा ITR
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे हैं, जिनके ITR में फर्जी छूट और क्लेम पाए गए. इनसे कहा गया है कि वे ITR अपडेट करें और गलत क्लेम वापस लें.
डिपार्टमेंट का दावा है कि पिछले चार महीनों में लगभग 40,000 टैक्सपेयर्स ने अपना ITR अपडेट किया है और करीब 1,045 करोड़ रुपये के फर्जी क्लेम को वापस लिया है. हालांकि, कुछ लोग अब भी ऐसे स्कीम ऑपरेटर्स के असर में आकर अपनी गलती नहीं सुधार रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इस फर्जीवाड़े में सरकारी कर्मचारी, रेलवे और बैंकिंग सेक्टर के लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं.
अगर अब भी नहीं सुधरे, तो होगी बड़ी कार्रवाई
डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि जो टैक्सपेयर्स अब भी फर्जी क्लेम वापस नहीं लेंगे, उनके खिलाफ जुर्माना, रिफंड रोकने से लेकर प्रॉसिक्यूशन यानी आपराधिक मुकदमा तक दर्ज किया जा सकता है. कुछ मामलों में आपराधिक धाराओं में जांच भी शुरू हो गई है.
टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए
सिर्फ रजिस्टर्ड टैक्स कंसल्टेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से ही ITR फाइल करें.
अगर कोई प्रोफेशनल आपको रिफंड के बदले कमीशन देने की बात करे, तो सतर्क हो जाएं.
ITR फाइल करते समय सभी डिडक्शन और क्लेम से जुड़े दस्तावेज अपने पास रखें.
अगर किसी वजह से आपने गलत क्लेम कर दिया है, तो तुरंत ITR-U के जरिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करें.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट या ऑफिशियल नोटिफिकेशन पर दी गई चेतावनी को नजरअंदाज न करें.
टैक्स सिस्टम के गलत इस्तेमाल पर जीरो टॉलरेंस
इनकम टैक्स विभाग ने साफ कर दिया है कि टैक्स सिस्टम का गलत इस्तेमाल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब सिर्फ गलत ITR भरने वाले टैक्सपेयर्स ही नहीं, बल्कि झूठे प्रोफेशनल्स और एजेंट्स पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, जो कमीशन के लालच में लोगों को गलत सलाह देकर फंसा रहे हैं.
अगर आप टैक्स रिफंड को लेकर किसी स्कीम का हिस्सा बने हैं या कोई एजेंट आपको ज्यादा रिफंड दिलाने का वादा कर रहा है, तो सतर्क हो जाएं. ऐसे लालच में फंसना न सिर्फ आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि कानूनी परेशानी में भी डाल सकता है. सही तरीका यही है कि ईमानदारी से अपना ITR भरें और नियमों का पालन करें.