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SGB premature redemption: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्री-मेच्योर रिडेम्प्शन पर अभी 183% रिटर्न मिला है. (File Photo : FE)
SGB Premature Redemption by RBI : सोना हमेशा से भारतीय निवेशकों की पहली पसंद रहा है, जिसे लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन और अच्छे रिटर्न के साथ जोड़ा जाता है. और सोने में निवेश अगर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bonds Scheme) के जरिये किया जाए तो मुनाफा और भी बढ़ जाता है. हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 सीरीज-IV के लिए समय से पहले रिडेम्पशन (Premature Redemption) का एलान किया है. जिन निवेशकों ने इस बॉन्ड को अभी रिडीम कराया होगा, उन्हें करीब 183% का रिटर्न मिलेगा.
SGB कब जारी हुआ था?
अभी जिस SGB का प्री-मेच्योर रिडेम्प्शन हो रहा है, वह सितंबर 2019 में लॉन्च हुआ था. 9 से 13 सितंबर 2019 तक इसकी सब्सक्रिप्शन विंडो खुली थी और 17 सितंबर 2019 को इसे 3,890 रुपये प्रति ग्राम के इश्यू प्राइस पर जारी किया गया था.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कुल अवधि 8 साल होती है, लेकिन निवेशकों को 5 साल पूरे होने के बाद समय से पहले बाहर निकलने यानी प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का मौका मिलता है. यह रिडेम्पशन उन्हीं तारीखों पर संभव होता है जब बॉन्ड पर ब्याज का भुगतान किया जाता है. इसी नियम के तहत इस सीरीज-IV बॉन्ड की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन डेट 17 सितंबर 2025 तय की गई.
कैसे तय होता है रिडेम्पशन प्राइस?
SGB का रिडेम्पशन प्राइस गोल्ड के लेटेस्ट भाव पर आधारित होता है. इसके लिए पिछले तीन कारोबारी दिनों (12, 15 और 16 सितंबर 2025) के क्लोजिंग प्राइस का औसत लिया जाता है. इसी आधार पर निवेशकों को प्रति यूनिट 11,003 रुपये का रिडेम्पशन प्राइस मिलेगा.
यानी अगर किसी ने 2019 में SGB का एक यूनिट 3,890 रुपये में खरीदा था, तो 2025 में समय से पहले रिडीम करने पर उसे 11,003 रुपये मिलेंगे.
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रिटर्न का कैलकुलेशन
अब सवाल है कि SGB पर 183% रिटर्न का आंकड़ा कैसे निकला? इसका कैलकुलेशन इस तरह है -
शुरुआती निवेश: 3,890 रुपये
रिडेम्पशन प्राइस: 11,003 रुपये
कीमत का अंतर: 7,113 रुपये
कैलकुलेशन इस तरह होगा:
(7113 ÷ 3890) × 100 = 183%
यह रिटर्न सिर्फ प्राइस ग्रोथ का है. इसमें निवेशकों को मिले ब्याज की गिनती शामिल नहीं है.
कीमत बढ़ने के अलावा ब्याज का भी फायदा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में एक और आकर्षक पहलू है – सालाना 2.5% की फिक्स्ड ब्याज दर. यह ब्याज निवेशक को हर 6 महीने में उसके बैंक अकाउंट में मिलता है. यानी रिडेम्पशन प्राइस के अलावा निवेशक इन 6 सालों में लगातार ब्याज भी पा चुके होंगे. कुल मिलाकर SGB निवेशकों के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ है.
फिजिकल गोल्ड से SGB बेहतर क्यों
रिटर्न के अलावा कई और वजहों से भी SGB में निवेश फिजिकल गोल्ड से ज्यादा फायदेमंद होता है.
इसमें सोने को सुरक्षित रखने की चिंता नहीं रहती.
ज्वेलरी की तरह मेकिंग चार्ज और प्योरिटी चेक करने का झंझट नहीं होता.
सोने की बढ़ती कीमतों के फायदे के साथ ही ब्याज भी मिलता है.
निवेशकों के लिए जरूरी सावधानियां
अगर आपके पास SGB है और आप समय से पहले रिडीम करना चाहते हैं तो यह पक्का कर लें कि आपके बॉन्ड की सीरीज और इश्यू डेट ठीक से मिला ली गई है. RBI हर सीरीज के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन शेड्यूल तय करता है. आपको तय समय से पहले अपनी रिक्वेस्ट देनी होगी, तभी रिडेम्पशन हो पाएगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 सीरीज-IV के निवेशकों को इस बार समय से पहले बाहर निकलने पर लगभग 183% का शानदार रिटर्न मिल रहा है. अगर ब्याज की कमाई को जोड़ दें तो फायदा और भी बढ़ जाएगा. सरकार ने पिछले लंबे अरसे से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज जारी नहीं की है.